मऊ: जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के असलपुर में प्रधान मुन्ना राव बागी की हत्या के 16 माह बाद हुई गवाह के भतीजे अरविंद की हत्या ने सबको हिला कर रख दिया था. वहीं इसको लेकर पूरी अनुसूचित बस्ती में सन्नाटा पसरा है. वहीं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व पीएसी के जवान बस्ती के चारों तरफ पहरा दे रहे हैं. वहीं आरोपी राहुल सिंह के मोहल्ले में भी पुलिसकर्मियों की तैनाती है, क्योंकि अरविंद की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ ने सवर्ण मोहल्ले में आगजनी करते हुए हमला बोल दिया था. इस दौरान दो लोगों को गम्भीर चोट लगी थी.
आरोप है कि इनामी अपराधी राहुल सिंह ने असलपुर पुलिया पर गांव के युवक अरविद की गोली मारकर 12 जनवरी की शाम हत्या कर दी थी. पोस्टमार्टम के बाद युवक के शव का कड़ी सुरक्षा में बुधवार की देर रात गाजीपुर घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस घटना से गांव में तनाव और आक्रोश को देखते हुए पुलिस सहित पीएसी की दो गाड़ियां लगाई गई हैं. वहीं पीड़ित परिवार सहित पूर्व प्रधान मुन्ना राव बागी के घर भी लोग भी सहमे हैं. परिवार का मानना है कि युवक की हत्या आगामी पंचायत चुनाव में दहशत व गवाहों पर दबाव डालने के लिए की गई है. वहीं मुख्य आरोपित राहुल अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. इसे लेकर गांव में प्रशासन और पुलिस के प्रति लोगों में आक्रोश है. स्थानीय लोग पुलिस और प्रशाशन की किसी बात पर भरोसा नहीं कर रहे हैं. युवक के पिता की तहरीर पर राहुल सिंह के खिलाफ पुलिस ने हत्या और एससीएसटी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
मृतक के चाचा सहित 6 पर भी हुआ है मुकदमा
12 जनवरी को अरविंद की हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने राजपूत मोहल्ले में आगजनी करते हुए हमला बोल दिया था. इस दौरान जहां दो लोगों को गम्भीर चोट आई थी. वहीं आगजनी में पुवाल और पुलिस की दो वाहन जलकर राख हो गए थे. इस बवाल में पुलिस ने मृतक के चाचा शम्भू राम सहित छः लोगों पर सरकारी सम्पत्ति के नुकसान और जानलेवा हमला के लिए मुकदमा दर्ज कर लिया है और सवर्ण मोहल्ले में पुलिस की तैनाती है. ताकि कोई दुर्घटना न हो.