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घोसी सीट पर मोदी के 'कटप्पा' का इम्तिहान, विपक्षी बनकर उभरे हैं महेंद्र

घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके महेंद्र राजभर जिन्हें पीएम मोदी ने कटप्पा का नाम दिया था, वह इस बार के चुनावी रण में भाजपा के विपरीत उतरे हैं. देखना है कि उन्हें जनता का कितना प्यार मिलता है.

महेंद्र राजभर सुभासपा प्रत्याशी
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Published : May 19, 2019, 4:29 AM IST

मऊ : 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान पीएम मोदी मऊ में जनसभा करने आए थे. उस दौरान उन्होंने मऊ सदर सीट से महेंद्र राजभर को 'कटप्पा' बताकर 'बाहुबली' मुख्तार अंसारी के खिलाफ वोट मांगा था. तब वह 'कटप्पा' भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा का प्रत्याशी था, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में वहीं 'कटप्पा' भाजपा के प्रत्याशी हरिनारायण राजभर के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है.

मोदी के कटप्पा हैं मैदान में, क्या होगा नतीजा
  • पीएम मोदी ने महेंद्र राजभर को 'कटप्पा' और जेल में बंद बसपा उम्मीदवार मुख्तार अंसारी को बाहुबली बताया था.
  • पीएम ने कहा कि महेंद्र कटप्पा हैं और फिल्म में बाहुबली का सब कुछ समाप्त कर दिया था, उसी प्रकार से इस कटप्पा का दम दिखाई देगा.
  • बहरहाल कटप्पा बाहुबली मुख्तार को हरा नहीं पाए, लेकिन कटप्पा नाम से प्रसिद्ध हो गए.

महेंद्र राजभर कहते हैं उन्हें पीएम ने 'कटप्पा' नाम दिया था, इसपर उन्हें कुछ कहना नहीं है. लेकिन जनता ने उन्हें मौका दिया तो पूर्व सांसद स्व. कल्पनाथ राय की तरह घोसी लोकसभा का विकास करेंगे. ज्ञात हो कि घोसी लोकसभा में राजभर वोटों की संख्या करीब 1 लाख 25 हजार के आसपास है. ऐसे में राजभरों का समर्थन किसके पक्ष में जाता है यह तो 23 मई का चुनाव परिणाम ही बताएगा. जिसके बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की राजभरों में राजनीतिक पकड़ का अंदाजा आंकड़ों में भी दिख जाएगा.

मऊ : 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान पीएम मोदी मऊ में जनसभा करने आए थे. उस दौरान उन्होंने मऊ सदर सीट से महेंद्र राजभर को 'कटप्पा' बताकर 'बाहुबली' मुख्तार अंसारी के खिलाफ वोट मांगा था. तब वह 'कटप्पा' भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा का प्रत्याशी था, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में वहीं 'कटप्पा' भाजपा के प्रत्याशी हरिनारायण राजभर के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है.

मोदी के कटप्पा हैं मैदान में, क्या होगा नतीजा
  • पीएम मोदी ने महेंद्र राजभर को 'कटप्पा' और जेल में बंद बसपा उम्मीदवार मुख्तार अंसारी को बाहुबली बताया था.
  • पीएम ने कहा कि महेंद्र कटप्पा हैं और फिल्म में बाहुबली का सब कुछ समाप्त कर दिया था, उसी प्रकार से इस कटप्पा का दम दिखाई देगा.
  • बहरहाल कटप्पा बाहुबली मुख्तार को हरा नहीं पाए, लेकिन कटप्पा नाम से प्रसिद्ध हो गए.

महेंद्र राजभर कहते हैं उन्हें पीएम ने 'कटप्पा' नाम दिया था, इसपर उन्हें कुछ कहना नहीं है. लेकिन जनता ने उन्हें मौका दिया तो पूर्व सांसद स्व. कल्पनाथ राय की तरह घोसी लोकसभा का विकास करेंगे. ज्ञात हो कि घोसी लोकसभा में राजभर वोटों की संख्या करीब 1 लाख 25 हजार के आसपास है. ऐसे में राजभरों का समर्थन किसके पक्ष में जाता है यह तो 23 मई का चुनाव परिणाम ही बताएगा. जिसके बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की राजभरों में राजनीतिक पकड़ का अंदाजा आंकड़ों में भी दिख जाएगा.

Intro:मऊ। 2017 के विधानसभा चुनावों का दौरान पीएम मोदी मऊ में जनसभा करने आए थे. उस दौरान उन्होंने मऊ सदर सीट से महेंद्र राजभर को 'कटप्पा' बताकर 'बाहुबली' मुख्तार अंसारी के खिलाफ वोट मांगा था. तब वह 'कटप्पा' भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा का प्रत्याशी था. लेकिन इस इस बार के लोकसभा चुनाव में वही 'कटप्पा' भाजपा के प्रत्याशी हरिनारायण राजभर के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है.


Body:बता दें कि 27 फरवरी 2017 को चुनावी रैली में पीएम मोदी ने महेंद्र राजभर को 'कटप्पा' और जेल में बंद बसपा उम्मीदवार मुख्तार अंसारी को बाहुबली बताया था. मोदी ने मंच से अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह छड़ी लेकर खड़े महेंद्र राजभर की ओर मुखातिब होते हुए कहा ' बाहुबली फिल्म आई थी. बाहुबली फिल्म में कटप्पा पात्र था. बाहुबली का सब कुछ तबाह कर दिया था उसने. इस छड़ी वाले में वह दम है. यह छड़ी नहीं, कानून का डंडा है .11 मार्च को इसकी ताकत दिखाई देगी।' गौरतलब है कि तब मुख्तार अंसारी को 'कटप्पा'हरा नहीं सका. 'बाहुबली' मुख्तार अंसारी को 96793 वोट मिले वहीं महेंद्र राजभर 88095 वोट पाकर 8698 वोट से हार गए. भले ही वह चुनाव हार गए लेकिन पूरे जिले में उनकी पहचान का 'कटप्पा' के रूप में हो गई.

महेंद्र राजभर कहते हैं उन्हें पीएम ने 'कटप्पा' नाम दिया था इसपर उन्हें कुछ कहना नहीं है. लेकिन जनता ने उन्हें मौका दिया तो पूर्व सांसद स्व. कल्पनाथ राय की तरह घोसी लोकसभा का विकास करेंगे.

बता दें कि घोसी लोकसभा में राजभर वोटों की संख्या करीब 1 लाख 25 हजार के आसपास है. ऐसे में राजभरों का समर्थन किसके पक्ष में जाता है यह तो 23 मई का चुनाव परिणाम ही बताएगा. जिसके बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की राजभरों में राजनीतिक पकड़ का अंदाजा आंकड़ों में भी दिख जाएगा.

बाईट - महेंद्र राजभर (प्रत्याशी, सुभासपा, घोसी लोकसभा)


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