मऊ : जनपद के मधुबन तहसील में गोंड जाति के लोगों को अब तक अनुसूचित जाति/ जनजाति की श्रेणी में शामिल नहीं किया जा सका है. इसके चलते इन्हें जाति प्रमाणपत्र भी जारी नहीं हो सका है. जाति प्रमाणपत्र के अभाव में समाज के लोग पंचायत चुनाव में नामांकन नहीं कर पा रहे हैं. इसे लेकर शनिवार को मधुबन तहसीलदार कार्यालय के सामने समाज के लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया. मौके पर कार्यालय में तहसीलदार मौजूद नहीं मिले. स्थानीय पुलिस ने समझा-बुझाकर इन लोगों के तहसील परिसर से वापस किया.
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जनपद के मधुबन तहसील के लोग वंचित
बता दें कि गोंड जाति के लोग वर्षों से अनुसूचित जाति/ जनजाति में सम्मिलित होने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. विडंबना यह है कि बगल के जनपद में कई तहसीलों में गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित किया गया है लेकिन जनपद के मधुबन तहसील में इस जाति के लोग अब भी इससे वंचित हैं.
इसके कारण जनपद में होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव जो कि 29 अप्रैल को होने हैं. शनिवार और रविवार को नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू है. ऐसे में इस जाति के लोग नामांकन के दौरान अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी का प्रमाणपत्र नहीं जमा कर पा रहे हैं. इससे उन्हें नामांकन से वंचित होना पड़ रहा है.
पंचायती व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी
समाजिक कार्यकर्ता सुरेश ने बताया कि शनिवार और रविवार को नामांकन के लिए प्रशासन ने तिथि तय की है. वहीं, उनके पास अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र ना होने से चुनाव में हिस्सेदारी करने में दिक्कत हो रही है. वह लोग नामांकन प्रक्रिया से वंचित हो रहे हैं.
इस वजह से शनिवार को तहसीलदार कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. बताया कि इस संबंध में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी बयान देने से कतरा रहे है. ऐसे में पंचायती व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है.