मऊः मनरेगा श्रमिकों को देश के सबसे बड़े संस्थान रेलवे से जोड़ने की तैयारी अपने अंतिम दौर में है. यूं कहा जाए की अब मनरेगा श्रमिकों के मेहनत से रेलवे दौड़ेगी. पीएम मोदी ने मनरेगा योजना को रेलवे से जोड़कर और विस्तार दे दिया है. अभी तक मनरेगा के तहत मजदूरों को ग्राम पंचायत के कार्यों में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होते थे उसे अब विश्व की सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्क से जोड़ दिया गया है. मऊ जनपद में 15,000 से ऊपर मनरेगा मजदूरों को इसका लाभ मिलेगा. इसकी जानकारी जिला विकास अधिकारी और प्रभारी उपायुक्त मनरेगा ने दी.
मनरेगा मजदूर रेलवे में करेंगे काम
अब मऊ जनपद में दो-तीन दिन के अंदर मनरेगा मजदूरों को भारतीय रेलवे से जोड़ दिया जाएगा. लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की मुहिम में केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार बेरोजगारी दूर करने के लिए नई-नई योजनाओं पर काम कर रही है. जिला विकास अधिकारी एवं प्रभारी उपायुक्त मनरेगा विजय शंकर राय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा रेलवे को मनरेगा से काम कराने का निर्देश जारी किया गया है.
स्टीमेट के आधार पर उपलब्ध होंगे मजदूर
इसको लेकर पूर्वोत्तर रेलवे के डिविजनल इंजीनियर वाराणसी से संपर्क किया गया था. इनको मनरेगा के बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी गई है. साथ ही मऊ के अधिकारियों ने भी संपर्क किया था. पहले रेलवे अपना काम चिन्हित कर स्टीमेट तैयार करेगी. जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृति देकर मजदूर उपलब्ध करा दिया जाएगा. विजय शंकर राय ने बताया कि सिविल इंजीनियर हम लोगों से संपर्क में हैं. जैसे ही कार्यों का स्टीमेट देंगे हम लोग उनको श्रमिक उपलब्ध करवा देंगे.
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी होगी दूर
उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी पहल है जनपद में लॉकडाउन के दौरान 45,000 प्रवासी मजदूर वापस आए हैं. उनमें से लगभग 15,000 मजदूरों को मनरेगा से जोड़ा जाएगा. रेलवे की पटरी बनाने के काम पौधारोपण करने का काम, रेलवे के निर्माण में ठेकेदार के माध्यम से लेबर और मिस्त्री के साथ ही अन्य कई प्रकार के कामों के लिए मजदूरों की जरूरत पड़ती है. इन जगहों पर अब मनरेगा के मजदूर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि यह बहुत दूरदर्शी योजना है इसके धरातल पर उतरने के बाद बहुत हद तक ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दूर होगी.