मऊ: कानपुर देहात के चर्चित बिकरू कांड(bikru case) में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की रिहाई की मांग बीजेपी एमएलसी उमेश द्विवेदी (mlc umesh dwivedi) ने की है. इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है. साथ ही पुलिस के क्रियाकलापों पर प्रश्नचिन्ह भी खड़ा किया है. विधायक उमेश द्विवेदी मऊ में निजी कार्यक्रम से आए थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए अपनी ही सरकार पर निशाना साधा.
'लड़की ब्याह के आई है तो क्या वह जंगल में रहेगी'
भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी उमेश द्विवेदी (mlc umesh dwivedi) ने कहा कि खुशी दुबे के साथ अन्याय हो रहा है. जो लड़की 4 दिन पहले शादी करके घर आई हो, उसको इसलिए गिरफ्तार किया गया कि वह घटना के समय घर पर थी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब लड़की ब्याह के आई है तो क्या वह जंगल में रहेगी. एमएलसी उमेश द्विवेदी ने कहा कि खुशी दुबे पर न ही कोई दोष है न कोई मुकदमा है. उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है. वह बहुत ही गरीब परिवार की लड़की है. शादी के बाद 8 दिन तक तो रस्म अदायगी का कार्य होता है. उसके हाथ की मेहंदी भी नहीं छुट्टी थी जब उसे गिरफ्तार किया गया. उमेश द्विवेदी ने कहा कि गिरफ्तारी के समय एसपी ने कहा था कि खुशी निर्दोष है, उसको पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं. पूछताछ करके छोड़ दिया जाएगा, लेकिन छोड़ने की बात तो दूर है दस माह हो गया अभी तक आरोप पत्र भी दाखिल नहीं हुआ. तब से वह जेल में है. अब तो उसकी हालत इतनी खराब है कि लोहिया अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है.
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मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
उमेश द्विवेदी ने कहा कि उसकी न तो कोई सूचना बाहर आ रही है और न ही उसके किसी परिजन को मिलने दिया जा रहा है. इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. पुलिस द्वारा जो उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. वह गलत है.