मऊ: जिले के मधुबन तहसील का देवरांचल इलाका इस समय भीषण बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ की विभीषिका झेल रहे देवरांचल वासियों से मिलने शनिवार को प्रदेश सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान पहुंचे. ग्रामीणों से मिलकर वन मंत्री ने उनकी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया.
जिले के घोसी और मधुबन तहसील के दर्जनों गांव घाघरा नदी की बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ की चपेट में आने वाले गांव गजियापुर, देवारा, विन्दटोलिया, परसिया जयराम गिरी, चक्किमुसा डोहि, धर्मपुर विशुनपुर, हाहा नाला, भगतपुरा, खैरा, मिस्रौली शामिल हैं.
बाढ़ क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे वन मंत्री ने पांच अगस्त को हुए नाव हादसे में 6 लोगों की मौत की जांच कराने की बात कही. इसके साथ ही सिंचाई विभाग के द्वारा घाघरा नदी के बाढ़ के पानी को रोकने के लिए बनाए गए बंधे को टूटने और बाढ़ का पानी घुसने से परेशान ग्रामीण जनता तक हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया. उन्होंने लापरवाह अधिकारियों पर जांच कर कार्रवाई की बात कही.
गौरतलब है कि घाघरा नदी की कटान होने से जहां किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. वहीं मधुबन तहसील के चक्किमुसा डोहि गांव में नाव पलटने से तीन मासूम बच्चे, दो महिलाएं और एक बच्ची की मौत हो गई थी. वहीं स्थानीय तहसील के गजियापुर गांव में सिंचाई विभाग के बनाये गए बंधे के टूट जाने से तीन गांव में ग्रामीणों के घर में पानी घुस जाने से ग्रमीण बंधे पर चार दिनों से बसेरा बना कर रहने को मजबूर हो गए. जिला प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को सरकारी राशन भोजन की व्यवस्था कराई गई है.
वनमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार द्वारा जो भी योजनाएं हैं, उनको जनता तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए सभी तरह की मदद करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि आज आजमगढ़ जिले के महुला बंधा से होते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र मधुबन के बाढ़ क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी सभी समस्याओं को दूर किया जाएगा. जनता की समस्याओं को दूर करने के मेरे द्वारा 50 करोड़ रुपये से अधिक तक का काम कराया गया है. इसके अलावा मधुबन तहसील के चक्किमुसा डोहि गांव में नाव हादसे में सभी पीड़ितों को चार-चार लाख रुपए की मदद दिया गया है.
इस हादसे में जो भी जिम्मेदार हैं, उसकी जांच कराई जायेगी. तहसील क्षेत्र के गजियापुर गांव में बने सिंचाई विभाग के बंधे के टूट जाने से तीन गांव डूब गए थे. ग्रामीणों के घर पानी में घुस गया. ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर वनमंत्री ने कहा कि जो भी दोषी अधिकारी या कर्मचारी होगा, उसकी जांच कराई जाएगी. उसको बख्शा नहीं जाएगा.