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मऊ: सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जे का मामला, ईओ सहित 15 पर FIR

मऊ जिले में भू-माफियाओं के खिलाफ प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है. इसी सिलसिले में जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है. डीएम के आदेश पर 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें जिला अस्पताल के सामने स्थित पोखरी पर किए गए अतिक्रमण पर तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष और ईओ को भी दोषी माना गया है.

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जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी.
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Published : Jun 17, 2020, 7:20 AM IST

Updated : Jun 17, 2020, 2:30 PM IST

मऊ: भू-माफियाओं ने शहर में विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक जमीन पर कब्जा कर रखा है. इसके विरुद्ध जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी अभियान चला रहें हैं. डीएम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक पोखरी पर किए गए अतिक्रमण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है. जिला अस्पताल के सामने सरायलखंसी थाना क्षेत्र के इमिलिया स्थित पोखरी पर किए गए अतिक्रमण पर प्रशासन ने तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ को भी दोषी माना है.

दरअसल, जिला अस्पताल के सामने सरकारी दस्तावेज में पोखरी दर्ज है. इस पर प्रशासनिक मिलीभगत से लगातार अतिक्रमण चल रहा है. इसके चलते पोखरी खत्म होने के कगार पर है. पोखरी में जहां पानी होना चाहिए वहां आज बड़ी-बड़ी इमारतें शोभा बढ़ा रही हैं. हालांकि 'गांव बचाओ मोर्चा' के छोटेलाल गांधी सहित कई संगठन इस पर कार्रवाई की मांग करते रहे हैं. इधर प्रशासन ने इसकी जांच कराई तो इसमें 15 लोग संलिप्त पाए गए. वहीं प्रशासन की इस बड़ी कार्रवाई से भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया है.

तहसीलदार सदर पीसी श्रीवास्तव ने तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ सहित 15 अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध 'प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट' के तहत सरायलखंसी थाने में एफआइआर दर्ज कराई है. मंगलवार को सदर तहसीलदार पीसी श्रीवास्तव ने सरायलखंसी थाने में रामाज्ञा मौर्य, साधना, कौशल कुमार, भानूप्रताप, रामकृष्ण विशेन, प्रमिला सिंह, निर्मला पांडेय, अनिल सिंह, भरत सिंह के साथ तत्कालीन चेयरमैन नगर पालिका व ईओ सहित 15 के विरुद्ध एंटी भू-माफिया में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

मऊ: भू-माफियाओं ने शहर में विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक जमीन पर कब्जा कर रखा है. इसके विरुद्ध जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी अभियान चला रहें हैं. डीएम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक पोखरी पर किए गए अतिक्रमण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है. जिला अस्पताल के सामने सरायलखंसी थाना क्षेत्र के इमिलिया स्थित पोखरी पर किए गए अतिक्रमण पर प्रशासन ने तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ को भी दोषी माना है.

दरअसल, जिला अस्पताल के सामने सरकारी दस्तावेज में पोखरी दर्ज है. इस पर प्रशासनिक मिलीभगत से लगातार अतिक्रमण चल रहा है. इसके चलते पोखरी खत्म होने के कगार पर है. पोखरी में जहां पानी होना चाहिए वहां आज बड़ी-बड़ी इमारतें शोभा बढ़ा रही हैं. हालांकि 'गांव बचाओ मोर्चा' के छोटेलाल गांधी सहित कई संगठन इस पर कार्रवाई की मांग करते रहे हैं. इधर प्रशासन ने इसकी जांच कराई तो इसमें 15 लोग संलिप्त पाए गए. वहीं प्रशासन की इस बड़ी कार्रवाई से भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया है.

तहसीलदार सदर पीसी श्रीवास्तव ने तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ सहित 15 अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध 'प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट' के तहत सरायलखंसी थाने में एफआइआर दर्ज कराई है. मंगलवार को सदर तहसीलदार पीसी श्रीवास्तव ने सरायलखंसी थाने में रामाज्ञा मौर्य, साधना, कौशल कुमार, भानूप्रताप, रामकृष्ण विशेन, प्रमिला सिंह, निर्मला पांडेय, अनिल सिंह, भरत सिंह के साथ तत्कालीन चेयरमैन नगर पालिका व ईओ सहित 15 के विरुद्ध एंटी भू-माफिया में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

Last Updated : Jun 17, 2020, 2:30 PM IST
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