मऊ : जिंदा तो नहीं, मुर्दा ही लौटा दो मेरे लाल को. कुछ साल पहले कमाने के लिए विदेश गए एक युवक का परिवार सरकार से उसकी लाश लौटा लाने की गुहार लगा रहा है. युवक के जीते जी उसने कई कोशिशें की कि भारत सरकार तक अपनी बात पहुंचा कर जिंदा अपने वतन लौट सके, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो सका. आखिरकार शुक्रवार को सऊदी में ही युवक की मौत हो गई.
मामला जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के चकाउत गांव का है. यहां रहने वाला मोहम्मद इरफान दो साल पहले कमाने के लिए सऊदी गया था. वहां नौकरी के दौरान उसे चोट लग गई, जिसमें उसकी किडनी खराब हो गई. इरफान पिछले आठ महीने से वॉयस रिकॉर्डिंग के जरिए भारत सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश कर रहा था. उसकी वॉयस रिकॉर्डिंग वायरल भी हुई और लोकल मीडिया में इसे जगह भी मिली. पर किसी भी तरह उसकी आवाज सरकार तक नहीं पहुंच सकी. आखिरकार शुक्रवार को सऊदी में ही उसने दम तोड़ दिया.
इसके बाद मृतक के चाचा ने इसरार अहमद ने बताया कि सरकार से उनकी उम्मीदें टूट चुकी हैं. इसलिए वह मीडिया की शरण में आकर गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे के शव को ही वतन वापस मंगा दें. ताकि परिजन उसका अंतिम संस्कार कर सकें. पीड़ित परिजनों ने पिछले 8 महीनों से विदेश मंत्रालय से लेकर मुख्यमंत्री तक को कई पत्र लिखे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब तो उनके मुंह से एक ही बात निकल रही है कि 'जिंदा न सही तो मुर्दा ही लौटा दो मेरे लाल को.'