मऊ : कोपागंज के फोरलेन अंडरपास के पास पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस ने इस अंतरजनपदीय गिरोह के तीन सदस्यों को भी पकड़ा है. आरोपियों के पास से 14 लाख 11 हजार की फेंक करेंसी भी बरामद की गई है. गिरोह के सदस्य इन नकली नोटों को बाजार में खपाने की फिराक में थे. चेकिंग के दौरान एसओजी और कोपागंज पुलिस ने यह कार्रवाई की है. कार ने नकली नोट और मशीन भी बरामद की.
कार की तलाशी में मिले रुपये : अपर पुलिस अधीक्षक महेश सिंह अत्री ने बताया कि तीनों तस्कर काफी दिनों से नकली नोटों का अवैध धंधा कर रहे थे. उनके तार कई जिलों में फैले हुए हैं. रविवार को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली. इसके बाद एसओजी और कोपागंज पुलिस टीम ने सघन चेकिंग शुरू कर दी. इस दौरान एक स्विफ्ट कार को रुकवा कर उसकी तलाशी ली गई. इस दौरान पुलिस को प्लास्टिक के तीन थैले में 14 लाख 11000 रुपए के नकली नोट बरामद हुए, इसके अलावा 117400 के असली नोट भी बरामद हुए. तीन आरोपी भी पकड़े गए. इनमें अंकुर कुमार बिन्द निवासी हाटा, गाजीपुर, सुरेन्द्र सागर सिंह सोनकर निवासी तकिया, थाना राबर्टसगंज सोनभद्र, कुणाल यादव निवासी कान्दर थाना सैदपुर गाजीपुर हैं.
सोनभद्र जेल में तीनों आरोपियों में हुई दोस्ती : पुलिस को कार की डिग्गी से एक प्रिंटर मशीन, तीन पेपर भी मिले. अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तस्करों से कड़ाई से पूछताछ करने पर बताया कि तीनों मिलकर प्रिंटिंग मशीन से फर्जी नोट छापते थे. वे कई जिलों में घूम-घूम कर जनता को धोखे से फर्जी नोट थमाकर उनसे असली नोट ले लेते थे. रविवार को भी तस्कर नकली नोट लेकर गोरखपुर बदलने के लिए जा रहे थे. आरोपी अंकुर सोनभद्र जिले में जेल में रह चुका है. सोनभद्र जेल में ही उसकी सुरेन्द्र सागर और कुणाल यादव से मुलाकात हुई. इस दौरान तीनों दोस्त बन गए. जमानत के बाद सोशल मीडिया पर जाली नोट बनाने के तरीकों को खोजा. इसके बाद नकली नोट छापने लगे.
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