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मऊ: सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से चलने वाले पेरिस प्लाजा को किया गया सील

यूपी के मऊ जिले में सिटी मजिस्ट्रेट ने सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से चल रहे पेरिस प्लाजा को सीज कर दिया है. इससे भू-माफियाओं में खलबली मची हुई है.

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मऊ जिले में सिटी मजिस्ट्रेट ने सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से चल रहे पेरिस प्लाजा को सीज कर दिया.
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Published : Feb 1, 2020, 4:50 PM IST

मऊ: जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के निर्देश पर नगर क्षेत्र के प्रतिष्ठित पेरिस प्लाजा को सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से निर्मित होने का आदेश पारित किया गया, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने पेरिस प्लाजा को सीज करते हुए शहर कोतवाली की अभिरक्षा में सौंप दिया. अरबों रुपये मूल्य की जमीन पर हुई इस कार्रवाई से जिले के भू-माफिया में खलबली मच गई है.

सिटी मजिस्ट्रेट ने की कार्रवाई.

बख्तावरगंज निवासी अजय कुमार राय की शिकायत पर एसडीएम अतुल वत्स ने जब अभिलेखों को खंगाला तो पता चला कि लेखपाल ने फर्जी तरीके से जकी अहमद के नाम दर्ज कर दिया था. तब से जकी अहमद के वारिसों के नाम पर यह जमीन होती रही. अजय कुमार की शिकायत पर सिटी मजिस्ट्रेट एसके सचान ने पेरिस प्लाजा की जमीन को सीज कर दिया, जिससे उस पर चल रहा होटल और मार्ट भी बंद हो गया. इस कारण कई लोग बेरोजगार हो गए. बेरोजगारों ने प्रशासन से रोजगार की गुहार लगाई है.

पेरिस प्लाजा का निर्माण आरबीओ एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप नहीं था, इसलिए इनको नोटिस दिया गया था. नोटिस के बाद ये उपस्थित भी हुए, लेकिन इसका संचालन इन्होंने बंद नहीं किया. क्योंकि भवन अवैध है तो इसका संचालन भी अवैध है. इसलिए सीलिंग की कार्रवाई की गई है.
-एसके सचान, सिटी मजिस्ट्रेट

ये भी पढ़ें: मऊ: सरकारी जमीन की हेरा-फेरी का मामला उजागर, FIR दर्ज

मऊ: जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के निर्देश पर नगर क्षेत्र के प्रतिष्ठित पेरिस प्लाजा को सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से निर्मित होने का आदेश पारित किया गया, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने पेरिस प्लाजा को सीज करते हुए शहर कोतवाली की अभिरक्षा में सौंप दिया. अरबों रुपये मूल्य की जमीन पर हुई इस कार्रवाई से जिले के भू-माफिया में खलबली मच गई है.

सिटी मजिस्ट्रेट ने की कार्रवाई.

बख्तावरगंज निवासी अजय कुमार राय की शिकायत पर एसडीएम अतुल वत्स ने जब अभिलेखों को खंगाला तो पता चला कि लेखपाल ने फर्जी तरीके से जकी अहमद के नाम दर्ज कर दिया था. तब से जकी अहमद के वारिसों के नाम पर यह जमीन होती रही. अजय कुमार की शिकायत पर सिटी मजिस्ट्रेट एसके सचान ने पेरिस प्लाजा की जमीन को सीज कर दिया, जिससे उस पर चल रहा होटल और मार्ट भी बंद हो गया. इस कारण कई लोग बेरोजगार हो गए. बेरोजगारों ने प्रशासन से रोजगार की गुहार लगाई है.

पेरिस प्लाजा का निर्माण आरबीओ एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप नहीं था, इसलिए इनको नोटिस दिया गया था. नोटिस के बाद ये उपस्थित भी हुए, लेकिन इसका संचालन इन्होंने बंद नहीं किया. क्योंकि भवन अवैध है तो इसका संचालन भी अवैध है. इसलिए सीलिंग की कार्रवाई की गई है.
-एसके सचान, सिटी मजिस्ट्रेट

ये भी पढ़ें: मऊ: सरकारी जमीन की हेरा-फेरी का मामला उजागर, FIR दर्ज

Intro:मऊ - जिले के जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के निर्देश पर नगर क्षेत्र का प्रतिष्ठित पेरिस प्लाजा को सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से निर्मित होने का आदेश पारित किया गया। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने पेरिस प्लाजा को चारो तरफ से सीज करते हुए शहर कोतवाली के अभिरक्षा में सौप दिया। अरबों रुपये मूल्य की जमीन पर हुई इस कार्रवाई से जिले के भू-माफियाओं में खलबली मची है।Body:जानकारी के अनुसार दस्तावेजों में होराफेरी करके बुनाई विद्यालय को 1962 में बेची गयी। इसके बाद जमीन को 1362 फसली में राजस्व अभिलेखों में इसे जहीर हसन आदि के नाम अंकित कर जिला उद्योग को यही जमीन दोबारा बेची गयी थी। बख्तावरगंज निवासी अजय कुमार राय की शिकायत पर एसडीएम अतुल वत्स ने जब अभिलेखों को खंगाला तो पता चला कि लेखपाल ने फर्जी तरीके से जकी अहमद के नाम दर्ज कर दिया था। तब से जकी अहमद के वारिसों को वरासत होती रही। Conclusion:जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट एस के सचान ने पेरिस प्लाजा की जमीन को सीज किया। उसपे चल रहा होटल और भीमार्ट बाजार में बंद हो गया। जिस कारण कई बेरोजगार हो गये। बेरोजगारों ने प्रशासन से रोजगार की गुहार लगाई है।

वाइट-1- एस के सचान (एसडीएम, मऊ)

वेद मिश्रा, मऊ - 9415219385
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