मऊः नगर पालिका कम्यूनिटी हाल में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जहां एक तरफ गोष्ठी मंच पर जिले के सम्मानित अधिकारी और नेतागण मौजूद थे. उन्हीं के सामने पापी पेट के लिए नाबालिग बच्चे सबको चाय पिला रहे थे.
गोष्ठी के माध्यम से किसान हितों पर चर्चा की गई. साथ ही आयोजित कृषि मेले में किसानों ने अपने कृषि योग्य संसाधनों और बीजों के बारे में जानकारी लिया. इन सब के बीच किसान गोष्ठी और मेला फ्लाप साबित होता नजर आया, क्योंकि कार्यक्रम में ही दो नाबालिग बच्चे उपस्थित लोगों को चाय पिला रहे थे.
मंच पर उपस्थित लोग चाय की चुस्की ले रहे थे. उपस्थित लोगों में से किसी ने भी उन बच्चों को बाल मजदूरी करने से मना नहीं किया. ना ही उन्हे पढाई के प्रति जागरुक किया. इस मामले में आर के मौर्य (मंडल कृषि उप निदेशक) से पूछने पर उन्होंने बताया कि मैं बाल मजदूरी के मामले में बात करूंगा अधिकारियों से वैसे दुकानदार को बच्चों को नहीं भेजना चाहिए था.
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गौरतलब है कि बाल मजदूरी के मामलें प्रायः प्रकाश में आते रहते हैं. श्रम विभाग आये दिन कार्वाई भी करता है, लेकिन लापरवाही के चलते बाल मजदूरी के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में सभी को जागरुक होकर बाल मजदूरी को रोकने का प्रयास करना चाहिए.