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मऊः कृषि विभाग के कार्यक्रम में बाल मजदूरी, नाबालिगों ने पिलाई चाय

उत्तर प्रदेश के मऊ में दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी और मेले का आयोजन किया गया. मेले में दो नाबालिग बच्चे लोगों को चाय पिलाते नजर आये. मंच पर जिले के अधिकारी और नेतागण मौजूद रहे उन्हीं के सामने यह सब होता रहा लेकिन किसी का इधर ध्यान नहीं गया.

जानकारी देते आर के मौर्य.
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Published : Aug 20, 2019, 8:04 PM IST

मऊः नगर पालिका कम्यूनिटी हाल में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जहां एक तरफ गोष्ठी मंच पर जिले के सम्मानित अधिकारी और नेतागण मौजूद थे. उन्हीं के सामने पापी पेट के लिए नाबालिग बच्चे सबको चाय पिला रहे थे.

कृषि विभाग के कार्यक्रम में बाल मजदूरी.


गोष्ठी के माध्यम से किसान हितों पर चर्चा की गई. साथ ही आयोजित कृषि मेले में किसानों ने अपने कृषि योग्य संसाधनों और बीजों के बारे में जानकारी लिया. इन सब के बीच किसान गोष्ठी और मेला फ्लाप साबित होता नजर आया, क्योंकि कार्यक्रम में ही दो नाबालिग बच्चे उपस्थित लोगों को चाय पिला रहे थे.


मंच पर उपस्थित लोग चाय की चुस्की ले रहे थे. उपस्थित लोगों में से किसी ने भी उन बच्चों को बाल मजदूरी करने से मना नहीं किया. ना ही उन्हे पढाई के प्रति जागरुक किया. इस मामले में आर के मौर्य (मंडल कृषि उप निदेशक) से पूछने पर उन्होंने बताया कि मैं बाल मजदूरी के मामले में बात करूंगा अधिकारियों से वैसे दुकानदार को बच्चों को नहीं भेजना चाहिए था.

इसे भी पढ़ेंः-मऊ: दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी और मेले का आयोजन


गौरतलब है कि बाल मजदूरी के मामलें प्रायः प्रकाश में आते रहते हैं. श्रम विभाग आये दिन कार्वाई भी करता है, लेकिन लापरवाही के चलते बाल मजदूरी के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में सभी को जागरुक होकर बाल मजदूरी को रोकने का प्रयास करना चाहिए.

मऊः नगर पालिका कम्यूनिटी हाल में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जहां एक तरफ गोष्ठी मंच पर जिले के सम्मानित अधिकारी और नेतागण मौजूद थे. उन्हीं के सामने पापी पेट के लिए नाबालिग बच्चे सबको चाय पिला रहे थे.

कृषि विभाग के कार्यक्रम में बाल मजदूरी.


गोष्ठी के माध्यम से किसान हितों पर चर्चा की गई. साथ ही आयोजित कृषि मेले में किसानों ने अपने कृषि योग्य संसाधनों और बीजों के बारे में जानकारी लिया. इन सब के बीच किसान गोष्ठी और मेला फ्लाप साबित होता नजर आया, क्योंकि कार्यक्रम में ही दो नाबालिग बच्चे उपस्थित लोगों को चाय पिला रहे थे.


मंच पर उपस्थित लोग चाय की चुस्की ले रहे थे. उपस्थित लोगों में से किसी ने भी उन बच्चों को बाल मजदूरी करने से मना नहीं किया. ना ही उन्हे पढाई के प्रति जागरुक किया. इस मामले में आर के मौर्य (मंडल कृषि उप निदेशक) से पूछने पर उन्होंने बताया कि मैं बाल मजदूरी के मामले में बात करूंगा अधिकारियों से वैसे दुकानदार को बच्चों को नहीं भेजना चाहिए था.

इसे भी पढ़ेंः-मऊ: दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी और मेले का आयोजन


गौरतलब है कि बाल मजदूरी के मामलें प्रायः प्रकाश में आते रहते हैं. श्रम विभाग आये दिन कार्वाई भी करता है, लेकिन लापरवाही के चलते बाल मजदूरी के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में सभी को जागरुक होकर बाल मजदूरी को रोकने का प्रयास करना चाहिए.

Intro:मऊ - जिले में दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी एवं मेला का आयोजन किया गया। जिसमें दो नाबालिक बच्चें लोगों को चाय पिलाते हुए नजर आया। एक तरफ गोष्ठी मंच पर जिले के सम्मानित अधिकारी और नेतागण मौजूद रहे। तो वही उन्ही के सामने अपने पापी पेट के लिए नाबालिक बच्चे बाल मजदूरी कर रहे थे। लेकिन किसी भी सम्मानित जन ने उन्हे ऐसा करने से मना नही किया। साथ ही किसी ने भी अपनी जिम्मेदारी नही समझा की बच्चों को समझा कर उन्हे पढाई के लिए प्रेरित किया जाये।
Body:नगर पालिका कम्यूनिटी हाल में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी एवं मेला का आयोजन किया गया। इस कार्य़क्रम में जिले के तमाम अधिकारी और नेता गण ने अपनी उपस्थिती दर्ज करवाई। साथ ही गोष्ठी के माध्यम से किसान हितों पर चर्चा किया। इसके साथ ही आयोजित कृषि मेले में किसानों ने अपने कृषि योग्य संसाधनों औऱ बीजों के बारे में जानकारी किया। लेकिन इस सब के बीच किसान गोष्ठी और मेला कार्य़क्रम इस लिए फ्लाप साबित होता नजर आया कि कार्य़क्रम के समय ही दो नाबालिक बच्चे कार्य़क्रम में उपस्थित लोगों को चाय पिला रहे थे। मंच पर उपस्थित मंचासीन लोग और कार्य़क्रम में उपस्थित किसी ने भी उन बच्चों को बाल मजदूरी करने से मना नही किया। ना ही उन्हे पढाई के प्रति जागरुक किया।
Conclusion:गौरतलब हो कि बाल मजदूरी के मामलें अक्सर प्रकाश में आते रहते है। श्रम विभाग आये दिन कार्य़वाही भी करती है। लेकिन लापरवाही के चलते भी बाल मजदूरी के मामलें बढ रहे है। ऐसे में सभी को जागरुक हो कर बाल मजदूरी को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए।

वाइट-1- सुजीत कुमार (नाबालिक छात्र)
वाइट-2- आर के मौर्य (मंडल कृषि उप निदेशक, आजमगढ)

वेद मिश्रा, मऊ
9415219385
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