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RTI के तहत सूचना न देने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी पर लगा जुर्माना

यूपी के मऊ में RTI के तहत अपूर्ण व भ्रामक सूचना देने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है. आयोग ने बीएसए के वेतन से तीन समान किस्तों में जुर्माना भरने का आदेश दिया है.

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Published : Dec 28, 2020, 6:04 PM IST

बेसिक शिक्षा अधिकारी
बेसिक शिक्षा अधिकारी

मऊ: सूचना का अधिकार-2005 के तहत मांगी गई जानकारी का अपूर्ण जवाब देने और राज्य सूचना आयुक्त के समक्ष उपस्थित न होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने आयोग के रजिस्ट्रार को अर्थदंड की वसूली बीएसए के वेतन से तीन समान किस्तों में करने का आदेश दिया है.

दिसंबर-2018 में अली बिल्डिंग सहादतपुरा निवासी विनोद कुमार वर्मा ने आरटीआई के तहत बीएसए से आठ बिदुओं पर शहर के गोल्डेन चिल्ड्रेन स्कूल कालीचौरा, मुंशीपुरा के बारे में कुछ जानकारी मांगी थी. सूचना मांगने वाले विनोद वर्मा का आयोग में कथन था कि उन्हें भ्रामक और अपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराई गईं. आयोग ने माना कि बीएसए द्वारा दी गई सूचनाएं अपूर्ण व भ्रामक थीं.

राज्य सूचना आयोग में कई गई थी शिकायत

आरटीआई के तरह सही सूचना न मिलने पर विनोद वर्मा ने राज्य प्राधिकारी से शिकायत की थी. जिसमें जांच के दौरान प्रस्तुत पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन से आयोग ने भी यह माना कि बीएसए द्वारा दी गई सूचनाएं अपूर्ण व भ्रामक हैं. इसके बाद आयोग ने जब बीएसए को नोटिस भेजकर तलब किया तो वह अपना पक्ष रखने के लिए प्रस्तुत नहीं हुए.

इस प्रकार वादी को जानबूझकर वांछित सूचनाएं उपलब्ध न कराने, आयोग के पूर्व आदेशों की अवहेलना करने तथा प्रकरण में शिथिलता बरतने का दोषी करार देते हुए आयोग ने 25,000 रुपये का अर्थदंड लगाया. आयोग ने 10 दिनों के भीतर विनोद द्वारा मांगी गई आठ बिंदुओं की जानकारी का सही जवाब तैयार कर वादी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

मऊ: सूचना का अधिकार-2005 के तहत मांगी गई जानकारी का अपूर्ण जवाब देने और राज्य सूचना आयुक्त के समक्ष उपस्थित न होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने आयोग के रजिस्ट्रार को अर्थदंड की वसूली बीएसए के वेतन से तीन समान किस्तों में करने का आदेश दिया है.

दिसंबर-2018 में अली बिल्डिंग सहादतपुरा निवासी विनोद कुमार वर्मा ने आरटीआई के तहत बीएसए से आठ बिदुओं पर शहर के गोल्डेन चिल्ड्रेन स्कूल कालीचौरा, मुंशीपुरा के बारे में कुछ जानकारी मांगी थी. सूचना मांगने वाले विनोद वर्मा का आयोग में कथन था कि उन्हें भ्रामक और अपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराई गईं. आयोग ने माना कि बीएसए द्वारा दी गई सूचनाएं अपूर्ण व भ्रामक थीं.

राज्य सूचना आयोग में कई गई थी शिकायत

आरटीआई के तरह सही सूचना न मिलने पर विनोद वर्मा ने राज्य प्राधिकारी से शिकायत की थी. जिसमें जांच के दौरान प्रस्तुत पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन से आयोग ने भी यह माना कि बीएसए द्वारा दी गई सूचनाएं अपूर्ण व भ्रामक हैं. इसके बाद आयोग ने जब बीएसए को नोटिस भेजकर तलब किया तो वह अपना पक्ष रखने के लिए प्रस्तुत नहीं हुए.

इस प्रकार वादी को जानबूझकर वांछित सूचनाएं उपलब्ध न कराने, आयोग के पूर्व आदेशों की अवहेलना करने तथा प्रकरण में शिथिलता बरतने का दोषी करार देते हुए आयोग ने 25,000 रुपये का अर्थदंड लगाया. आयोग ने 10 दिनों के भीतर विनोद द्वारा मांगी गई आठ बिंदुओं की जानकारी का सही जवाब तैयार कर वादी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

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