मऊ: 'कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों'. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है मऊ जिला स्थित ग्राम पंचायत ब्राम्हणपुरा के प्रधान अमित कुमार ने. स्नातक डिग्री धारक अमित गांव की तस्वीर बदलकर मिसाल पेश कर रहे हैं. जिस आदर्श गांव की बातें फाइलों और नेताओं के भाषण में अक्सर सुनने को मिलती हैं, वे ब्राम्हणपूरा गांव की जमीन पर नजर आ रही हैं. ये गांव हर उस मूलभूत सुविधा से लैस है, जिसकी हम परिकल्पना करते हैं. यहां की कच्ची गलियां अब पक्के रास्ते में बदल चुकी हैं.
गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का परिसर स्वच्छ और सुंदर है. ग्राम सभा का समुचित विकास हो, इसके लिए आवंटित धनराशि के अतिरिक्त प्रधान अमित कनौजिया ने अपने निजी खर्च से हर घर पानी की सप्लाई पहुंचाने का काम किया है. इसके साथ-साथ गांव स्थित मंदिर और तालाब का सौंदर्य रूप भी विकास का मॉडल पेश करा रहा है.
विद्यालय की बदल दी तस्वीरशायद गांव का हर नागरिक अपना मुखिया अमित कुमार जैसा चुनना चाहेगा, जो उनकी उम्मीदों से बढ़कर गांव को आदर्श गांव के रूप में स्थापित करे. अमित कुमार सभी की उम्मीदों पर खरा उतरे हैं. ब्राम्हणपूरा गांव में प्रवेश करते ही रंग-बिरंगे पेंटिंग से सजी स्कूल की दीवारें सभी को आकर्षित करती हैं. प्राथमिक विद्यालय की साज सज्जा किसी कान्वेंट स्कूल को मात देती नजर आएगी. ग्राम प्रधान अमित का उद्देश्य सिर्फ गांव का समुचित विकास करना है. उन्होंने माली हालत में पड़े प्राथमिक स्कूल के कायाकल्प में 10 लाख से अधिक का बजट खर्च किया. उनका मानना है कि बेहतर इनवायरमेंट और अच्छे स्कूल होने से गांव में भी बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिलेगी, जिससे गरीब का बेटा भी पढ़ लिखकर आगे बढ़ेगा. जब गांव शिक्षित होगा, तभी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.
प्रधान अमित कुमार कनौजिया ने ब्राम्हणपुरा गांव को बनाया आदर्श गांव. गली-गली इंटरलॉकिंग, घर-घर पानीदो हजार की आबादी वाले ब्राम्हणपुरा गांव के विकास की चर्चा आस-पास के गांवों में हीं नहीं, बल्कि पूरे ब्लाक स्तर पर है. इस गांव को नगर पालिका की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. गांव ओडीओपी यानी (खुले में शौच मुक्त) है. यहां जो फाइलों में दर्ज है, वही धरातल पर नजर आ रहा है. पंचायत निधि से गांव की गली-गली में खड़ंजा और इंटरलॉकिंग कराई गई है. गांव में स्वच्छता का खास ख्याल रखा जाता है. पानी की निकासी के लिए बन्द नालियों का निर्माण कराया गया है. प्रधान ने पानी की समस्या से जूझ रहे गांव के सभी मुहल्लों में समर्सिबल लगवाकर पाइप के जरिए घर-घर पानी सप्लाई की व्यवस्था कराई है.
प्रधान अमित कुमार कनौजिया ने ब्राम्हणपुरा गांव को बनाया आदर्श गांव.
ग्रामीणों के प्रधान के कढ़े कसीदे
ग्रामीण सुशीला ने बताया कि प्रधान ने बहुत बढ़िया काम किया है. पहले दूर से पानी लाती थीं, लेकिन अब घर से बाहर नहीं जाना पड़ता. घर के बाहर शौचालय बन गया और पानी की भी व्यवस्था हो गई है. उनका कहना है कि ऐसा प्रधान अब तक नहीं हुआ. गांव निवासी आशुतोष दुबे बताते हैं कि ब्राह्मणपुरा गांव में अब तक जो प्रधान हुए, उन्होंने गांव के विकास के लिए इस तरह का समर्पण नहीं दिखाया, लेकिन प्रधान अमित कुमार ने जो काम किया है, वह जिले में किसी प्रधान ने शायद किया हो. गांव में पक्के रास्ते, पक्की नाली, शौचालय, अच्छा स्कूल और मनरेगा में लोगों को काम मिल रहा है. शायद किसी गांव को इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है.
प्रधान अमित कुमार कनौजिया ने ब्राम्हणपुरा गांव को बनाया आदर्श गांव. गांव के समुचित विकास के लिए हैं प्रयासरतग्राम प्रधान अमित कुमार कनौजिया ने बताया कि पंचायत निधि के पैसे से ही गांव का विकास हो रहा है. मैं केवल भाग-दौड़ करके बजट लाने का प्रयास करता हूं. काम इसलिए दिख रहा है कि मैं अपने लिए रुपये बचाने की कोशिश नहीं करता. मैं सोचता हूं कि गांव का समग्र विकास हो जाए, इससे अधिक का लाभ मिलेगा. गांव में 1500 मीटर इंटरलॉकिंग, 1500 मीटर खड़ंजा, 200 शौचालय, चार समर्सिबल, 1000 मीटर पक्की नाली, दो सुंदर तालाब, स्कूल का कायाकल्प सहित कई कार्य किए गए. उनका कहना है यदि सरकार से अधिक धन मिलेगा तो आगे अन्य जरूरी कार्य कराए जाएंगे.