मऊ : मुहम्मदाबाद गोहना थाना क्षेत्र के देवसीपुर गांव निवासी गैंगेस्टर अजीत सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा रहा. अजीत सिंह की पत्नी ब्लाॅक प्रमुख रानू सिंह ने गमगीन माहौल में अपने पति के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी हत्या में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले में न्याय की मांग की. इस मौके पर सगड़ी विधायक वंदना सिंह सहित मऊ और आजमगढ़ के भाजपा नेता उपस्थित रहे.
रानू सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज भी वह न्याय के लिए भटक रहीं हैं. आरोप लगाया कि उनके पति के हत्या की साजिश रचने वाला पूर्व सांसद धनंजय सिंह खुलेआम क्रिकेट खेल रहा है. इसके बावजूद पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है. CM योगी से भी कई बार गूजारिश की गई है कि आरोपी पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.
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कहा, 'मैंने यूपी पुलिस के बड़े अधिकारी से लेकर थाना के दरोगा तक अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई लेकिन मुझे सुरक्षा के नाम पर मात्र एक गनर मिला है. मेरी जान को हमेशा खतरा बना रहता है. मेरे पति के हत्याकांड में जांच आज भी जारी है. आरोपियों का प्रभाव इतना है कि जो भी इंस्पेक्टर जांच करता है, उसका कुछ ही दिनों में तबादला कर दिया जाता है. इसके चलते एक वर्ष पूरे हो गए लेकिन अभी तक जांच नहीं हुई. मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की उम्मीद लगाए बैठी हूं'.
वहीं, सगड़ी विधायक वंदना सिंह ने कहा कि रानू सिंह के दर्द को वह समझती हैं. यह दर्द उन्होंने भी देखा है और झेल रहीं हैं. आरोप लगाया कि उनके पति के हत्यारे कुंटू सिंह द्वारा ही अजीत सिंह की हत्या करवाई गई. अजीत की हत्या इसलिए हुई क्योंकि वह उनके पति की हत्या के मुख्य गवाह थे.
दावा किया कि रानू सिंह के न्याय के लिए वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिल चुकीं हैं. उन्होंने कहा कि इन्हें जरूर न्याय मिलेगा.
मामले में धनंजय सिंह अब तक गिरफ्तार नहीं
गौरतलब है कि पिछले दिनों 2017 के एक पुराने मामले में अपनी जमानत रद्द करवाकर पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. यहां से कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें नैनी जेल भेजा गया था. बीते 11 मार्च को नैनी जेल में सुरक्षा का खतरा होने पर उन्हें सेंट्रल जेल फतेहगढ़ शिफ्ट किया गया था. उन्हें 20 दिन सेंट्रल जेल की सलाखों के पीछे रहने के बाद आखिरकार कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया लेकिन धनंजय सिंह की रिहाई गुपचुप तरीके से हुई.
उन्हें लेने कुछ गाड़ियां पहुंची और वह भी सेंट्रल जेल से कुछ दूरी पर खड़ी रहीं. बाद में उनके रिहा होते ही उनको लेकर चली गईं. बता दें कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की लखनऊ में हुई हत्या के मामले में बाहुबली धनंजय सिंह का नाम आने के बाद लखनऊ लखनऊ पुलिस सरगर्मी से उनकी तलाश कर रही थी. उन पर 25000 का इनाम भी घोषित किया था. वहीं, सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद शुक्ल ने बताया कि पूर्व सांसद की न्यायालय ने जमानत मंजूर कर ली थी. इसका आदेश प्राप्त होने पर उन्हें बुधवार को सुबह रिहा कर दिया गया.