मऊ: जिले के रानीपुर ब्लॉक में मनरेगा के कार्यों में लाखों रुपये का घोटाला उजागर हुआ है. जिलाधिकारी ने रानीपुर ब्लॉक के पूर्व और वर्तमान खंड विकास अधिकारी सहित आठ के खिलाफ कार्रवाई की है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत गांव में विकास के लिए लाखों रुपये का धन आवंटित हुआ था. इसमें बंदरबाट की शिकायत पर जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने रानीपुर विकास खंड के पूर्व और वर्तमान खंड विकास अधिकारी सहित आठ के विरुद्ध कार्रवाई की है.
9.50 लाख का हुआ है घोटाला
रानीपुर ब्लॉक के कमरवां गांव में शिकायत के बाद 9.50 लाख का घोटाला उजागर हुआ है. जिलाधिकारी ने वर्तमान बीडीओ को छोड़कर शेष सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश डीसी मनरेगा को दिया है. एपीओ, तकनीकी सहायक और रोजगार सेवक की संविदा भी समाप्त की जाएगी. दोषी ग्राम प्रधान को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज की जाएगी.
जिलाधिकारी ने किया था कार्यों का निरीक्षण
घोटाला करने में पूर्व बीडीओ हरिबंश प्रसाद, वर्तमान बीडीओ जयेश कुमार सिंह, लेखाकार संजय सिंह, सेक्रेटरी विजय शंकर सिंह, एपीओ परवेज असलम, तकनीकी सहायक अजय कुमार, रोजगार सेवक मंजू देवी और ग्राम प्रधान गोविंद राम शामिल हैं. जिलाधिकारी ने बीते दिनों रानीपुर ब्लॉक के कमरवां ग्राम पंचायत में मनरेगा के हुए कार्यों का निरीक्षण किया था.
वर्तमान बीडीओ ने लगाई थी ऑल इस वेल की रिपोर्ट
इस दौरान लगभग 9.50 लाख रुपये का घोटाला उजागर हुआ. जिलाधिकारी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद वर्तमान बीडीओ जयेश कुमार सिंह से ग्राम पंचायत की जांच करवाई गई तो सब ऑल इज वेल रिपोर्ट लगाई थी. इसे देखते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति के लिए शासन को भेजा गया है. फिलहाल इनके ऊपर एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाएगी.
जांच में यह निकल कर आया है कि 12 किसानों के खेतों के समतलीकरण के नाम पर भी लाखों रुपये का गबन हुआ है, जबकि एक ही किसान के खेत की फोटो कई बार लगाई गई है. शिवलोचन राजभर के घर से नदी तट तक चकमार्ग पर कार्य दिखाया गया है. यहां कार्य होना पाया नहीं गया है. इसके अलावा पिचरोड में भी 1,48,770 रुपये का घपला किया गया है.