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मऊ: अतुल अंजान ने की चुनाव आयोग के मॉनिटरिंग की मांग - election commission

सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने चुनाव आयोग पर बड़े सवाल खड़े किए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के क्रियाकलापों को ठीक करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाए जाने की जरूरत है.

अतुल कुमार अंजान ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
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Published : Mar 31, 2019, 12:12 PM IST

मऊ : सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पीएम मोदी और चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं. चुनाव आयोग की गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि चुनाव आयोग की असफलताओं और विकृतियों पर सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे.

वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता अतुल कुमार अंजान ने चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग धीरे-धीरे निष्प्रभावी संस्था की तरफ कदम बढ़ाता चला जा रहा है. सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में सिर्फ मतदाताओं की क्षमता ही नहीं देखने को मिलेगी, बल्कि अब देश में चुनाव आयोग कितना सक्षम रह गया है, इसका भी परीक्षण होगा.

अमित शाह के नामांकन के मुद्दे पर बात करते हुए अतुल अंजान ने कहा कि अमित शाह के नामांकन ने चुनाव आयोग के सारे नियम-कानून तोड़ दिए गए. शाह के नामांकन में मंच बनाने, साज-सज्जा में 35 करोड़ रुपए खर्च कर किए गए. चुनाव आयोग के आचार संहिता का माखौल उड़ रहा है, इसको ठीक करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाए जाने की जरूरत है.

अतुल कुमार अंजान ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल.

अतुल अंजान ने प्रधानमंत्री पर अपशब्दों के प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत के राजनीतिक इतिहास में इतने निचले स्तर तक जाकर किसी प्रधानमंत्री ने अपशब्दों का प्रयोग नहीं किया था. पीएम मोदी ने दूसरी पार्टियों को शराब कहा है जिसमें सपा, बसपा और रालोद शामिल हैं. राजनैतिक व्यवस्था और पार्टियों के सम्बन्ध में ऐसा बोलना दिमागी दिवालियेपन को दिखाता है.

अतुल कुमार अंजान घोसी लोकसभा से इस बार फिर सीपीआई के उम्मीदवार हैं. 2014 लोकसभा में चुनाव में उन्हें महज 18,112 वोट मिले थे, जो कुल पड़े वोटों का 1.75 प्रतिशत था. अतुल अंजान कहते हैं कि वह लोगों में राजनीतिक चेतना जागृत करने के लिए सीपीआई, सीपीएम और समानांतर सोच की पार्टियों के समर्थन से मैदान में हैं.

मऊ : सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पीएम मोदी और चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं. चुनाव आयोग की गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि चुनाव आयोग की असफलताओं और विकृतियों पर सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे.

वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता अतुल कुमार अंजान ने चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग धीरे-धीरे निष्प्रभावी संस्था की तरफ कदम बढ़ाता चला जा रहा है. सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में सिर्फ मतदाताओं की क्षमता ही नहीं देखने को मिलेगी, बल्कि अब देश में चुनाव आयोग कितना सक्षम रह गया है, इसका भी परीक्षण होगा.

अमित शाह के नामांकन के मुद्दे पर बात करते हुए अतुल अंजान ने कहा कि अमित शाह के नामांकन ने चुनाव आयोग के सारे नियम-कानून तोड़ दिए गए. शाह के नामांकन में मंच बनाने, साज-सज्जा में 35 करोड़ रुपए खर्च कर किए गए. चुनाव आयोग के आचार संहिता का माखौल उड़ रहा है, इसको ठीक करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाए जाने की जरूरत है.

अतुल कुमार अंजान ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल.

अतुल अंजान ने प्रधानमंत्री पर अपशब्दों के प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत के राजनीतिक इतिहास में इतने निचले स्तर तक जाकर किसी प्रधानमंत्री ने अपशब्दों का प्रयोग नहीं किया था. पीएम मोदी ने दूसरी पार्टियों को शराब कहा है जिसमें सपा, बसपा और रालोद शामिल हैं. राजनैतिक व्यवस्था और पार्टियों के सम्बन्ध में ऐसा बोलना दिमागी दिवालियेपन को दिखाता है.

अतुल कुमार अंजान घोसी लोकसभा से इस बार फिर सीपीआई के उम्मीदवार हैं. 2014 लोकसभा में चुनाव में उन्हें महज 18,112 वोट मिले थे, जो कुल पड़े वोटों का 1.75 प्रतिशत था. अतुल अंजान कहते हैं कि वह लोगों में राजनीतिक चेतना जागृत करने के लिए सीपीआई, सीपीएम और समानांतर सोच की पार्टियों के समर्थन से मैदान में हैं.

Intro:मऊ। सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पीएम मोदी और चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं. चुनाव आयोग की गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि चुनाव आयोग की असफलताओं और विकृतियों पर सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे.


Body:वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता अतुल कुमार अंजान ने चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग धीरे धीरे निष्प्रभावी संस्था की तरफ कदम बढ़ाता चला जा रहा है. सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में सिर्फ मतदाताओं की क्षमता ही नहीं देखने को मिलेगी बल्कि अब देश में चुनाव आयोग कितना सक्षम रह गया है, इसका भी परीक्षण होगा.

गुजरात के गांधीनगर में अमित शाह के नामांकन के मुद्दे पर कहा कि आज अमित शाह के नामांकन ने चुनाव आयोग के सारे नियम कानून तोड़ दिए गए. शाह के नामांकन में मंच बनाने, साज-सज्जा और नृत्यमें 35 करोड़ रुपए खर्च कर किए गए. अंजान ने पूछा कि क्या इसका खर्चा नामांकन के खर्च में नहीं जुड़ना चाहिए. यह केंद्र सरकार के दो मंत्रियों राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल की मौजूदगी में हुआ. चुनाव आयोग के आचार संहिता की धज्जियां उड़ रही हैं, आयोग क्या कर रहा है. चुनाव आयोग के क्रियाकलापों को ठीक करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाए जाने की जरूरत है. अयोध्या प्रकरण में बातचीत के लिए सुप्रीम कोर्ट समिति बना सकता है तो 135 करोड़ लोगों के जन तंत्र को संचालित करने की संस्था जब मृतप्राय हो रही तो उसे भी सुधारना पड़ेगा. भ्रष्टाचार रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में विनोद राय को एक एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पे भेजा है. अब समय आ रहा है कि जब चुनाव आयोग की असफलताओं और विकृतियों पर हस्तक्षेप करके लोकतंत्र को बचाना चाहिए. चुनाव आयोग पर भी निगरानी समिति बनाई जानी चाहिए.

यूपी में सपा बसपा के गठबंधन और नेताओं के दल बदल पर कहा कि सांप्रदायिक पार्टी से आए हुए लोग इस पार्टी के सिरमौर बन रहे हैं. सपा-बसपा में टिकट देने के लिए बाहरी नेताओं की होड़ लगी है, जीतने के लिए बाहरी नेता पार्टी में आ रहे हैं, क्या इनके पार्टी के कार्यकर्ता बेकार हो गए. डॉ लोहिया और कांशीराम के विचारों का क्या हुआ. उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता राजनीति के दलदल में फंस गया है जिसे निकालने के लिए वामपंथी और जनवादी शक्तियां काम कर रही हैं.

अभिनेताओं के राजनीतिक पार्टियों से जुड़ने के सवाल पर कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री ही तरह-तरह का भेष बनाकर और फोटो खिंचाकर कुटिल अभिनेता बनने की कोशिश करे तो अभिनेता यदि राजनीति में आ रहे तो दोष नहीं दिया जा सकता. अतुल अंजान ने प्रधानमंत्री पर अपशब्दों के प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत के राजनीतिक इतिहास में इतने नीचले स्तर तक जाकर किसी प्रधानमंत्री ने अपशब्दों का प्रयोग नहीं किया था. प्रधानमंत्री ने दूसरी पार्टियों को शराब कहा है जिसमें सपा, बसपा और रालोद हैं. राजनैतिक व्यवस्था और पार्टियों के सम्बन्ध में ऐसा बोलना दिमागी दिवालियेपन को दिखाता है. चुनाव आयोग से सम्बद्व पार्टियों के खिलाफ ऐसी भाषा बोलकर अवमानना की जा रही है लेकिन कोई चुनाव आयोग नहीं कह रहा. मैं प्रधानमंत्री को सलाह देता हूं कि जिसके आप समर्थक हैं उसकी दुकान से जाकर ऐसी दवाइयां खाइए जिससे मानसिक और शारीरिक सामंजस्य बना रहे ताकि वाणी न फिसले वरना अगली बैठक में अपशब्दों से भरे शब्द आपके सम्बन्ध में प्रयोग किए जाएंगे. भाजपा केंद्र और प्रदेश सरकार में सरकारी मशीनरियों और संचार माध्यमों का दुरुपयोग कर रही है.

बता दें कि अतुल कुमार अंजान घोसी लोकसभा से इस बार फिर सीपीआई के उम्मीदवार हैं. 2014 लोकसभा में चुनाव में उन्हें महज 18112 वोट मिले था जो कुल पड़े वोटों का 1.75 प्रतिशत था. अतुल अंजान कहते हैं कि वह लोगों में राजनीतिक चेतना जागृत करने के लिए सीपीआई, सीपीएम और समानांतर सोच की पार्टियों के समर्थन से मैदान में हैं. समाजवादी, बुनकर, किसान और नौजवानों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए चुनाव लड़ता हूं.


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