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मऊ: गो आश्रय स्थल में भरा पानी, ब्लॉक परिसर में रखे गए पशु

यूपी के मऊ में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने मनुष्यों के साथ पशुओं के लिए भी भारी समस्या खड़ी कर दी है. जिले के गो आश्रय स्थल में पानी भरने के बाद खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर गो आश्रय स्थल के सभी पशुओं को ब्लॉक परिसर में लाया गया.

ब्लॉक परिसर में रखे गए पशु.
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Published : Oct 5, 2019, 4:28 PM IST

मऊ: पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश होने से पशुओं की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. मोहम्मदाबाद गोहना खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर कर्मचारियों ने सभी पशुओं को ब्लॉक परिसर में शिफ्ट कर दिया.

गो आश्रय स्थल में भरा पानी.

दोपहिया वाहन भी गिरे

  • पशुओं को सरयां से ब्लॉक तक लाने में कर्मियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा था.
  • पशुओं के सड़क पर आने से सड़क पर यात्रा कर रहे लोगों को भी सावधान होना पड़ा.
  • पशुओं की भीड़ ने सड़क किनारे खड़े दोपहिया वाहनों को भी गिरा दिया.

किसान क्यों हैं परेशान
आवारा पशुओं से राहगीरों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं. किसानों को रात में भी जगकर अपने खेतों की निगरानी करनी पड़ती है. वहीं दिन में भी किसान छुट्टे पशुओं को एक गांव से दूसरे गांव छोड़ आते हैं. इससे दूसरे गांव के लोगों से विवाद भी हो जाता है.

प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण निराश्रित पशु आश्रय स्थल योजना के तहत जनपद में कुल 24 आश्रय स्थल खोले गए हैं. इनमें 1,159 गोवंश रखे गए हैं. नगर पालिका सहित जिले की सभी नौ न्याय पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों में 14 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण किया गया है. छोटी दीवारों और केवल लोहे की पाइप और एंगिल के सहारे लगाए गए टीन शेड के नीचे इन्हें रखा गया है. कई केंद्रों की तो चहारदीवारी भी नहीं है. इनमें रखे गए पशुओं को भर पेट भोजन नहीं दिया जाता है. इसके चलते कई केंद्रों पर काफी पशु मर चुके हैं. वहीं इन दिनों भारी वर्षा भी पशुओं के लिए खतरा बन रही है.

गो आश्रय स्थल में चारों तरफ पानी भर गया है. खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर पशुओं को वहां से निकालकर ब्लॉक परिसर में लाया गया है. जब तक गो आश्रय स्थल से पानी नहीं हटता तब तक पशुओं को ब्लॉक परिसर में रखा जाएगा.
-लाल जी, सफाईकर्मी

मऊ: पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश होने से पशुओं की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. मोहम्मदाबाद गोहना खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर कर्मचारियों ने सभी पशुओं को ब्लॉक परिसर में शिफ्ट कर दिया.

गो आश्रय स्थल में भरा पानी.

दोपहिया वाहन भी गिरे

  • पशुओं को सरयां से ब्लॉक तक लाने में कर्मियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा था.
  • पशुओं के सड़क पर आने से सड़क पर यात्रा कर रहे लोगों को भी सावधान होना पड़ा.
  • पशुओं की भीड़ ने सड़क किनारे खड़े दोपहिया वाहनों को भी गिरा दिया.

किसान क्यों हैं परेशान
आवारा पशुओं से राहगीरों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं. किसानों को रात में भी जगकर अपने खेतों की निगरानी करनी पड़ती है. वहीं दिन में भी किसान छुट्टे पशुओं को एक गांव से दूसरे गांव छोड़ आते हैं. इससे दूसरे गांव के लोगों से विवाद भी हो जाता है.

प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण निराश्रित पशु आश्रय स्थल योजना के तहत जनपद में कुल 24 आश्रय स्थल खोले गए हैं. इनमें 1,159 गोवंश रखे गए हैं. नगर पालिका सहित जिले की सभी नौ न्याय पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों में 14 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण किया गया है. छोटी दीवारों और केवल लोहे की पाइप और एंगिल के सहारे लगाए गए टीन शेड के नीचे इन्हें रखा गया है. कई केंद्रों की तो चहारदीवारी भी नहीं है. इनमें रखे गए पशुओं को भर पेट भोजन नहीं दिया जाता है. इसके चलते कई केंद्रों पर काफी पशु मर चुके हैं. वहीं इन दिनों भारी वर्षा भी पशुओं के लिए खतरा बन रही है.

गो आश्रय स्थल में चारों तरफ पानी भर गया है. खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर पशुओं को वहां से निकालकर ब्लॉक परिसर में लाया गया है. जब तक गो आश्रय स्थल से पानी नहीं हटता तब तक पशुओं को ब्लॉक परिसर में रखा जाएगा.
-लाल जी, सफाईकर्मी

Intro:मऊ। यूपी के पूर्वांचल में पिछले दिनों लगातार हुई बारिश ने मनुष्यों के साथ ही पशुओं के लिए भी भारी समस्या खड़ी कर दी है. जनपद मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के सरयां ग्राम सभा में बने गो आश्रय स्थल में दो-तीन फीट तक पानी भर गया है. पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश होने से यहां पशुओं की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. मोहम्मदाबाद गोहना खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर कर्मचारियों द्वारा सभी पशुओं को ब्लॉक परिसर में लाया गया. पशुओं को सरयां से ब्लॉक तक लाने में कर्मियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा. गो आश्रय स्थल से निकलकर दर्जनों पशुओं के सड़क पर आते ही सड़क पर जाम लग गया. वहीं सड़क पर यात्रा अर रहे लोगों को भी सावधान होना पड़ा. पशुओं की भीड़ ने सड़क किनारे खड़े दोपहिया वाहनों को भी गिरा दिया.Body:
बता दें कि छुट्टे पशुओं से राहगीरों के साथ साथ किसान भी परेशान है. किसानों को रात में भी जगकर अपने खेतों की निगरानी करनी पड़ती है. वहीं दिन में भी किसान छुट्टे पशुओं को एक गांव से दूसरे गांव हांक आते हैं. इससे दूसरे गांव के लोगों से विवाद भी हो जाता है. प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण निराश्रित पशु आश्रय स्थल योजना के तहत जनपद में कुल 24 आश्रय स्थल खोले गए हैं. इनमें 1159 गोवंश रखे गए हैं. नगर पालिका सहित जिले की सभी नौ न्याय पंचायतों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 14 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण किया गया है. छोटी दीवारों तथा केवल लोहे की पाइप और एंगिल के सहारे लगाए गए टीन शेड के नीचे इन्हें रखा गया है. कई केंद्रों की तो चहारदीवारी भी नहीं है. इनमें रखे गए पशुओं को भर पेट भोजन नहीं दिया जाता है. इसके चलते कई केंद्रों पर काफी पशु मर चुके हैं. वहीं इन दिनों भारी वर्षा भी पशुओं के लिए खतरा बन रही है.

सफाईकर्मियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि गो आश्रय स्थल में चारों तरफ पानी लग गया है. खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर पशुओं को वहां से निकालकर ब्लॉक परिसर में लाया गया है. जब तक गो आश्रय स्थल से स्थल में पानी नहीं हटता तब तक पशुओं को ब्लॉक परिसर में रखा जाएगा.

बाईट - अंजेश कुमार (कर्मचारी)
बाईट - लाल जी (सफाईकर्मी)Conclusion:
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