मऊ: पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश होने से पशुओं की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. मोहम्मदाबाद गोहना खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर कर्मचारियों ने सभी पशुओं को ब्लॉक परिसर में शिफ्ट कर दिया.
दोपहिया वाहन भी गिरे
- पशुओं को सरयां से ब्लॉक तक लाने में कर्मियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा था.
- पशुओं के सड़क पर आने से सड़क पर यात्रा कर रहे लोगों को भी सावधान होना पड़ा.
- पशुओं की भीड़ ने सड़क किनारे खड़े दोपहिया वाहनों को भी गिरा दिया.
किसान क्यों हैं परेशान
आवारा पशुओं से राहगीरों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं. किसानों को रात में भी जगकर अपने खेतों की निगरानी करनी पड़ती है. वहीं दिन में भी किसान छुट्टे पशुओं को एक गांव से दूसरे गांव छोड़ आते हैं. इससे दूसरे गांव के लोगों से विवाद भी हो जाता है.
प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण निराश्रित पशु आश्रय स्थल योजना के तहत जनपद में कुल 24 आश्रय स्थल खोले गए हैं. इनमें 1,159 गोवंश रखे गए हैं. नगर पालिका सहित जिले की सभी नौ न्याय पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों में 14 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण किया गया है. छोटी दीवारों और केवल लोहे की पाइप और एंगिल के सहारे लगाए गए टीन शेड के नीचे इन्हें रखा गया है. कई केंद्रों की तो चहारदीवारी भी नहीं है. इनमें रखे गए पशुओं को भर पेट भोजन नहीं दिया जाता है. इसके चलते कई केंद्रों पर काफी पशु मर चुके हैं. वहीं इन दिनों भारी वर्षा भी पशुओं के लिए खतरा बन रही है.
गो आश्रय स्थल में चारों तरफ पानी भर गया है. खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर पशुओं को वहां से निकालकर ब्लॉक परिसर में लाया गया है. जब तक गो आश्रय स्थल से पानी नहीं हटता तब तक पशुओं को ब्लॉक परिसर में रखा जाएगा.
-लाल जी, सफाईकर्मी