मऊ: देश के विभिन्न राज्यों में जिलेस्तर पर राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत AAA (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी) नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें सहजन के प्रयोग को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहीं आंगनबाड़ी महिलाओं और सीडीपीओ को रविवार को डीएम ने सम्मानित किया. इस दौरान एसपी, एएसपी, एसडीएम, सीएमओ, सीएमएस सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.
क्या है राष्ट्रीय पोषण मिशन
- पीएम मोदी ने राजस्थान के झुंझुनूं में मार्च 2018 को इस मिशन का आरंभ किया था.
- मिशन में कुपोषण के खिलाफ विभिन्न योजनाएं शामिल की गई हैं.
- जिलों में AAA (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी) नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
- कार्यक्रम में लोगों को कुपोषण के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूक किया जाता है.
- विभिन्न गतिविधियों के जरिए पोषक तत्वों और स्रोतों की जानकारी दी जाती है..
सहजन के लाभ
- यह दुनिया का सबसे पूरक पोषक आहार है.
- सहजन का फल, फूल, बीज, पत्तियां सभी लाभदायक है.
- इससे कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन की कमी दूर होती है.
- पत्ती के रस को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है.
- कुपोषण दूर करने में सहजन बहुत ही लाभकारी है.
एनिमिया से पीड़ित और कुपोषित महिलाओं को क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के प्रयोग करने को लेकर जागरूक किया गया. शासन द्वारा निर्देश दिया गया था कि आंगनबाड़ी केन्द्रों और गर्भवती महिला, कुपोषित बच्चों के घरों पर एक-एक सहजन का पेड़ लगाया गया. आंगनबाड़ी महिलाओं को मीटिंग में बुलाकर सहजन के उपयोग की जानकारी दी गई. प्रयोग विधि से सम्बन्धित वीडियो दिखाए गए.
दिनेश सिंह, सीडीपीओ
सहजन के प्रयोग को गांव में जागरूकता लाने लिए डीएम द्वारा प्रशस्ति पत्र और 5 हजार रुपये देकर सम्मानित किया गया है. हमने सहजन की पत्तियों को लड्डू में मिलाकर पुष्टाहार बनाया था. धात्री माताओं को पत्तियों के रस के सेवन को जागरूक किया. पत्ती के रस को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है. सहजन की पत्तियों को आटे में मिलाकर रोटियां भी दी जा सकती हैं.
गीता पाण्डेय, आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता