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मऊ: सहजन से कुपोषण दूर कर रही आंगनबाड़ी महिलाएं, डीएम ने किया सम्मानित

उत्तर प्रदेश के मऊ में राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत  AAA (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी) नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. पीएम मोदी ने राजस्थान के झुंझुनूं में मार्च 2018 को इस मिशन का आरंभ किया था. कार्यक्रम में लोगों को कुपोषण के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूक किया जाता है.

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Published : Aug 4, 2019, 2:52 PM IST

आंगनबाड़ी महिलाओं और सीडीपीओ को डीएम ने सम्मानित किया.

मऊ: देश के विभिन्न राज्यों में जिलेस्तर पर राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत AAA (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी) नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें सहजन के प्रयोग को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहीं आंगनबाड़ी महिलाओं और सीडीपीओ को रविवार को डीएम ने सम्मानित किया. इस दौरान एसपी, एएसपी, एसडीएम, सीएमओ, सीएमएस सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

आंगनबाड़ी महिलाओं और सीडीपीओ को डीएम ने सम्मानित किया.

क्या है राष्ट्रीय पोषण मिशन

  • पीएम मोदी ने राजस्थान के झुंझुनूं में मार्च 2018 को इस मिशन का आरंभ किया था.
  • मिशन में कुपोषण के खिलाफ विभिन्न योजनाएं शामिल की गई हैं.
  • जिलों में AAA (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी) नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
  • कार्यक्रम में लोगों को कुपोषण के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूक किया जाता है.
  • विभिन्न गतिविधियों के जरिए पोषक तत्वों और स्रोतों की जानकारी दी जाती है..

सहजन के लाभ

  • यह दुनिया का सबसे पूरक पोषक आहार है.
  • सहजन का फल, फूल, बीज, पत्तियां सभी लाभदायक है.
  • इससे कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन की कमी दूर होती है.
  • पत्ती के रस को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है.
  • कुपोषण दूर करने में सहजन बहुत ही लाभकारी है.

एनिमिया से पीड़ित और कुपोषित महिलाओं को क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के प्रयोग करने को लेकर जागरूक किया गया. शासन द्वारा निर्देश दिया गया था कि आंगनबाड़ी केन्द्रों और गर्भवती महिला, कुपोषित बच्चों के घरों पर एक-एक सहजन का पेड़ लगाया गया. आंगनबाड़ी महिलाओं को मीटिंग में बुलाकर सहजन के उपयोग की जानकारी दी गई. प्रयोग विधि से सम्बन्धित वीडियो दिखाए गए.

दिनेश सिंह, सीडीपीओ

सहजन के प्रयोग को गांव में जागरूकता लाने लिए डीएम द्वारा प्रशस्ति पत्र और 5 हजार रुपये देकर सम्मानित किया गया है. हमने सहजन की पत्तियों को लड्डू में मिलाकर पुष्टाहार बनाया था. धात्री माताओं को पत्तियों के रस के सेवन को जागरूक किया. पत्ती के रस को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है. सहजन की पत्तियों को आटे में मिलाकर रोटियां भी दी जा सकती हैं.

गीता पाण्डेय, आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता

मऊ: देश के विभिन्न राज्यों में जिलेस्तर पर राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत AAA (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी) नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें सहजन के प्रयोग को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहीं आंगनबाड़ी महिलाओं और सीडीपीओ को रविवार को डीएम ने सम्मानित किया. इस दौरान एसपी, एएसपी, एसडीएम, सीएमओ, सीएमएस सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

आंगनबाड़ी महिलाओं और सीडीपीओ को डीएम ने सम्मानित किया.

क्या है राष्ट्रीय पोषण मिशन

  • पीएम मोदी ने राजस्थान के झुंझुनूं में मार्च 2018 को इस मिशन का आरंभ किया था.
  • मिशन में कुपोषण के खिलाफ विभिन्न योजनाएं शामिल की गई हैं.
  • जिलों में AAA (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी) नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
  • कार्यक्रम में लोगों को कुपोषण के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूक किया जाता है.
  • विभिन्न गतिविधियों के जरिए पोषक तत्वों और स्रोतों की जानकारी दी जाती है..

सहजन के लाभ

  • यह दुनिया का सबसे पूरक पोषक आहार है.
  • सहजन का फल, फूल, बीज, पत्तियां सभी लाभदायक है.
  • इससे कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन की कमी दूर होती है.
  • पत्ती के रस को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है.
  • कुपोषण दूर करने में सहजन बहुत ही लाभकारी है.

एनिमिया से पीड़ित और कुपोषित महिलाओं को क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के प्रयोग करने को लेकर जागरूक किया गया. शासन द्वारा निर्देश दिया गया था कि आंगनबाड़ी केन्द्रों और गर्भवती महिला, कुपोषित बच्चों के घरों पर एक-एक सहजन का पेड़ लगाया गया. आंगनबाड़ी महिलाओं को मीटिंग में बुलाकर सहजन के उपयोग की जानकारी दी गई. प्रयोग विधि से सम्बन्धित वीडियो दिखाए गए.

दिनेश सिंह, सीडीपीओ

सहजन के प्रयोग को गांव में जागरूकता लाने लिए डीएम द्वारा प्रशस्ति पत्र और 5 हजार रुपये देकर सम्मानित किया गया है. हमने सहजन की पत्तियों को लड्डू में मिलाकर पुष्टाहार बनाया था. धात्री माताओं को पत्तियों के रस के सेवन को जागरूक किया. पत्ती के रस को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है. सहजन की पत्तियों को आटे में मिलाकर रोटियां भी दी जा सकती हैं.

गीता पाण्डेय, आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता

Intro:मऊ। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत देश के विभिन्न राज्यों में जिलेस्तर पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिसके तहत आंगनबाड़ी द्वारा गर्भवती महिलाओं, किशोरियों व बच्चों को पोषक तत्वों और उनके स्रोतों की जानकारी दी जाती है. पोषण मिशन के तहत सहजन के प्रयोग को लेकर विशेष जारूकता लाने के लिए जनपद मऊ में डीएम द्वारा तीन आंगनबाड़ी महिलाओं और सीडीपीओ बड़रांव को सम्मानित किया गया. जिले में AAA (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी) नवाचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

बता दें कि 8 मार्च 2018 को राजस्थान के झुंझुनूं से प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) का आरंभ किया था. कार्यक्रम मैं कुपोषण को दूर करने में योगदान कर रही विभिन्न योजनाएं शामिल की गई हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा आईटी आधारित संसाधनों का भी इस्तेमाल किया जाता है. विभिन्न गतिविधियों के जरिए लोगों को जागरूक किया जाता है.


Body:डीएम से सम्मानित सीडीपीओ बड़रांव दिनेश सिंह ने बताया कि धात्री महिलाएं, एनिमिया से पीड़ित और कुपोषित महिलाओं को क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के प्रयोग को जागरूक किया गया. शासन द्वारा पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया था कि आंगनबाड़ी केन्द्रों और गर्भवती महिला, कुपोषित बच्चा के घर पर एक-एक सहजन का पेड़ लगाया जाए. इसके बाद मैंने इन्टरनेट से सहजन के सेवन से होने वाले लाभों की जानकारी जुटाई. आंगनबाड़ी महिलाओं को मीटिंग में बुलाकर सहजन के उपयोग की जानकारी दी और पुष्टाहार में प्रयोग विधि से सम्बन्धित वीडियो दिखाई. सहजन का फल, फूल, बीज, पत्तियां सभी लाभदायक हैं. इससे कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन की कमी दूर होती है. आंगनबाड़ियों के साथ मिलकर इसपर अभियान चलाया.

आंगनबाड़ी कार्यकत्री गीता पाण्डेय ने बताया कि सहजन के प्रयोग को गांव में जागरूकता लाने लिए डीएम द्वारा प्रशस्ति पत्र और 5 हजार रूपए देकर सम्मानित किया गया है. सहजन की पत्ती को लड्डू में मिलाकर हमने पुष्टाहार बनाया था. धात्री माताओं को पत्तियों के रस के सेवन को जागरूक किया. इससे महिला में दूध ज्यादा बनता है. पत्ती के रस को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है. सहजन की पत्तियों को आटे में मिलाकर रोटियां भी दी जा सकती हैं.

बता दें कि सहजन एक बहुपयोगी पेड़ है जिसे मुनगा भी कहा जाता है. इसके विभिन्न भाग अनेक पोषण तत्वों से भरपूर पाए गए हैं. इसकी जड़, फूल, पत्ती, फली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती है. इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, कैल्शियम, पोटेशियम और प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. डीएम द्वारा सम्मानित हुई तीन महिलाओं में विकास खंड बड़रांव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री गीता पाण्डेय, आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुशीला देवी, मुख्य सेविका गीता तिवारी शामिल हैं. कार्यक्रम में जिले के डीएम, एसपी, एएसपी, एसडीएम, सीएमओ, सीएमएस सहित अनेक विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

बाईट - दिनेश सिंह (सीडीपीओ, बड़रांव)
बाईट - गीता पाण्डेय (मुख्य सेविका, आंगनबाड़ी, बड़रांव)


Conclusion:
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