मऊः राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी कर पराली जलाने पर सख्त रोक लगाई है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार भी गम्भीर है. इसके लिए जिले स्तर पर टीम भी सक्रिय हो गई है, जिसके तहत गांव-गांव जाकर लेखपाल खेतों की निगरानी करेंगे और किसानों को जागरूक करेंगे. कृषि उपनिदेशक ने कहा कि अगर कहीं पराली जलती है तो किसान पर जुर्माने के साथ ही लेखपाल पर भी कार्रवाई होगी.
जनपद के कृषि उपनिदेशक एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि पराली जलाने से अधिक मात्रा में निकला धुआं वतावरण को प्रदूषित करता है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने निर्देश जारी किए हैं कि पराली न जले. उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले में अपर जिलाधिकारी और एसडीएम के नेतृत्व में टीम बनाई है, जो पराली जलाने पर रोक लगाएगी.
उन्होंने कहा कि किसान पराली न जलाएं. किसान खेत में ही अन्य विधि से पराली नष्ट करें, ताकि खाद का काम करे. इसके लिए सब्सिडी पर मशीन वितरित की जा रही है, ताकि सरलता से किसान पराली को बिना जलाए नष्ट कर दें. एसपी श्रीवास्तव ने कहा कि किसान अगर पराली जलाते हैं तो उन पर FIR दर्ज की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि किसान पराली न जलाएं इसके लिए गांव में लेखपालों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है. अगर गांव में पराली जलती है तो लेखपाल पर भी विभागीय कार्रवाई होगी. वहीं पराली जलाने पर दो एकड़ खेत वाले किसान पर ढाई हजार रुपये, 2 से 5 एकड़ तक 5 हजार तो 5 एकड़ से अधिक खेत वाले किसान पर 15 हजार का जुर्माना लगेगा.