मऊ : जनपद के परिषदीय स्कूलों में जाली शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर नौकरी करते पकड़े जाने पर अब तक 45 शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. इनमें से एक दर्जन से अधिक बर्खास्त शिक्षक विभागीय एफआइआर दर्ज कराए जाने के बाद जेल की सलाखों के पीछे हैं.
बर्खास्त शिक्षकों में कोई 10 वर्ष से काम कर रहा था, तो कोई पांच या सात वर्ष से. कई तो ऐसे भी हैं जो हाल ही में 68 हजार शिक्षक भर्ती में ही नियुक्त किए गए थे. बर्खास्त शिक्षकों में जिसकी नियुक्ति की तिथि जितनी पुरानी है, उससे वसूली की रकम भी उतनी ही ज्यादा है.
बेसिक शिक्षा विभाग से आहरित वेतन के रिकवरी की नोटिस जारी करते हुए साफ-साफ 15 दिनों के भीतर राजकोष में निर्धारित धन जमा करने का निर्देश दिया गया है. अन्यथा भू-राजस्व की भांति उनके चल-अचल संपत्ति से जिला प्रशासन 13.46 करोड़ रुपये वसूल करेगा.
बेसिक शिक्षा विभाग की नोटिस से फर्जीवाड़ा करने वाले तथाकथित शिक्षकों के परिवार में खलबली मची हुई है. परिजनों के चेहरों पर हवाइयां उड़ रही हैं. हालांकि, 11 बर्खास्त शिक्षक ऐसे हैं, जो बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्त तो हो गए थे, लेकिन उन्हें राजकोष से अभी वेतन निर्गत नहीं किया गया था.
बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर बर्खास्त किए गए 34 लोगों के विरुद्ध 13.46 करोड़ रुपये की वसूली की नोटिस जारी की गई है. 15 दिन के भीतर धनराशि राजकोष में जमा न करने पर भू राजस्व की भांति चल-अचल संपत्ति से जिला प्रशासन वसूल करेगाा.