मऊ: जिले के मधुबन तहसील क्षेत्र के दरगाह सिकड़ीकोल मार्ग पर लगी पुलिया जल के दबाव से बह गई. पुलिया के बह जाने से 24 से अधिक गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है. दो दिन से हुई मूसलाधार बारिश के चलते पुलिया पानी के तेज बहाव के कारण टूट कर बह गई और सड़क दो भागों में बंट गया. पुल बहने से इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है.
शुक्रवार को ही पुलिया टूट कर बह गई. ग्रामीणों को जब जानकारी हुई तो उन्होंने स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दी, लेकिन मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा. इसके बाद ग्रामीणों ने भाजपा नेता से गुहार लगाई. नेता ने जिलाधिकारी और लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन से वार्ता की और अस्थाई रूप से ही सही मगर इस मार्ग पर आवागमन बहाल किए जाने की व्यवस्था करने को कहा. इस पर विभाग के एक्सईएन ने यहां पर तत्काल में पुलिया डाल कर के किसी तरह मार्ग को बहाल करने के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिया है.
ग्रामीणों का कहना है कि नदी से अवैध तरीके से खनन के द्वारा इसी रास्ते से ट्रकों की निकासी होती है. जिसके चलते यह पुलिया कमजोर हो जाती है और हर वर्ष बारिश के पानी के दबाव के चलते बह जा रही है. पिछले वर्ष यह पुलिया बही थी तो यहां के स्थानीय अधिकारियों सहित जिले के तमाम अधिकारियों से ज्ञापन देकर के यहां पर बड़ी पुलिया बनाने की मांग की गई थी, लेकिन किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया. इस वर्ष जब पानी का दबाव बना तो यहां पर लाल झंडी बांधकर के जिला प्रशासन ने छोड़ दिया था. अब जब पानी का दबाव अधिक हुआ तो पुलिया बह गई है. इसके चलते 24 से अधिक गांवों का संपर्क मार्ग अब टूट चुका है. गांव के लोगों को 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करके बाजार में आना पड़ रहा है. हालात यह है कि किसी को कोई इमरजेंसी हो जाए तो वह इलाज के अभाव में भी दम तोड़ देगा.
ग्रामीण बृजेश राय ने बताया कि अवैध खनन के चलते इस रास्ते से ओवर लोड वाहनों का इस रास्ते से गुजरना होता है. ऐसे में सड़क के साथ साथ पुलिया भी कमजोर हो जाती है. तीन वर्ष से बारिश के पानी के दबाव से चलते पुलिया बह जा रही है. जिससे आवागमन तो बन्द हो ही जाता है, फसल भी नष्ट हो जाती है. पुलिया की चौड़ीकरण और मरम्मत के लिए बारिश के पहले से ही जिला प्रशासन को पत्र दिया जाता है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है.