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मजदूर दिवस पर छलका दर्द, कहा- नहीं मिल रही सरकारी सहायता

यूपी के मथुरा में लॉकडाउन के कारण गरीबों और असहाय लोगों के सामने खाने और राशन का संकट पैदा हो गया है. इन मजदूरों का कहना है कि उन्हें न तो सरकारी सुविधाएं मिल रही हैं और न ही किसी सामाजिक संस्था की मदद मिल रही है.

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Published : May 1, 2020, 7:44 PM IST

मजदूरों के सामने गहराया खाने का संकट.
मजदूरों के सामने गहराया खाने का संकट.

मथुरा: कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू है. ऐसे में गरीब असहाय और मजदूर वर्ग के लोगों के सामने खाने का संकट खड़ा हो गया है. वहीं आज 'मजदूर दिवस' के अवसर पर जिले में लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उन्हें किसी प्रकार से सहायता प्राप्त नहीं हो रही है.

मजदूरों के सामने गहराया खाने का संकट.

मजदूरों ने बताया कि कभी खाना मिलता है तो किसी समय से नहीं मिलता है. हमारी सबकी भगवान भरोसे जिंदगी चल रही है. बच्चों को एक वक्त ही खाना खिला पा रहे हैं. किसी से उधार भी नहीं मिल पा रहा है, जो लोग पहले उधार देते थे उन लोगों ने भी अब उधार देने से मना कर दिया है.

मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है. किसी तरह से 1 दिन का गुजारा होने के बाद अगले दिन की चिंता सताती है कि अगले दिन किस तरह से बच्चों और खुद का गुजारा होगा. उनकी मदद न ही कोई सामाजिक संस्था कर रही हैं और न ही सरकार की तरफ से किसी प्रकार की कोई मदद मिल पा रही है.

मजदूरों का कहना है कि किसी भी संस्था से या प्रशासन से कोई भी मदद नहीं मिल पा रही है. किसी के द्वारा सरकारी सहायता के लिए नंबर मिला था, लेकिन आज तक उस नंबर पर बात नहीं हो पाई है. एक व्यक्ति से बात हुई भी तो आश्वासन दे दिया गया, जो आज तक पूरा नहीं हुआ.

मथुरा: कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू है. ऐसे में गरीब असहाय और मजदूर वर्ग के लोगों के सामने खाने का संकट खड़ा हो गया है. वहीं आज 'मजदूर दिवस' के अवसर पर जिले में लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उन्हें किसी प्रकार से सहायता प्राप्त नहीं हो रही है.

मजदूरों के सामने गहराया खाने का संकट.

मजदूरों ने बताया कि कभी खाना मिलता है तो किसी समय से नहीं मिलता है. हमारी सबकी भगवान भरोसे जिंदगी चल रही है. बच्चों को एक वक्त ही खाना खिला पा रहे हैं. किसी से उधार भी नहीं मिल पा रहा है, जो लोग पहले उधार देते थे उन लोगों ने भी अब उधार देने से मना कर दिया है.

मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है. किसी तरह से 1 दिन का गुजारा होने के बाद अगले दिन की चिंता सताती है कि अगले दिन किस तरह से बच्चों और खुद का गुजारा होगा. उनकी मदद न ही कोई सामाजिक संस्था कर रही हैं और न ही सरकार की तरफ से किसी प्रकार की कोई मदद मिल पा रही है.

मजदूरों का कहना है कि किसी भी संस्था से या प्रशासन से कोई भी मदद नहीं मिल पा रही है. किसी के द्वारा सरकारी सहायता के लिए नंबर मिला था, लेकिन आज तक उस नंबर पर बात नहीं हो पाई है. एक व्यक्ति से बात हुई भी तो आश्वासन दे दिया गया, जो आज तक पूरा नहीं हुआ.

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