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PM मोदी को राखी बांधने जाएंगी मथुरा की विधवा माताएं

मथुरा के एक आश्रम की विधवा माताएं प्रधानमंत्री मोदी के राखी बना रही है. ये माताएं हर साल पीएम मोदी को राखी बांधने के लिए जाती हैं.

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पीएम के लिए राखी बनाती विधवा महिलाएं
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Published : Aug 9, 2022, 4:36 PM IST

मथुरा: धर्म नगरी वृंदावन में रक्षाबंधन पर्व को लेकर विधवा माताओं में भी उत्साह देखने को मिल रहा है. विधवा माताएं भी भाई-बहन का त्यौहार रक्षाबंधन को बड़ी ही धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रही हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की कलाई पर विधवा माताओं द्वारा बनाई गई राखियां सजेंगी. विधवा महिलाओं ने अपने हाथ से बनाईं पीएम के लिए राखियां बनाई है.

ज्ञानगुदड़ी स्थित मां शारदा विधवा आश्रम में सैकड़ों की संख्या में प्रधानमंत्री के फोटो वाली राखी विधवा माताओं ने राखियां बनाई हैं. रक्षाबंधन के पर्व पर 5 विधवा माताएं पीएम को राखी बांधने के लिए जाएंगी. ये विधवा माताएं हर साल पीएम को राखी बांधने के लिए वृंदावन से दिल्ली जाती है. विधवा माताएं वृंदावन में सुलभ इंरनेशनल संस्था के सहयोग से रक्षाबंधन मनाती हैं.

पीएम के लिए राखी बनाती विधवा महिलाएं
मां शारदा विधवा आश्रम अधीक्षिका विनीता वर्मा ने बताया कि जैसा कि आप सब लोग जानते हैं. भारत में विधवाओं की स्थिति बहुत खराब रही है. परंपरा बनी हुई थी कि विधवा माताएं कोई भी त्यौहार नहीं मना सकती, कोई भी खुशी नहीं मना सकती, अच्छा खाना नहीं खा सकती और न ही किसी रंग को छू सकती. तो इन सभी परंपराओं को तोड़ने के लिए सुलभ इंटरनेशनल संस्था द्वारा एक अभियान शुरू किया था. इस अभियान के संदर्भ में यह था कि विधवा माताओं को न केवल खाना कपड़ा मिले बल्कि इसके साथ ही इनको जीने का अधिकार भी मिले.
पीएम के लिए बनी राखी
पीएम के लिए बनी राखी

जीने का अधिकार वैसा अधिकार जिसमें विधवा अछूत बनकर न जिए और यह उस तरह का त्योहार जो आम लोग मनाते हैं. यह लोग भी बाकी सब लोगों की तहर होली, दशहरा, रक्षाबंधन जैसे अन्य त्योहारों को मना सके. हमने इसकी शुरुआत होली से शुरू की फिर दिवाली और फिर रक्षाबंधन के दिन आए. तो इन विधवा माताओं ने कहा कि हमारा तो कोई अपना है नहीं और न हीं कोई परिवार है. तो हम किसके लिए यह त्यौहार मनाए. इसीलिए हमने इन माताओं को एक दिशा दी और कहा कि आप लोग अपने हाथों से राखियां बनाइए और इन राखियों को पीएम मोदी के बांधिए. प्रधानमंत्री के हम सब बहुत आभारी है कि वह हर साल इन माताओं को राखी बंधवाने के लिए प्रधानमंत्री आवास पर बुलाते हैं.

मथुरा की विधवा माताएं राखी बनाते हुए
मथुरा की विधवा माताएं राखी बनाते हुए

यह भी पढ़ें:ब्रह्मकुमारी संस्था की बहनों ने हरदोई जेल के 16 सौ कैदियों को बांधी राखी

विनीता वर्मा ने आगे बताया कि इस बार हमने लगभग 501 राखियां बनाने का लक्ष्य रखा है. अब देखते है कि कितनी राखियां बनती हैं. प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर भेज दी गई है. अब वहां से निर्देश आएगा कि कितनी माताएं जा सकती है. इसी के आधार हम माताओं को पीएम को राखी बांधने के लिए भेजते हैं. हर साल सभी माताएं नहीं जा पाती है. हम पिछले पांच सालों से पांच विधवा माताएं प्रधानमंत्री को राखी बांधने के लिए जाते हैं. इस बार उम्मीद की जाती है कि वह 5 माताओं को इस बार भी बुला लेंगे.

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मथुरा: धर्म नगरी वृंदावन में रक्षाबंधन पर्व को लेकर विधवा माताओं में भी उत्साह देखने को मिल रहा है. विधवा माताएं भी भाई-बहन का त्यौहार रक्षाबंधन को बड़ी ही धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रही हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की कलाई पर विधवा माताओं द्वारा बनाई गई राखियां सजेंगी. विधवा महिलाओं ने अपने हाथ से बनाईं पीएम के लिए राखियां बनाई है.

ज्ञानगुदड़ी स्थित मां शारदा विधवा आश्रम में सैकड़ों की संख्या में प्रधानमंत्री के फोटो वाली राखी विधवा माताओं ने राखियां बनाई हैं. रक्षाबंधन के पर्व पर 5 विधवा माताएं पीएम को राखी बांधने के लिए जाएंगी. ये विधवा माताएं हर साल पीएम को राखी बांधने के लिए वृंदावन से दिल्ली जाती है. विधवा माताएं वृंदावन में सुलभ इंरनेशनल संस्था के सहयोग से रक्षाबंधन मनाती हैं.

पीएम के लिए राखी बनाती विधवा महिलाएं
मां शारदा विधवा आश्रम अधीक्षिका विनीता वर्मा ने बताया कि जैसा कि आप सब लोग जानते हैं. भारत में विधवाओं की स्थिति बहुत खराब रही है. परंपरा बनी हुई थी कि विधवा माताएं कोई भी त्यौहार नहीं मना सकती, कोई भी खुशी नहीं मना सकती, अच्छा खाना नहीं खा सकती और न ही किसी रंग को छू सकती. तो इन सभी परंपराओं को तोड़ने के लिए सुलभ इंटरनेशनल संस्था द्वारा एक अभियान शुरू किया था. इस अभियान के संदर्भ में यह था कि विधवा माताओं को न केवल खाना कपड़ा मिले बल्कि इसके साथ ही इनको जीने का अधिकार भी मिले.
पीएम के लिए बनी राखी
पीएम के लिए बनी राखी

जीने का अधिकार वैसा अधिकार जिसमें विधवा अछूत बनकर न जिए और यह उस तरह का त्योहार जो आम लोग मनाते हैं. यह लोग भी बाकी सब लोगों की तहर होली, दशहरा, रक्षाबंधन जैसे अन्य त्योहारों को मना सके. हमने इसकी शुरुआत होली से शुरू की फिर दिवाली और फिर रक्षाबंधन के दिन आए. तो इन विधवा माताओं ने कहा कि हमारा तो कोई अपना है नहीं और न हीं कोई परिवार है. तो हम किसके लिए यह त्यौहार मनाए. इसीलिए हमने इन माताओं को एक दिशा दी और कहा कि आप लोग अपने हाथों से राखियां बनाइए और इन राखियों को पीएम मोदी के बांधिए. प्रधानमंत्री के हम सब बहुत आभारी है कि वह हर साल इन माताओं को राखी बंधवाने के लिए प्रधानमंत्री आवास पर बुलाते हैं.

मथुरा की विधवा माताएं राखी बनाते हुए
मथुरा की विधवा माताएं राखी बनाते हुए

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विनीता वर्मा ने आगे बताया कि इस बार हमने लगभग 501 राखियां बनाने का लक्ष्य रखा है. अब देखते है कि कितनी राखियां बनती हैं. प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर भेज दी गई है. अब वहां से निर्देश आएगा कि कितनी माताएं जा सकती है. इसी के आधार हम माताओं को पीएम को राखी बांधने के लिए भेजते हैं. हर साल सभी माताएं नहीं जा पाती है. हम पिछले पांच सालों से पांच विधवा माताएं प्रधानमंत्री को राखी बांधने के लिए जाते हैं. इस बार उम्मीद की जाती है कि वह 5 माताओं को इस बार भी बुला लेंगे.

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