मथुरा: पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (Pandit Deendayal Upadhyay University of Veterinary Sciences) व गो अनुसंधान वेटनरी परिसर के सभागार में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन सोमवार से किया गया. पहले दिन कार्यक्रम में देशभर के 47 वॉइस चांसलर इस सेमिनार में भाग लेने पहुंचे. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने ऑनलाइन किया. इस सेमिनार में किसानों की आय और छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम 2020 की नीति को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. सेमिनार में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने पर भी चर्चा की गई.
वेटरनरी विश्वविद्यालय के सभागार में दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ऑनलाइन किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बदलाव के साथ पाठ्यक्रम को लेकर विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए. विश्वविद्यालय की नीति के साथ शिक्षक अच्छे होंगे तो कुछ नया प्रयोग करने की क्षमता बढ़ेगी. इससे यूनिवर्सिटी का प्रदेश और देश में नाम रोशन होगा.
उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सालय विज्ञान विश्वविद्यालय के अध्ययन पाठ्यक्रम में छात्र-छात्राओं को किसानों से जुड़ाव रखना चाहिए क्योंकि पहली सीढ़ी किसानों के पास पशुओं के रखरखाव से लेकर कृषि के क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं हैं. इसकी जानकारी पशु चिकित्सक ही दे सकता है. बता दें कि देश के अलग-अलग राज्यों के पशु चिकित्सालय विज्ञान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर 2 दिनों तक सेमिनार में अपने अलग-अलग सुझाव के साथ आने वाले सालों में क्या बदलाव होने चाहिए, इसको लेकर चर्चा करेंगे.
विश्वविद्यालय के कुलपति अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि देश की वर्तमान कृषि शिक्षा प्रणाली को लेकर दो दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया है. इसमें देशभर के अनेक राज्यों से आए वाइस चांसलर भाग ले रहे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर बदलाव के सुझाव दिए जाएंगे. आने वाले साल में विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या में कैसे बढ़ोत्तरी होगी इसे लेकर खास रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
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