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महज एक रात में उर्जा विभाग ने बनाया रिकार्ड, ऊर्जा मंत्री ने कही ये बात

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पिछले साढ़े तीन साल में प्रदेश में 9 हजार मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी है. मांग का बढ़ना बताता है कि प्रदेश प्रगति के पथ पर है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 17-18 जुलाई को 2020 में सर्वाधिक 23,867 मेगावाट की अधिकतम आपूर्ति की गई थी. 2016-17 तक प्रदेश में लगभग 16,000 मेगावाट की ही अधिकतम मांग रहती थी.

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Published : Jul 17, 2021, 8:10 PM IST

महज एक रात में उर्जा विभाग ने बनाया रिकार्ड
महज एक रात में उर्जा विभाग ने बनाया रिकार्ड

मथुरा: प्रदेश में ऊर्जा विभाग ने 16-17 जुलाई की रात को अब तक की सर्वाधिक 25,032 मेगावाट बिजली आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया है. इसको लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कर्मचारियों की तारीफ की है. उर्जा मंत्री ने बताया इससे पूर्व 30 जून को 24,926 मेगावाट बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की गई थी. पिछले करीब एक माह से प्रदेश में मांग के सापेक्ष 24 हजार मेगावाट या इससे अधिक की विद्युत आपूर्ति की जा रही है. ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के सफल क्रियान्वयन व ऊर्जा परिवार के सभी कार्मिकों की मेहनत को दिया है.

उन्होंने सभी डिस्कॉम के मैनेजिंग डायरेक्टर और निदेशकों को नाइट पेट्रोलिंग कर सबको निर्बाध बिजली की सप्लाई उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है.

महज एक रात में उर्जा विभाग ने बनाया रिकार्ड
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा
साढ़े 3 साल में बढ़ी मांग
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में प्रदेश में 9 हजार मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी है. मांग का बढ़ना बताता है कि प्रदेश प्रगति के पथ पर है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 17-18 जुलाई को 2020 में सर्वाधिक 23,867 मेगावाट की अधिकतम आपूर्ति की गई थी. 2016-17 तक प्रदेश में लगभग 16,000 मेगावाट की ही अधिकतम मांग रहती थी.ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश की ट्रांसमिशन क्षमता साल 2016-17 में 16,348 मेगावाट से 9000 मेगावाट बढ़कर अब 26,000 मेगावाट हो चुकी है.इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह 28,000 मेगावाट और साल 2025 तक प्रदेश में यह क्षमता 32,400 मेगावाट होगी. ट्रांसमिशन की आयात क्षमता भी वर्ष 2016-17 के 7800 मेगावाट के मुकाबले 6800 मेगावाट बढ़कर अब 14,600 मेगावाट हो गई है.ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार ने 12,111.75 करोड़ रूपये की लागत से 765 केवी के 12, 400 केवीए के 34, 220 केवी के 72 और 132 केवी के 119 पारेषण उपकेंद्रों का निर्माण करवाया है. जिसकी वजह से आज बिजली की आपूर्ति का तंत्र बहुत बेहतर हो चुका है. सरकार बनने से अब तक 45 हजार 85 सर्किट किमी पारेषण लाइन भी बनाई गई है.

ग्रामीण क्षेत्रों में दी जा रही अधिक बिजली

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में सभी विधाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 26,937 मेगावाट है, जो कि चार वर्ष पूर्व की क्षमता से लगभग 4000 मेगावाट अधिक है. 2024 तक इसमें 8262 मेगावाट की वृद्धि होगी. वर्ष 2022 तक ऊर्जा विभाग के राज्य तापीय विद्युतगृहों का उत्पादन 7,260 मेगावाट बढ़कर 12734 मेगावॉट हो जाएगा और 34,500 मेगावाट बिजली की उपलब्धता रहेगी.

इसे भी पढ़ें- यूपी ने रचा इतिहास ! 4 करोड़ से ज्यादा कोरोना टीका लगाने वाला बना देश का पहला राज्य


ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में 54 फीसदी ज्यादा बिजली दी जा रही है.उन्होंने बताया कि अधिकतम आपूर्ति में हुए इजाफे से फीडर तक ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील में साढ़े 21 घंटे, जिले में 24 घंटे, बुंदेलखंड में 20 घंटे और उद्योगों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है.

मथुरा: प्रदेश में ऊर्जा विभाग ने 16-17 जुलाई की रात को अब तक की सर्वाधिक 25,032 मेगावाट बिजली आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया है. इसको लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कर्मचारियों की तारीफ की है. उर्जा मंत्री ने बताया इससे पूर्व 30 जून को 24,926 मेगावाट बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की गई थी. पिछले करीब एक माह से प्रदेश में मांग के सापेक्ष 24 हजार मेगावाट या इससे अधिक की विद्युत आपूर्ति की जा रही है. ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के सफल क्रियान्वयन व ऊर्जा परिवार के सभी कार्मिकों की मेहनत को दिया है.

उन्होंने सभी डिस्कॉम के मैनेजिंग डायरेक्टर और निदेशकों को नाइट पेट्रोलिंग कर सबको निर्बाध बिजली की सप्लाई उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है.

महज एक रात में उर्जा विभाग ने बनाया रिकार्ड
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा
साढ़े 3 साल में बढ़ी मांग
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में प्रदेश में 9 हजार मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी है. मांग का बढ़ना बताता है कि प्रदेश प्रगति के पथ पर है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 17-18 जुलाई को 2020 में सर्वाधिक 23,867 मेगावाट की अधिकतम आपूर्ति की गई थी. 2016-17 तक प्रदेश में लगभग 16,000 मेगावाट की ही अधिकतम मांग रहती थी.ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश की ट्रांसमिशन क्षमता साल 2016-17 में 16,348 मेगावाट से 9000 मेगावाट बढ़कर अब 26,000 मेगावाट हो चुकी है.इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह 28,000 मेगावाट और साल 2025 तक प्रदेश में यह क्षमता 32,400 मेगावाट होगी. ट्रांसमिशन की आयात क्षमता भी वर्ष 2016-17 के 7800 मेगावाट के मुकाबले 6800 मेगावाट बढ़कर अब 14,600 मेगावाट हो गई है.ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार ने 12,111.75 करोड़ रूपये की लागत से 765 केवी के 12, 400 केवीए के 34, 220 केवी के 72 और 132 केवी के 119 पारेषण उपकेंद्रों का निर्माण करवाया है. जिसकी वजह से आज बिजली की आपूर्ति का तंत्र बहुत बेहतर हो चुका है. सरकार बनने से अब तक 45 हजार 85 सर्किट किमी पारेषण लाइन भी बनाई गई है.

ग्रामीण क्षेत्रों में दी जा रही अधिक बिजली

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में सभी विधाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 26,937 मेगावाट है, जो कि चार वर्ष पूर्व की क्षमता से लगभग 4000 मेगावाट अधिक है. 2024 तक इसमें 8262 मेगावाट की वृद्धि होगी. वर्ष 2022 तक ऊर्जा विभाग के राज्य तापीय विद्युतगृहों का उत्पादन 7,260 मेगावाट बढ़कर 12734 मेगावॉट हो जाएगा और 34,500 मेगावाट बिजली की उपलब्धता रहेगी.

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ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में 54 फीसदी ज्यादा बिजली दी जा रही है.उन्होंने बताया कि अधिकतम आपूर्ति में हुए इजाफे से फीडर तक ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील में साढ़े 21 घंटे, जिले में 24 घंटे, बुंदेलखंड में 20 घंटे और उद्योगों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है.

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