मथुरा: भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में तीन महीने पहले कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. हजारों बीघा फसल जलमग्न होकर खराब हो गई थी. ग्रामीणों को राहत कैंप में सहारा लेना पड़ा था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर बाढ़ राहत सामग्री पीड़ितों को देने के आदेश जारी हुए थे. लेकिन, वो राहत सामग्री पीड़ित किसानों तक नहीं पहुंची और आज भी मथुरा सदर तहसील के हवालात में बंद है. जबकि अधिकारी कह रहे हैं कि सारी सामग्री बांट दी गई.
मथुरा में जुलाई में आई थी बाढ़ः हिमाचल और उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश और बादल फटने के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का कहर बनकर टूटा था. बारिश के पानी के चलते कई नदियां उफान पर आ गईं थीं. मथुरा जनपद के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए थे. घरों में कई फीट तक पानी भर गया था. बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने जनपद की चार तहसीलों में राहत कैंप बनाए और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था.
मथुरा जनपद की हर तहसील में बने थे राहत कैंपः मथुरा के ग्रामीण इलाके और वृंदावन के क्षेत्र में बाढ़ आ जाने के कारण जनपद की प्रत्येक तहसील में राहत कैंप बनाए गए थे. कैंपों में पीड़ितों को सुरक्षा के साथ खाने-पीने की चीजों को समय पर उपलब्ध करने के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए थे. मथुरा सदर तहसील में 11 राहत कैंप, मांट तहसील क्षेत्र में 30 राहत कैंप, बलदेव तहसील क्षेत्र में 15 राहत कैंप बनाए गए थे.
क्या था राहत सामग्री पैकेट मेंः 5 किलो लाई, 2 किलो भुने चना, 1 किलो गुड़, 10 बिस्कुट के पैकेट, एक पैकेट माचिस, एक पैकेट मोमबत्ती, दो साबुन, 20 लीटर जेरीकेन, एक त्रिपाल, 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 2 किलो अरहर की दाल, 10 किलो आलू, 200 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम मिर्च, 200 ग्राम सब्जी मसाला, 1 लीटर सरसों का तेल, 1 किलो नमक राहत सामग्री के पैकेट में था.
राहत सामग्री हवालात में बंद रह गई, बंटी नहींः प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई में मथुरा के बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करके अधिकारियों को राहत सामग्री तत्काल वितरण करने के आदेश दिए थे. लेकिन, अधिकारियों की लापरवाही के चलते बाढ़ राहत सामग्री सिर्फ कुछ पीड़ितों तक ही पहुंचाई गई. जबकि सैकड़ों पैकेट मथुरा सदर तहसील के हवालात में बंद हैं. इस पर सदर एसडीएम अजय जैन का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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