ETV Bharat / state

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में समय आने पर हम भी बनेंगे पार्टीः तीर्थ पुरोहित महासभा

यूपी के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी. इसको लेकर अब राजनीति तेज हो गई है. वहीं अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में समय आने पर हम भी पार्टी बनेंगे.

तीर्थ पुरोहित महासभा ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दायर याजिका की आलोचना की.
तीर्थ पुरोहित महासभा ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दायर याजिका की आलोचना की.
author img

By

Published : Sep 29, 2020, 12:45 PM IST

मथुरा: श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा 25 सितंबर को मथुरा न्यायालय के सिविल जज कोर्ट में याचिका डाली गई थी. याचिका की सुनवाई 30 सितंबर को की जाएगी. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि जन्मभूमि प्रकरण में समय आने पर हम भी पार्टी बनेंगे.

तीर्थ पुरोहित महासभा ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दायर याजिका की आलोचना की.

मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई. जिसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए.

21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की हुई थी स्थापना
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए, तो श्रीकृष्ण जन्म स्थान की दुर्दशा को देखकर दुखित हुए और स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनरुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई.

12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन डिक्री को रद्द करने की मांग सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा याचिका में की गई है.

कुछ लोग बाहर से आकर मथुरा में अशांति करना चाहते हैं
अखिल भारतीय तीर्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर कृष्ण भक्तों ने कोर्ट में याचिका डाली है. तीर्थ पुरोहित महासभा के पदाधिकारी और विशेषज्ञों से बात करने के बाद समय आने पर हम भी जन्मभूमि प्रकरण में पार्टी बनेंगे. हम नहीं चाहते कि मथुरा में अशांति फैले, लेकिन कुछ लोग हैं. बाहर से आकर मथुरा में अशांति करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह कमेटी में 1968 में एक समझौता हुआ था. 50 साल हो गए कभी किसी का कोई वाद विवाद नहीं हुआ. ईदगाह में नमाज पढ़ी जाती है. जन्मभूमि में पूजा पाठ नियमित रूप से होती रही है. साढे 13 एकड़ भूमि के मालिकाना हक को लेकर श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट को कोई अधिकार नहीं कि शाही ईदगाह को दान कर दे, यह कानून का विषय है कोर्ट जो फैसला लेगा. वही मान्य होगा, लेकिन हम इसमें पार्टी बनेंगे.

मथुरा: श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा 25 सितंबर को मथुरा न्यायालय के सिविल जज कोर्ट में याचिका डाली गई थी. याचिका की सुनवाई 30 सितंबर को की जाएगी. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि जन्मभूमि प्रकरण में समय आने पर हम भी पार्टी बनेंगे.

तीर्थ पुरोहित महासभा ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दायर याजिका की आलोचना की.

मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई. जिसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए.

21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की हुई थी स्थापना
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए, तो श्रीकृष्ण जन्म स्थान की दुर्दशा को देखकर दुखित हुए और स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनरुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई.

12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन डिक्री को रद्द करने की मांग सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा याचिका में की गई है.

कुछ लोग बाहर से आकर मथुरा में अशांति करना चाहते हैं
अखिल भारतीय तीर्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर कृष्ण भक्तों ने कोर्ट में याचिका डाली है. तीर्थ पुरोहित महासभा के पदाधिकारी और विशेषज्ञों से बात करने के बाद समय आने पर हम भी जन्मभूमि प्रकरण में पार्टी बनेंगे. हम नहीं चाहते कि मथुरा में अशांति फैले, लेकिन कुछ लोग हैं. बाहर से आकर मथुरा में अशांति करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह कमेटी में 1968 में एक समझौता हुआ था. 50 साल हो गए कभी किसी का कोई वाद विवाद नहीं हुआ. ईदगाह में नमाज पढ़ी जाती है. जन्मभूमि में पूजा पाठ नियमित रूप से होती रही है. साढे 13 एकड़ भूमि के मालिकाना हक को लेकर श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट को कोई अधिकार नहीं कि शाही ईदगाह को दान कर दे, यह कानून का विषय है कोर्ट जो फैसला लेगा. वही मान्य होगा, लेकिन हम इसमें पार्टी बनेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.