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धर्म नगरी में श्रद्धाभाव से मना ठाकुरजी का प्राकट्य उत्सव, जानें क्या अपनायी गयी पूजन विधि..

धर्म नगरी वृंदावन में प्राचीन सप्त देवालयों में से एक ठाकुर राधारमण मंदिर में बुधवार को ठाकुर राधारमण महाराज का प्राकट्य उत्सव श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया.

धर्म नगरी में श्रद्धाभाव से मना ठाकुरजी का प्राकट्य उत्सव
धर्म नगरी में श्रद्धाभाव से मना ठाकुरजी का प्राकट्य उत्सव
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Published : May 26, 2021, 9:41 PM IST

मथुरा : धर्म नगरी वृंदावन के प्राचीन सप्त देवालयों में से एक ठाकुर राधारमण मंदिर में बुधवार को ठाकुर राधारमण महाराज का प्राकट्य उत्सव श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया. हालांकि कोरोना महामारी के कारण लागू कोरोना कर्फ्यू के चलते श्रद्धालु भक्त ठाकुरजी के दर्शन नहीं कर सके. मंदिर में केवल सेवायत गोस्वामियों ने कोरोना महामारी के तहत जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए ठाकुरजी का जन्मोत्सव मनाया.

यह भी पढ़ें : मथुरा: वृंदावन में 400 वर्ष पुराने मंदिर में मनाई गई भगवान नृसिंह जयंती


मंदिर सेवायत ने जानकारी दी

सेवायत गोस्वामियों द्वारा प्राचीन परंपरा के अनुसार विधि विधान से वेद मंत्रोच्चारण के साथ यमुना जल, दूध, दही, घी, शहद, बूरा एवं जड़ी बूटियों से ठाकुरजी का महाभिषेक किया. इसके बाद ठाकुरजी का शृंगार कर महाआरती की गई. जानकारी देते हुए मंदिर सेवायत सुमित गोस्वामी ने बताया कि बुधवार को श्री राधा रमन जी का प्राकट्य उत्सव है. जन्म पूर्णिमा का अवसर है. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ठाकुर जी का पंचामृत से अभिषेक हुआ. परंतु इस बार कोविड की महामारी को देखते हुए सूक्ष्म रूप से ही जितने भी आयोजन और क्रियाएं संपन्न हुईं हैं. सारी क्रियाएं विधि विधान से पूरी की गयीं.

राधारमण मंदिर में श्रद्धाभाव से मना ठाकुरजी का प्राकट्य उत्सव

एक बार फिर से कोरोनावायरस संक्रमण ने अपने पांव पसार कर पूरे देश में कोहराम मचाना शुरू कर दिया है. वहीं, लगातार बरप रहे कोरोना के कहर को देखते हुए एक बार फिर से सरकार द्वारा आंशिक रूप से लॉकडाउन लागू कर दिया है. ऐसे में मंदिरों को भी आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रखा हुआ है. लेकिन मंदिर में होने वाले आयोजनों को विधि-विधान से मंदिर सेवायत, पुजारियों द्वारा किया जा रहा है.

मथुरा : धर्म नगरी वृंदावन के प्राचीन सप्त देवालयों में से एक ठाकुर राधारमण मंदिर में बुधवार को ठाकुर राधारमण महाराज का प्राकट्य उत्सव श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया. हालांकि कोरोना महामारी के कारण लागू कोरोना कर्फ्यू के चलते श्रद्धालु भक्त ठाकुरजी के दर्शन नहीं कर सके. मंदिर में केवल सेवायत गोस्वामियों ने कोरोना महामारी के तहत जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए ठाकुरजी का जन्मोत्सव मनाया.

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मंदिर सेवायत ने जानकारी दी

सेवायत गोस्वामियों द्वारा प्राचीन परंपरा के अनुसार विधि विधान से वेद मंत्रोच्चारण के साथ यमुना जल, दूध, दही, घी, शहद, बूरा एवं जड़ी बूटियों से ठाकुरजी का महाभिषेक किया. इसके बाद ठाकुरजी का शृंगार कर महाआरती की गई. जानकारी देते हुए मंदिर सेवायत सुमित गोस्वामी ने बताया कि बुधवार को श्री राधा रमन जी का प्राकट्य उत्सव है. जन्म पूर्णिमा का अवसर है. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ठाकुर जी का पंचामृत से अभिषेक हुआ. परंतु इस बार कोविड की महामारी को देखते हुए सूक्ष्म रूप से ही जितने भी आयोजन और क्रियाएं संपन्न हुईं हैं. सारी क्रियाएं विधि विधान से पूरी की गयीं.

राधारमण मंदिर में श्रद्धाभाव से मना ठाकुरजी का प्राकट्य उत्सव

एक बार फिर से कोरोनावायरस संक्रमण ने अपने पांव पसार कर पूरे देश में कोहराम मचाना शुरू कर दिया है. वहीं, लगातार बरप रहे कोरोना के कहर को देखते हुए एक बार फिर से सरकार द्वारा आंशिक रूप से लॉकडाउन लागू कर दिया है. ऐसे में मंदिरों को भी आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रखा हुआ है. लेकिन मंदिर में होने वाले आयोजनों को विधि-विधान से मंदिर सेवायत, पुजारियों द्वारा किया जा रहा है.

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