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Ramcharitmanas Controversy: साधु-संतों का ऐलान, स्वामी प्रसाद मौर्य को मंदिरों में घुसने नहीं देंगे - स्वामी प्रसाद मौर्य

मथुरा में अखिल भारत हिंदू महासभा (All India Hindu Mahasabha) और महामंडलेश्वर ने स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर विवादित बयान के बाद उन्हें मंदिरों में नहीं घुसने देने का ऐलान किया है.

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने
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Published : Feb 3, 2023, 4:53 PM IST

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने बताया.

मथुराः समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद चौतरफा विरोध प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को वृंदावन के साधु संत और अखिल भारत हिंदू महासभा के लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान की निंदा की. साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य को मंदिरों में नहीं घुसने दिया जाएगा. लोगों ने कहा कि वह रामचरितमानस पाठ पर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरने का काम कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी को ऐसे नेता को तत्काल पार्टी से बर्खास्त कर देना चाहिए.

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस साधु संत और सनातन धर्म का अपमान किया है. सपा नेता द्वारा रामचरितमानस को बैन करने की मांग हिंदू समाज आहत है. वहीं, धर्म नगरी वृंदावन में साधु संत महामंडलेश्वर और अखिल भारत हिंदू महासभा संगठन ने स्वामी प्रसाद मौर्य को किसी भी मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन नहीं करने देंगे, साथ ही उनका प्रवेश वर्जित माना जाएगा. हिंदू होने के बाद धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित बयान देने का मौर्य को कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि वह रामचरितमानस पाठ पर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरने का काम करते हैं. रामचरितमानस का अपमान सनातन हिंदू धर्म सहन नहीं करेगा.

दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले कई दिनों से रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान को लेकर विवादों में बने हुए हैं. सपा नेता स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को जिक्र करते हुए, इसे बैन करने की मांग करते हुए कहा था कि इसमें पिछड़ों और दलितों का अपमान किया गया है. जिससे लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं. हालांकि विरोध के बाद में उन्होंने कहा कि वो रामचरित मानस की कुछ चौपाईयों को ही हटाने की ही बात कह रहे हैं.वहीं, प्रदेश में इतने विरोध के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम हैं.

यह भी पढ़ें- Politics of Uttar Pradesh : 1990 के बाद यूपी में एक बार फिर मंडल और कमंडल की टकराहट, जानिए इस दांव में कितना दम

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने बताया.

मथुराः समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद चौतरफा विरोध प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को वृंदावन के साधु संत और अखिल भारत हिंदू महासभा के लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान की निंदा की. साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य को मंदिरों में नहीं घुसने दिया जाएगा. लोगों ने कहा कि वह रामचरितमानस पाठ पर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरने का काम कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी को ऐसे नेता को तत्काल पार्टी से बर्खास्त कर देना चाहिए.

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस साधु संत और सनातन धर्म का अपमान किया है. सपा नेता द्वारा रामचरितमानस को बैन करने की मांग हिंदू समाज आहत है. वहीं, धर्म नगरी वृंदावन में साधु संत महामंडलेश्वर और अखिल भारत हिंदू महासभा संगठन ने स्वामी प्रसाद मौर्य को किसी भी मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन नहीं करने देंगे, साथ ही उनका प्रवेश वर्जित माना जाएगा. हिंदू होने के बाद धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित बयान देने का मौर्य को कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि वह रामचरितमानस पाठ पर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरने का काम करते हैं. रामचरितमानस का अपमान सनातन हिंदू धर्म सहन नहीं करेगा.

दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले कई दिनों से रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान को लेकर विवादों में बने हुए हैं. सपा नेता स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को जिक्र करते हुए, इसे बैन करने की मांग करते हुए कहा था कि इसमें पिछड़ों और दलितों का अपमान किया गया है. जिससे लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं. हालांकि विरोध के बाद में उन्होंने कहा कि वो रामचरित मानस की कुछ चौपाईयों को ही हटाने की ही बात कह रहे हैं.वहीं, प्रदेश में इतने विरोध के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम हैं.

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