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मथुरा सीएमओ ऑफिस में आत्मदाह की कोशिश, न्याय न मिलने से परेशान था व्यक्ति - मथुरा में आत्मदाह का प्रयास

मथुरा सीएमओ कार्यलय में एक व्यक्ति के आत्महत्या करने के प्रयास से हंगामा मच गया. मामले को लेकर जिले के सीएमओ ने पीड़ित के मामले में कार्रवाई के आदेश दिए है.

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मथुरा सीएमओ कार्यलय में हंगामा
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Published : Dec 26, 2022, 8:35 PM IST

मथुराः जिले के सीएमओ कार्यालय में सोमवार को न्याय न मिलने पर व्यक्ति ने केरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया. मौके पर मौजूद लोगों ने उसे रोका. इसके बाद पीड़ित को प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. दरअसल 13 नवंबर को प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही पीड़ित लगातार हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई कराने को लेकर कई दिनों से सीएमओ ऑफिस का चक्कर काट रहा था.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार वर्मा ने बताया कि इस मामले की 27 दिसंबर को जांच होनी थी. लेकिन बार-बार पत्र लिखने के बाद भी प्राइवेट हॉस्पिटल और डॉक्टरों के बयान दर्ज नहीं हो सके हैं. प्रथम दृष्टि और डॉक्टरों की लापरवाही की बात सामने आ रही है. जल्दी ही प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रोफेसर कॉलोनी का निवासी शोभित (45) ने बताया उसकी पत्नी वेदिका गर्भवती थी. प्रसव के लिए शहर के एसडी हॉस्पिटल 9 नवंबर को पत्नी को भर्ती कराया था. 13 नवंबर को सुबह वेदिका को पेट में दर्द हुआ और डॉक्टरों ने इंजेक्शन लगाया गया. जिसके कुछ देर बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. लेकिन डॉक्टरों ने पत्नी को अन्य अस्पताल के लिए रेफर नहीं किया और इलाज करने की बात कही. कुछ घंटे बाद ही उसकी पत्नी की की डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मौत हो गई. तब से प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के लिए भटकना पड़ रहा है.

शोभित ने बताया कि उसे एसडी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अधिकारियों के चक्कर काटना पड़ रहा था. न्याय न मिलने से परेशान होकर उसने सोमवार को सीएमओ कार्यालय पर पहुंचकर आत्मदाह का प्रयास किया.

ये भी पढ़ेंः ककवन में दारोगा ने महिला से किया दुर्व्यवहार, वीडियो वायरल

मथुराः जिले के सीएमओ कार्यालय में सोमवार को न्याय न मिलने पर व्यक्ति ने केरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया. मौके पर मौजूद लोगों ने उसे रोका. इसके बाद पीड़ित को प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. दरअसल 13 नवंबर को प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही पीड़ित लगातार हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई कराने को लेकर कई दिनों से सीएमओ ऑफिस का चक्कर काट रहा था.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार वर्मा ने बताया कि इस मामले की 27 दिसंबर को जांच होनी थी. लेकिन बार-बार पत्र लिखने के बाद भी प्राइवेट हॉस्पिटल और डॉक्टरों के बयान दर्ज नहीं हो सके हैं. प्रथम दृष्टि और डॉक्टरों की लापरवाही की बात सामने आ रही है. जल्दी ही प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रोफेसर कॉलोनी का निवासी शोभित (45) ने बताया उसकी पत्नी वेदिका गर्भवती थी. प्रसव के लिए शहर के एसडी हॉस्पिटल 9 नवंबर को पत्नी को भर्ती कराया था. 13 नवंबर को सुबह वेदिका को पेट में दर्द हुआ और डॉक्टरों ने इंजेक्शन लगाया गया. जिसके कुछ देर बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. लेकिन डॉक्टरों ने पत्नी को अन्य अस्पताल के लिए रेफर नहीं किया और इलाज करने की बात कही. कुछ घंटे बाद ही उसकी पत्नी की की डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मौत हो गई. तब से प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के लिए भटकना पड़ रहा है.

शोभित ने बताया कि उसे एसडी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अधिकारियों के चक्कर काटना पड़ रहा था. न्याय न मिलने से परेशान होकर उसने सोमवार को सीएमओ कार्यालय पर पहुंचकर आत्मदाह का प्रयास किया.

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