मथुरा: श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर के पास साढ़े पांच हजार वर्ष पुराना कुवलिया पीठ हाथी स्मारक बना हुआ है. यह वही हाथी है, जिसे द्वापर युग में मथुरा के राजा कंस ने भगवान श्री कृष्ण को मारने के लिए मदिरापान करा कर भेजा था. श्री कृष्ण ने जब विशालकाय हाथी का वध किया तो उसे आसमान में फेंक दिया. हाथी का शव जब जमीन पर आकर गिरा तो उसका आधा हिस्सा जमीन के अंदर धंस गया तो आधा हिस्सा जमीन के बाहर रह गया. आज के समय में यहां पर हर रोज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु कुवलिया पीठ हाथी स्मारक के दर्शन करने के लिए आते हैं.
श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर के पास बने कुवलिया पीठ हाथी स्मारक पर हर रोज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. यह स्थान पहले मलपुरा के नाम से विख्यात था. इसी स्थान पर कुवलिया पीठ हाथी और भगवान श्री कृष्ण के बीच भीषण युद्ध हुआ था.
कंस के अत्याचारों से दुखी थी जनता
द्वापर युग में मथुरा के राजा कंस के अत्याचारों से जनता अत्यंत दुखी थी. देवकी की आठवीं संतान भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेने के बाद उन्हें पालन-पोषण के लिए गोकुल भेज दिया गया. कंस को जब मालूम हुआ कि मुझे मारने वाला पैदा हो चुका है, तो कंस ने भगवान कृष्ण को मल्लयुद्ध करने के लिए मथुरा आने का न्योता दिया. इस दौरान कंस ने विशालकाय कुवलिया पीठ हाथी को तैयार किया, जिसमें 10 हजार हाथियों के बराबर बल था. कंस ने उस हाथी को मदिरापान करा कर श्री कृष्ण को मारने के लिए मल अखाड़े में उतारा. भगवान श्री कृष्ण ने विशालकाय कुवलिया पीठ हाथी से युद्ध किया.
युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने विशालकाय कुवलिया पीठ हाथी को मार दिया. हाथ को मारने के बाद भगवान श्री कृष्ण ने हाथी के शव को आसमान में फेंक दिया. कुछ देर बाद जब हाथी का शव जमीन पर आकर गिरा, तो उसका आधा हिस्सा जमीन के अंदर धंस गया, तो आधा हिस्सा जमीन के बाहर रह गया.
स्मारक देखने के लिए आते श्रद्धालु
इसी स्थान पर विशालकाय कुवलिया पीठ हाथी का स्मारक बनाया गया है. इस स्मारक को देखने के लिए हर रोज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. कोविड-19 के चलते आजकल श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आ गई है, जिसके कारण अब यहां मंदिर के गेट पर ताला लगा रहता है.
![etv bharat](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-mat-01-ancient-kuwaliyapeeth-elephant-monument-special-story-vis-byte-7203496_26122020122252_2612f_00636_17.jpg)
मंदिर आए श्रद्धालु रोहित वार्ष्णेय ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास विशालकाय कुवलिया पीठ हाथी स्मारक बना हुआ है. इस विशालकाय हाथी को भगवान श्री कृष्ण ने मारा था. कंस ने जब कुवलिया पीठ हाथी को मदिरापान कराकर कृष्ण को मारने के लिए भेजा, तो भगवान श्री कृष्ण और हाथी के बीच भीषण युद्ध हुआ. भगवान श्री कृष्ण ने हाथी को मारने के बाद आसमान में फेंक दिया. जमीन पर गिरने के बाद हाथी का शव आधा जमीन में तो आधा बाहर रह गया.