मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर एफटीसी कोर्ट में वादी महेंद्र प्रताप सिंह और हिंदू सेना संगठन के विष्णु गुप्ता की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर पक्ष और विपक्ष अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें पेश की. विष्णु गुप्ता की सर्वे याचिका पर 27 अप्रैल और महेंद्र प्रताप सिंह की वाद संख्या 152 पर सुनवाई 6 मई को होगी.
हिंदू सेना संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका वाद संख्या 639/22 पर सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट ने विवादित स्थान का सर्वे कराने के प्रकरण को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष की आपत्ति दस्तावेज जमा किए थे, इन्हीं बिंदुओं पर पक्ष-विपक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय में दलीलें पेश की. फिलहाल न्यायालय ने सर्वे प्रकरण को लेकर अगली सुनवाई 27 अप्रैल को निर्धारित की है.
बता दें कि सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में विष्णु गुप्ता ने 8 दिसंबर 2022 को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. न्यायालय ने उसी दिन सर्वे कराने के आदेश जारी कर दिया. लेकिन जानकारी होने पर आनन-फानन में मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दस्तावेज दाखिल कर सर्वे के आदेश को रुकवाया. इसके बाद फिर 29 मार्च को एफटीसी कोर्ट ने वादी अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद पुनः सर्वे के आदेश जारी कर दिए. लेकिन अब सर्वे का आदेश स्थगित है और प्रकरण की सुनवाई 27 अप्रैल को होगी.
वाद संख्या 152 पर भी हुई सुनवाईः वहीं, वादी महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका वाद संख्या 152 को लेकर पक्ष विपक्ष अधिवक्ताओं के द्वारा बहस पूरी की गई है. विवादित स्थान का सर्वे कराने को लेकर न्यायालय ने 6 मई ऑर्डर सुनाने के लिए तारीख निर्धारित की है.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
इसे भी पढ़ें-कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण में सर्वे का दिया आदेश, अमीन को 17 तक देनी होगी रिपोर्ट
श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की कोर्ट में हुई सुनवाई, सर्वे को लेकर इस दिन आ सकता है फैसला - Shri Krishna Janmabhoomi survey Hearing in court
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर मंगलवार को एक बार कोर्ट में फिर सुनवाई हुई. कोर्ट ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अगली तारीख तय की है.
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर एफटीसी कोर्ट में वादी महेंद्र प्रताप सिंह और हिंदू सेना संगठन के विष्णु गुप्ता की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर पक्ष और विपक्ष अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें पेश की. विष्णु गुप्ता की सर्वे याचिका पर 27 अप्रैल और महेंद्र प्रताप सिंह की वाद संख्या 152 पर सुनवाई 6 मई को होगी.
हिंदू सेना संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका वाद संख्या 639/22 पर सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट ने विवादित स्थान का सर्वे कराने के प्रकरण को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष की आपत्ति दस्तावेज जमा किए थे, इन्हीं बिंदुओं पर पक्ष-विपक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय में दलीलें पेश की. फिलहाल न्यायालय ने सर्वे प्रकरण को लेकर अगली सुनवाई 27 अप्रैल को निर्धारित की है.
बता दें कि सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में विष्णु गुप्ता ने 8 दिसंबर 2022 को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. न्यायालय ने उसी दिन सर्वे कराने के आदेश जारी कर दिया. लेकिन जानकारी होने पर आनन-फानन में मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दस्तावेज दाखिल कर सर्वे के आदेश को रुकवाया. इसके बाद फिर 29 मार्च को एफटीसी कोर्ट ने वादी अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद पुनः सर्वे के आदेश जारी कर दिए. लेकिन अब सर्वे का आदेश स्थगित है और प्रकरण की सुनवाई 27 अप्रैल को होगी.
वाद संख्या 152 पर भी हुई सुनवाईः वहीं, वादी महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका वाद संख्या 152 को लेकर पक्ष विपक्ष अधिवक्ताओं के द्वारा बहस पूरी की गई है. विवादित स्थान का सर्वे कराने को लेकर न्यायालय ने 6 मई ऑर्डर सुनाने के लिए तारीख निर्धारित की है.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
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