मथुरा: तेजी से प्रदूषित हो रही यमुना के संरक्षण के लिए अब साधु संत आगे आ गए हैं. सामाजिक संगठन यमुना मिशन को अब भारत के 5 मूर्धन्य संतों का संरक्षकत्व मिल गया है. जिसके बाद अब संरक्षक मंडल में शामिल महामंडलेश्वर कार्ष्णि स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, गौ-ऋषि स्वामी श्रीदत्त शरणानंद महाराज, जगद्गुरु मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज और बाबा सियारामदास महाराज यमुना मिशन के कार्यों में सुझाव देंगे.
गुरुवार को धर्म नगरी वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित कृष्ण कृपा धाम आश्रम में आयोजित प्रेसवार्ता में संरक्षक गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने संगठन की ओर से किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ब्रज हित में और यमुना शुद्धिकरण के लिए संतों की ओर से हरसंभव प्रयास किए जाएंगे.
यमुना नदी को शुद्ध करने के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपया बहाया गया. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बड़ी-बड़ी मशीनों से अभियान की शुरुआत की गई. कई सालों तक अभियान चलने के बाद आज भी यमुना नदी का जल अशुद्ध है. यमुना शुद्धिकरण को लेकर सामाजिक संगठन यमुना मिशन संगठन द्वारा कई बार आंदोलन जिला स्तर पर किए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यमुना शुद्धिकरण को लेकर केवल कागजों तक कार्रवाई की गई. यमुना नदी के किनारे आज भी शहर से निकला हुआ गंदा पानी यमुना नदी में गिर रहा है.