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यमुना मिशन को मिलेगी नई धार, नदी की शुद्धि के लिए आगे आया संत समाज

मथुरा में यमुना नदी के शुद्धिकरण के लिए संत समाज अब आगे आया है. संतों के सानिध्य में यमुना मिशन को नई धार मिलेगी. गुरुवार को वृंदावन में स्थित कृष्ण कृपा धाम आश्रम में प्रेसवार्ता के दौरान संरक्षक गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने इसके बारे में जानकारी दी.

यमुना शुद्धि को आगे आए संत
यमुना शुद्धि को आगे आए संत
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Published : Aug 13, 2021, 2:04 PM IST

मथुरा: तेजी से प्रदूषित हो रही यमुना के संरक्षण के लिए अब साधु संत आगे आ गए हैं. सामाजिक संगठन यमुना मिशन को अब भारत के 5 मूर्धन्य संतों का संरक्षकत्व मिल गया है. जिसके बाद अब संरक्षक मंडल में शामिल महामंडलेश्वर कार्ष्णि स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, गौ-ऋषि स्वामी श्रीदत्त शरणानंद महाराज, जगद्गुरु मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज और बाबा सियारामदास महाराज यमुना मिशन के कार्यों में सुझाव देंगे.

गुरुवार को धर्म नगरी वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित कृष्ण कृपा धाम आश्रम में आयोजित प्रेसवार्ता में संरक्षक गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने संगठन की ओर से किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ब्रज हित में और यमुना शुद्धिकरण के लिए संतों की ओर से हरसंभव प्रयास किए जाएंगे.

यमुना मिशन में आगे आए संत
जानकारी देते हुए संरक्षक गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि यमुना मिशन पिछले कई वर्षों से यमुना जी के निर्मल अविरल प्रवाह के लिए और पर्यावरण की दृष्टि से यमुना जी के तटीय क्षेत्रों में हरियाली खुशहाली, स्वच्छता और सुरक्षा को लेकर के कार्य कर रहा है. उस लक्ष्य को सामने रखकर कार्य कर रहा है. लक्ष्य के अनुसार कुछ जगह यमुना शुद्धिकरण के लिए लगभग डेढ़ लाख से अधिक वृक्षारोपण अभी तक किया जा चुका है .
आगे भी यमुना मिशन एक व्यापक भाव के साथ आगे बढ़ सके कार्य कर सके उस दृष्टि से राष्ट्र के कुछ वरिष्ठ संतो के साथ उनके संरक्षण में एक समिति गठित की गई है. वह समिति योजना बनाकर के यमुना जी बहुत शीघ्र ही अविरल और निर्मल प्रवाह में ब्रज वासियों का आनंद बने ब्रज वासियों का उत्साह बने इसके लिए प्रयास किए जाएंगे. संरक्षण के रूप में महामंडलेश्वर कार्ष्णि स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, गौ-ऋषि स्वामी श्रीदत्त शरणानंद महाराज, जगद्गुरु मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज और बाबा सियारामदास महाराज शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें-हेमा मालिनी ने यमुना शुद्धिकरण को लेकर पूर्व की सरकारों पर उठाए सवाल


यमुना नदी को शुद्ध करने के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपया बहाया गया. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बड़ी-बड़ी मशीनों से अभियान की शुरुआत की गई. कई सालों तक अभियान चलने के बाद आज भी यमुना नदी का जल अशुद्ध है. यमुना शुद्धिकरण को लेकर सामाजिक संगठन यमुना मिशन संगठन द्वारा कई बार आंदोलन जिला स्तर पर किए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यमुना शुद्धिकरण को लेकर केवल कागजों तक कार्रवाई की गई. यमुना नदी के किनारे आज भी शहर से निकला हुआ गंदा पानी यमुना नदी में गिर रहा है.

मथुरा: तेजी से प्रदूषित हो रही यमुना के संरक्षण के लिए अब साधु संत आगे आ गए हैं. सामाजिक संगठन यमुना मिशन को अब भारत के 5 मूर्धन्य संतों का संरक्षकत्व मिल गया है. जिसके बाद अब संरक्षक मंडल में शामिल महामंडलेश्वर कार्ष्णि स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, गौ-ऋषि स्वामी श्रीदत्त शरणानंद महाराज, जगद्गुरु मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज और बाबा सियारामदास महाराज यमुना मिशन के कार्यों में सुझाव देंगे.

गुरुवार को धर्म नगरी वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित कृष्ण कृपा धाम आश्रम में आयोजित प्रेसवार्ता में संरक्षक गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने संगठन की ओर से किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ब्रज हित में और यमुना शुद्धिकरण के लिए संतों की ओर से हरसंभव प्रयास किए जाएंगे.

यमुना मिशन में आगे आए संत
जानकारी देते हुए संरक्षक गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि यमुना मिशन पिछले कई वर्षों से यमुना जी के निर्मल अविरल प्रवाह के लिए और पर्यावरण की दृष्टि से यमुना जी के तटीय क्षेत्रों में हरियाली खुशहाली, स्वच्छता और सुरक्षा को लेकर के कार्य कर रहा है. उस लक्ष्य को सामने रखकर कार्य कर रहा है. लक्ष्य के अनुसार कुछ जगह यमुना शुद्धिकरण के लिए लगभग डेढ़ लाख से अधिक वृक्षारोपण अभी तक किया जा चुका है .
आगे भी यमुना मिशन एक व्यापक भाव के साथ आगे बढ़ सके कार्य कर सके उस दृष्टि से राष्ट्र के कुछ वरिष्ठ संतो के साथ उनके संरक्षण में एक समिति गठित की गई है. वह समिति योजना बनाकर के यमुना जी बहुत शीघ्र ही अविरल और निर्मल प्रवाह में ब्रज वासियों का आनंद बने ब्रज वासियों का उत्साह बने इसके लिए प्रयास किए जाएंगे. संरक्षण के रूप में महामंडलेश्वर कार्ष्णि स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, गौ-ऋषि स्वामी श्रीदत्त शरणानंद महाराज, जगद्गुरु मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज और बाबा सियारामदास महाराज शामिल हैं.
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यमुना नदी को शुद्ध करने के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपया बहाया गया. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बड़ी-बड़ी मशीनों से अभियान की शुरुआत की गई. कई सालों तक अभियान चलने के बाद आज भी यमुना नदी का जल अशुद्ध है. यमुना शुद्धिकरण को लेकर सामाजिक संगठन यमुना मिशन संगठन द्वारा कई बार आंदोलन जिला स्तर पर किए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यमुना शुद्धिकरण को लेकर केवल कागजों तक कार्रवाई की गई. यमुना नदी के किनारे आज भी शहर से निकला हुआ गंदा पानी यमुना नदी में गिर रहा है.

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