मथुरा: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़ और अव्यवस्थाओं को देखते हुए को 19 अक्टूबर से मंदिर प्रशासन ने अनिश्चित काल के लिए मंदिर बंद कर दिया गया था. यह निर्णय मंदिर प्रबंधन कमेटी द्वारा लिया गया. इसके बाद भक्तों में आक्रोश फैल गया. मंदिर प्रबंधन द्वारा भक्तों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही दर्शन कराए जाने के निर्णय लेने पर विभिन्न संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी द्वारा आमरण अनशन शुरू कर दिया है.
वहीं, मंदिर प्रबंधन द्वारा 25 अक्टूबर से मंदिर खोलने पर भक्तों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही दर्शन कराए जाने का निर्णय लेने पर भक्तों के साथ साथ मंदिर के सेवायत गोस्वामी और समाजवादी पार्टी भी विरोध में उतर आए हैं. जिसको लेकर शनिवार को सेवायत गोस्वामियों एवं धर्म रक्षा संघ के पदाधिकारी और भक्तों द्वारा मंदिर के बाहर प्रदर्शन कर विरोध जताया. वहीं समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष लोकमणिकांत जादौन एवं कार्यकर्ताओं ने भी ऑनलाइन दर्शन व्यवस्था पर आपत्ति जताते हुए भक्तों को पूर्व की भांति ही दर्शन कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है.
विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर को खोले जाने को लेकर हो रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले अव्यवस्थाओं और भक्तों की उमड़ी भीड़ को देखते हुए 17 अक्टूबर को मंदिर के खोले गए पाटों को मंदिर प्रबंधन द्वारा 19 अक्टूबर से अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया. जिसके बाद न्यायालय ने आदेश दिया कि 15 अक्टूबर को मंदिर खोलने को लेकर जो आदेश दिए थे उसी को प्रभावी माना जाए. जिसके चलते अब मंदिर प्रबंधन द्वारा मंदिर को 25 अक्टूबर से मंदिर के पट खोल रहा है. लेकिन श्रद्धालु भक्त ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही अपने आराध्य के दर्शन कर पाएंगे. इस निर्णय से नाराज सेवायत गोस्वामी पंडा समाज आदि विभिन्न संगठनों द्वारा मंदिर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया जा रहा है.
वहीं, मंदिर प्रबंधन द्वारा लिए गए इस निर्णय के विरोध में समाजवादी पार्टी भी मैदान में उतर आई है, उसके द्वारा आमरण अनशन शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि सभी को अपने आराध्य के दर्शन करने का हक है, और सभी के लिए पट खोले जाने चाहिए .