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मथुरा: साधु-संतों ने वृंदावन में आयोजित की बैठक, तीर्थ स्थल सुरक्षित कराने पर हुई चर्चा - काशी विद्वत परिषद

यूपी के मथुरा में श्रीराम मंदिर तो झांकी है, काशी और मथुरा अभी बाकी है का बिगुल बजाते हुए सोमवार को धर्म नगरी वृंदावन में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में संत एवं धर्माचार्यों ने सनातन धर्म संस्कृति मंदिर और तीर्थ स्थल संरक्षित व सुरक्षित कराने को लेकर चर्चा की.

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साधु-संतों ने आयोजित की बैठक.
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Published : Aug 11, 2020, 5:05 AM IST

मथुरा: अयोध्या जिले में भगवान श्रीराम मंदिर की शुरुआत के साथ ही अब भारत के अन्य मंदिरों के संरक्षण को लेकर आवाज बुलंद होने लगी है. इसी श्रंखला में श्रीराम मंदिर तो झांकी है, काशी और मथुरा अभी बाकी है का बिगुल बजाते हुए सोमवार को धर्म नगरी वृंदावन में एक बैठक का आयोजन किया गया. काशी विद्वत परिषद की ब्रजमंडल शाखा के बैनर तले सुदामा कुटी आश्रम में यह बैठक आयोजित हुई. बैठक में संत एवं धर्माचार्यों द्वारा सनातन धर्म संस्कृति मंदिर, तीर्थ स्थल संरक्षित व सुरक्षित कराने को लेकर चर्चा की गई.

साधु-संतों ने आयोजित की बैठक.

साधु-संतों ने काशी-मथुरा को लेकर बुलंद की आवाज
राम मंदिर भूमि पूजन के बाद से ही धर्म की नगरी वृंदावन में साधु संतों द्वारा काशी और मथुरा को लेकर आवाज बुलंद हो गई है. इसी कड़ी में साधु-संतों द्वारा वृंदावन में एक बैठक का आयोजन किया गया. काशी विद्वत परिषद के प्रभारी काष्णि नागेंद्र महाराज ने बताया कि राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ, यह हर्ष का विषय है. उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों को बड़ा आनंद आया. साथ ही मोदी जी और योगी जी को बधाई दी. काष्णि नागेंद्र महाराज ने कहा कि कुछ मुस्लिम नेता हमारे सनातन धर्म और मंदिरों के बारे में जो बोल रहे हैं, वह सर्वदा गलत है. उन्होंने कहा कि यह लोग कह रहे हैं कि वहां मस्जिद थी, लेकिन हम लोग भी कह रहे हैं, वहां मंदिर था.

तीर्थ स्थल संरक्षित और सुरक्षित कराने को लेकर हुई चर्चा
बैठक में श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं काशी विश्वनाथ मंदिर को आक्रांताओं से मुक्त कराने के लिए रणनीति पर विशेष जोर दिया गया. बैठक में संतों का कहना था कि पूर्व में आक्रांताओं द्वारा हमारे सनातन धर्म पर कुठाराघात और मंदिरों पर कब्जे किए गए हैं. अब समय आ गया है कि मंदिरों को आक्रांताओं से मुक्त कराया जाए.

मथुरा: अयोध्या जिले में भगवान श्रीराम मंदिर की शुरुआत के साथ ही अब भारत के अन्य मंदिरों के संरक्षण को लेकर आवाज बुलंद होने लगी है. इसी श्रंखला में श्रीराम मंदिर तो झांकी है, काशी और मथुरा अभी बाकी है का बिगुल बजाते हुए सोमवार को धर्म नगरी वृंदावन में एक बैठक का आयोजन किया गया. काशी विद्वत परिषद की ब्रजमंडल शाखा के बैनर तले सुदामा कुटी आश्रम में यह बैठक आयोजित हुई. बैठक में संत एवं धर्माचार्यों द्वारा सनातन धर्म संस्कृति मंदिर, तीर्थ स्थल संरक्षित व सुरक्षित कराने को लेकर चर्चा की गई.

साधु-संतों ने आयोजित की बैठक.

साधु-संतों ने काशी-मथुरा को लेकर बुलंद की आवाज
राम मंदिर भूमि पूजन के बाद से ही धर्म की नगरी वृंदावन में साधु संतों द्वारा काशी और मथुरा को लेकर आवाज बुलंद हो गई है. इसी कड़ी में साधु-संतों द्वारा वृंदावन में एक बैठक का आयोजन किया गया. काशी विद्वत परिषद के प्रभारी काष्णि नागेंद्र महाराज ने बताया कि राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ, यह हर्ष का विषय है. उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों को बड़ा आनंद आया. साथ ही मोदी जी और योगी जी को बधाई दी. काष्णि नागेंद्र महाराज ने कहा कि कुछ मुस्लिम नेता हमारे सनातन धर्म और मंदिरों के बारे में जो बोल रहे हैं, वह सर्वदा गलत है. उन्होंने कहा कि यह लोग कह रहे हैं कि वहां मस्जिद थी, लेकिन हम लोग भी कह रहे हैं, वहां मंदिर था.

तीर्थ स्थल संरक्षित और सुरक्षित कराने को लेकर हुई चर्चा
बैठक में श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं काशी विश्वनाथ मंदिर को आक्रांताओं से मुक्त कराने के लिए रणनीति पर विशेष जोर दिया गया. बैठक में संतों का कहना था कि पूर्व में आक्रांताओं द्वारा हमारे सनातन धर्म पर कुठाराघात और मंदिरों पर कब्जे किए गए हैं. अब समय आ गया है कि मंदिरों को आक्रांताओं से मुक्त कराया जाए.

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