मथुरा : जिला अस्पताल मथुरा आए दिन सुर्खियों में बना रहता है, फिर चाहे अस्पताल में मरीजों को सही से उपचार न मिलने की बात हो या फिर अस्पताल कर्मियों द्वारा मरीजों के साथ की जाने वाली अभद्रता हो. इस बार जिला अस्पताल की जर्जर हो चुकी बिल्डिंग का मामला है. दरअसल, जिला अस्पताल मथुरा में स्थित बर्न वार्ड की छत का एक हिस्सा भरभरा कर बर्न वार्ड में भर्ती मरीजों के ऊपर जा गिरी. गनीमत यह रही कि छत गिरने से कोई भी हताहत नहीं हुआ. वहीं जब इस संबंध में प्रभारी सीएमएस से बात की तो वह बात को टालते हुए नजर आए.
प्रभारी सीएमएस ने जानकारी दी
जानकारी देते हुए प्रभारी सीएमएस अमिताभ पांडे ने बताया कि 'यह लापरवाही नहीं है. यह तो सब होता रहता है, इसमें क्या कर सकते हैं. 100 साल पुरानी बिल्डिंग है यह. जब हम लोग बंगले में रहते थे, वहां भी छत टूटकर गिरती रहती थी. अब यहां तो स्थितियां परिस्थितियां ऐसी ही बनी हुई है. कायदे से पूरा काम होना चाहिए था अस्पताल में'.
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वहीं जब प्रभारी सीएमएस से पूछा गया कि अस्पताल के जीर्णोद्धार के लिए करोड़ों रुपए दिए जा रहे हैं, तो प्रभारी सीएमएस ने कहा कि कोई भी पैसा रिपेयरिंग के लिए नहीं दिया गया है. और जो पैसा दिया गया उसके इंस्ट्रूमेंट खरीद कर रखे हुए हैं, उसका कोई भी ऑडिट करा ले. दूसरा जो ऑक्सीजन प्लांट लग रहा है, उसकी हर चीज नंबर एक में लग रही है. जो पैसा दिया जा रहा है, वह जिस मुद्दे में दिया जा रहा है उसी मुद्दे में खर्च हो रहा है. हालांकि जिला अस्पताल मथुरा में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी लापरवाही के चलते जिला अस्पताल मथुरा सुर्खियों में रहा है. लापरवाही के कारण पहले भी जिला अस्पताल में कई हादसे हो चुके हैं. अब देखना होगा कि जर्जर हो चुकी अस्पताल की बिल्डिंग की ओर प्रशासन कब तक ध्यान देता है.