ETV Bharat / state

Nag Panchami 2021: हर नागपंचमी पर अपने पति लक्ष्‍मन से मिलने आती है नागिन - मथुरा ताजा खबर

मथुरा के अगरयाला गांव में एक नागिन अपने पूर्व जन्म के पति से मिलने हर वर्ष आती है और उसके गले में लिपट जाती है. यह नागिन पिछले कई साल से अपने पूर्व जन्म के पति से मिलने आ रही है. यह नागिन नागपंचमी के एक दिन पहले गांव के लक्ष्मण नामक व्यक्ति से मिलने आती है और लगभग 48 घंटे इसके साथ रहने के बाद नागपंचमी के दिन वापस चली जाती है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट....

हर नागपंचमी पर अपने पति लक्ष्‍मण से मिलने आती है नागिन
हर नागपंचमी पर अपने पति लक्ष्‍मण से मिलने आती है नागिन
author img

By

Published : Aug 13, 2021, 11:10 AM IST

Updated : Aug 13, 2021, 11:20 AM IST

मथुरा: यह बात जानकर आपको आश्‍चर्य होगा कि एक नागिन ऐसी है जो हर नागपंचमी के दिन अपने पूर्व जन्‍म के पति से मिलने आती है. वह अपना पूरा वक्‍त अपने पति के गले से लिपट कर बिताती है और फिर अगले दिन पता नहीं कहां गायब हो जाती है. बात सुनने में अजीब जरुर लगे मगर यह सच है. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के अगरयाला गांव में हर साल एक नागिन अपने पूर्व जन्‍म के पति से मिलने के लिए आती है. व‍ह पिछले कई सालों से हर नागपंचमी पर मिलने आती है. गांव वालों की मानें तो आज नागपंचमी है और वह अपने पति के पास गई है.

इस नजारे को देखने के लिए दूरदराज से हजारों की संख्या में लोगों का जमावड़ा लगता है. पिछले जन्म में नागिन अपने पति से बिछड़ गई थी. जिसके कारण इस जन्म में नागिन पिछले कई वर्षों से अपने पति से मिलने के लिए यहां पहुंचती है. नागिन अपने पति से मिलने के बाद कई घंटे यहां बिताती है और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती. पत्नी नागिन की याद में पति ने एक मंदिर बनवाया है.

हर नागपंचमी पर अपने पति लक्ष्‍मण से मिलने आती है नागिन

पति कर रहा नागिन पत्नी का इंतजार
सावन के महीने में हर साल नागिन पत्नी अपने पति से मिलने के लिए घर पहुंचती है. पति के पैर छूने के बाद घंटों पति के साथ रहती है. इस दृश्य को देखने के लिए हर साल हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठी होती है.

नागिन का है लक्ष्मन से पूर्व जन्म का नाता
पिछले जन्म में गडरिया परिवार में नाबालिग जोड़े एक दूसरे से प्रेम करते थे. गांव वालों ने मिलकर युवक और युवती की शादी नहीं होने दी. गांव के लोगों ने युवक युवती को पीट-पीटकर मार दिया. युवती ने नागिन का और युवक ने लक्ष्मन के रूप में जन्म लिया. नागिन अपने पति को ढूंढते ढूंढते इस जन्म में अगरयाला गांव में पहुंच गई.

नागिन के साथ लक्ष्‍मन
नागिन के साथ लक्ष्‍मन

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार एकदिन लक्ष्मन की मां प्रेमवती अपने पति के साथ 1 दिन खेत पर बैठी हुई थी. उस समय लक्ष्मन की आयु मात्र 6 महीने की थी. तभी नागिन खेत पर आ गई लक्ष्मन के सिर पर इधर-उधर घूमने लगी. लक्ष्मन की मां और पिता घबरा गए, तभी लक्ष्मण के पिता ने कहा कि प्रभु की जो इच्छा होगी वही होगा. कुछ देर बाद नागिन वहां से चली गई. कई सालों तक नागिन लक्ष्मण के इधर-उधर भटकने लगी. जब लक्ष्मन की आयु 17 वर्ष हुई और शादी के लिए लड़की देखने जा रहे थे, तभी नागिन ने लक्ष्मण को काट लिया. तांत्रिकों से इलाज करवाने के बाद लक्ष्‍मण की जान तो बच गई मगर नागिन ने उसका पीछा करना नहीं छोड़ा. परिजनों ने बताया कि शादी के बाद से नागिन उसे 7 बार डंसा है.

लक्ष्मण को सपने में नागिन दिखाई देने लगी तो उसके परिवार वालों ने उसका इलाज तांत्रिकों से कराना शुरू किया. ढाका बजवाई गई तो नागिन ने बताया कि वह लक्ष्‍मण की पूर्व जन्‍म की पत्‍नी है. नागिन ने कहा कि वह लक्ष्‍मण के पास हमेशा रहना चाहती है. इसलिए गांव में एक मंदिर बनवाया जाए. उसने यह भी कहा कि वह अबसे हर नागपंचमी को लक्ष्‍मण से मिलने आया करेगी. . नाग पंचमी के दिन घर के लोग मंदिर बनवाने की बात को भूल गए. तब नागिन रूठ गई और कहां केवल सावन के महीने में ही अपने पति से मिलने आऊंगी, घर के लोगों को मेरी कोई चिंता नहीं है.

नागिन की याद में बनवाया मंदिर
नागिन की याद में बनवाया मंदिर

इसे भी पढ़ें-नागपंचमी विशेष: काशी के इस स्थान पर बसता है नाग लोक, पाताल लोक को जाता है रास्ता

सावन के महीने में आती है नागिन
सावन के महीने में हर साल नागिन अपने पति से मिलने के लिए अगरयाला गांव में पहुंचती है. पत्नी का इंतजार करने के लिए लक्ष्मन बेसब्री से इंतजार करता है. फिलहाल पिछले कुछ वर्षों से नागिन लक्ष्मण को दर्शन देती है. गांव के लोगों के सामने अदृश्य हो जाती है.

लक्ष्मन की मां प्रेमवती ने बताया कि मेरे बेटे लक्ष्मण के साथ नागिन का पूर्व जन्म का पत्नी का नाता है. सावन के महीने में हर बार लक्ष्मन से मिलने के लिए नागिन यहां आती है. घर पर एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है, जिसमें नागिन की तस्वीर स्थापित की गई है. घर में किसी भी सदस्य को नुकसान नहीं पहुंचाती है. घर पर जब नागिन पहुंचती है, तो लक्ष्मन के शरीर से लिपट जाती है. इस नजारे को देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है.

लक्ष्‍मन
लक्ष्‍मन

लक्ष्मन ने बताया कि एक नागिन मुझे अपना पति मानती है. पत्नी का फर्ज निभाते हुए नागिन हर सावन के महीने में इस घर में आती है. 11 वर्षों तक लगातार नागिन मेरे पास आई और मेरे शरीर से लिपट जाती थी. मंदिर बनवाने की प्रतिज्ञा की गई थी. लेकिन उस समय मंदिर नहीं बना था, वाह रुष्ट हो गई. उसके बाद नागिन केवल मुझे दर्शन देती है. गांव के लोगों के सामने अदृश्य हो जाती है. उसी की याद में हर साल नाग पंचमी से पूर्व सावन के महीने में रामायण का पाठ कराया जाता है. दूसरे दिन भंडारा होता है, गांव के लोग भोजन करने के लिए आते हैं. नागिन ने कभी किसी को नुकसान नही पहुंचाया है.

मथुरा: यह बात जानकर आपको आश्‍चर्य होगा कि एक नागिन ऐसी है जो हर नागपंचमी के दिन अपने पूर्व जन्‍म के पति से मिलने आती है. वह अपना पूरा वक्‍त अपने पति के गले से लिपट कर बिताती है और फिर अगले दिन पता नहीं कहां गायब हो जाती है. बात सुनने में अजीब जरुर लगे मगर यह सच है. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के अगरयाला गांव में हर साल एक नागिन अपने पूर्व जन्‍म के पति से मिलने के लिए आती है. व‍ह पिछले कई सालों से हर नागपंचमी पर मिलने आती है. गांव वालों की मानें तो आज नागपंचमी है और वह अपने पति के पास गई है.

इस नजारे को देखने के लिए दूरदराज से हजारों की संख्या में लोगों का जमावड़ा लगता है. पिछले जन्म में नागिन अपने पति से बिछड़ गई थी. जिसके कारण इस जन्म में नागिन पिछले कई वर्षों से अपने पति से मिलने के लिए यहां पहुंचती है. नागिन अपने पति से मिलने के बाद कई घंटे यहां बिताती है और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती. पत्नी नागिन की याद में पति ने एक मंदिर बनवाया है.

हर नागपंचमी पर अपने पति लक्ष्‍मण से मिलने आती है नागिन

पति कर रहा नागिन पत्नी का इंतजार
सावन के महीने में हर साल नागिन पत्नी अपने पति से मिलने के लिए घर पहुंचती है. पति के पैर छूने के बाद घंटों पति के साथ रहती है. इस दृश्य को देखने के लिए हर साल हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठी होती है.

नागिन का है लक्ष्मन से पूर्व जन्म का नाता
पिछले जन्म में गडरिया परिवार में नाबालिग जोड़े एक दूसरे से प्रेम करते थे. गांव वालों ने मिलकर युवक और युवती की शादी नहीं होने दी. गांव के लोगों ने युवक युवती को पीट-पीटकर मार दिया. युवती ने नागिन का और युवक ने लक्ष्मन के रूप में जन्म लिया. नागिन अपने पति को ढूंढते ढूंढते इस जन्म में अगरयाला गांव में पहुंच गई.

नागिन के साथ लक्ष्‍मन
नागिन के साथ लक्ष्‍मन

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार एकदिन लक्ष्मन की मां प्रेमवती अपने पति के साथ 1 दिन खेत पर बैठी हुई थी. उस समय लक्ष्मन की आयु मात्र 6 महीने की थी. तभी नागिन खेत पर आ गई लक्ष्मन के सिर पर इधर-उधर घूमने लगी. लक्ष्मन की मां और पिता घबरा गए, तभी लक्ष्मण के पिता ने कहा कि प्रभु की जो इच्छा होगी वही होगा. कुछ देर बाद नागिन वहां से चली गई. कई सालों तक नागिन लक्ष्मण के इधर-उधर भटकने लगी. जब लक्ष्मन की आयु 17 वर्ष हुई और शादी के लिए लड़की देखने जा रहे थे, तभी नागिन ने लक्ष्मण को काट लिया. तांत्रिकों से इलाज करवाने के बाद लक्ष्‍मण की जान तो बच गई मगर नागिन ने उसका पीछा करना नहीं छोड़ा. परिजनों ने बताया कि शादी के बाद से नागिन उसे 7 बार डंसा है.

लक्ष्मण को सपने में नागिन दिखाई देने लगी तो उसके परिवार वालों ने उसका इलाज तांत्रिकों से कराना शुरू किया. ढाका बजवाई गई तो नागिन ने बताया कि वह लक्ष्‍मण की पूर्व जन्‍म की पत्‍नी है. नागिन ने कहा कि वह लक्ष्‍मण के पास हमेशा रहना चाहती है. इसलिए गांव में एक मंदिर बनवाया जाए. उसने यह भी कहा कि वह अबसे हर नागपंचमी को लक्ष्‍मण से मिलने आया करेगी. . नाग पंचमी के दिन घर के लोग मंदिर बनवाने की बात को भूल गए. तब नागिन रूठ गई और कहां केवल सावन के महीने में ही अपने पति से मिलने आऊंगी, घर के लोगों को मेरी कोई चिंता नहीं है.

नागिन की याद में बनवाया मंदिर
नागिन की याद में बनवाया मंदिर

इसे भी पढ़ें-नागपंचमी विशेष: काशी के इस स्थान पर बसता है नाग लोक, पाताल लोक को जाता है रास्ता

सावन के महीने में आती है नागिन
सावन के महीने में हर साल नागिन अपने पति से मिलने के लिए अगरयाला गांव में पहुंचती है. पत्नी का इंतजार करने के लिए लक्ष्मन बेसब्री से इंतजार करता है. फिलहाल पिछले कुछ वर्षों से नागिन लक्ष्मण को दर्शन देती है. गांव के लोगों के सामने अदृश्य हो जाती है.

लक्ष्मन की मां प्रेमवती ने बताया कि मेरे बेटे लक्ष्मण के साथ नागिन का पूर्व जन्म का पत्नी का नाता है. सावन के महीने में हर बार लक्ष्मन से मिलने के लिए नागिन यहां आती है. घर पर एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है, जिसमें नागिन की तस्वीर स्थापित की गई है. घर में किसी भी सदस्य को नुकसान नहीं पहुंचाती है. घर पर जब नागिन पहुंचती है, तो लक्ष्मन के शरीर से लिपट जाती है. इस नजारे को देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है.

लक्ष्‍मन
लक्ष्‍मन

लक्ष्मन ने बताया कि एक नागिन मुझे अपना पति मानती है. पत्नी का फर्ज निभाते हुए नागिन हर सावन के महीने में इस घर में आती है. 11 वर्षों तक लगातार नागिन मेरे पास आई और मेरे शरीर से लिपट जाती थी. मंदिर बनवाने की प्रतिज्ञा की गई थी. लेकिन उस समय मंदिर नहीं बना था, वाह रुष्ट हो गई. उसके बाद नागिन केवल मुझे दर्शन देती है. गांव के लोगों के सामने अदृश्य हो जाती है. उसी की याद में हर साल नाग पंचमी से पूर्व सावन के महीने में रामायण का पाठ कराया जाता है. दूसरे दिन भंडारा होता है, गांव के लोग भोजन करने के लिए आते हैं. नागिन ने कभी किसी को नुकसान नही पहुंचाया है.

Last Updated : Aug 13, 2021, 11:20 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.