मथुरा: धर्म रक्षा संघ द्वारा श्री धाम वृंदावन एवं संपूर्ण ब्रज चौरासी कोस की पवित्र रज के साथ यमुना एवं कुंडों के जल से निर्मित रजत शिला 3 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि के नवनिर्मित मंदिर की नींव में स्थापित करने के लिए सौंपी जाएगी. रजत शीला को अयोध्या ले जाने की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. इसके लिए कांच का पारदर्शी बक्शा बनाया गया है, जिसमें यमुना की ब्रज के ऊपर सिंहासन और सिंहासन पर रजत शीला विराजमान की गई है.
गुरुवार को ब्रज विहार कॉलोनी में आयोजित प्रेस वार्ता में रजत शीला यात्रा के संयोजक और संघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष गोपेश गोस्वामी ने बताया कि 31 जुलाई को सुबह 10 बजे ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रजत शिला का पूजन होगा. इसके पश्चात रजत शिला यात्रा दोपहर 12 बजे केसी घाट पर पहुंचेगी. यमुना पूजन के बाद ब्रज की गोपियों एवं बृजवासी महिलाएं यमुना जल कलश में लेकर वृंदावन के प्रमुख संत धर्माचार्य पहुंचेंगी. इसके बाद संघ के कार्यकर्ता और पदाधिकारी गण यमुना की रज को अपने मस्तक पर रखकर गोपाल खार स्थित भगवान मंदिर में एकत्रित होंगे.
1 अगस्त को शुरू होगी रजत शिला यात्रा
1 अगस्त को दोपहर 1 बजे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा से रजत शिला यात्रा प्रारंभ होगी. लखनऊ में रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन दोपहर 12 बजे रजत शिला अयोध्या के लक्ष्मण जिलाधीश पीठाधीश्वर महंत राजकुमार दास अधिकारी महाराज के आश्रम और वहां से हनुमानगढ़ी रामलला कनक भवन पहुंचेगी. रजत शिला का 3 अगस्त को प्रातः काल सरयू में अभिषेक होगा. इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज, कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद गिरी महाराज एवं महामंत्री चंपत राय और अन्य संत महात्माओं की उपस्थिति में श्रीराम जन्मभूमि की नवनिर्मित मंदिर की नींव में स्थापित करने के लिए सौंपी जाएगी.
कोषाध्यक्ष धर्म रक्षा संघ गोपेश गोस्वामी ने बताया कि धर्म संघ द्वारा निर्मित रजत शीला में ब्रज के 84 कोस की मिट्टी है. ब्रज के जितने कुंड हैं, उनके चरणों का स्पर्श है. वह रजत शिला आज माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के पास पहुंची है. योगी जी उसका पूजन करेंगे. धर्म रक्षा संघ के सभी पदाधिकारी लखनऊ गए हुए हैं. इसके बाद रजत शिला शुक्रवार को वृंदावन पहुंचेगी. बांके बिहारी के मंदिर में वहां के गोस्वामी समाज के लोग रजत शिला का पूजन करेंगे. ठाकुर जी के चरणों से रजत शिला का स्पर्श कराया जाएगा. इसके बाद रजत शिला यात्रा के द्वारा ब्रजवासी समस्त पदाधिकारी और ब्रज के लोग रजतशिला का यमुना जल से पुनः स्नान करेंगे. तत्पश्चात हम रजत शिला को कृष्ण जन्मभूमि से होते हुए अयोध्या के लिए ले जाएंगे.