मथुराः फरवरी 2021 में धर्म नगरी वृंदावन में यमुना नदी के तट पर मिनी कुम्भ के आयोजन की तैयारी चल रही है. हरिद्वार कुंभ से पहले वृंदावन में साधु-संतों की बड़ी बैठक आयोजित की जाती है, जिसे मिनी कुंभ के नाम से जाना जाता है. वृंदावन कुंभ स्थल पर तेज गति से काम अंतिम चरण में है. कुंभ स्थल पर 50-50 मीटर लंबे पांच घाटों का निर्माण कराया जा रहा है. देश भर के हजारों साधु-संत और श्रद्धालु मिनी कुंभ में स्नान करने पहुंचेंगे.
कुंभ स्थल पर युद्ध स्तर पर काम
वृंदावन में यमुना नदी के किनारे पानी घाट पर मिनी कुंभ को लेकर काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. 16 फरवरी 2021 से मिनी कुंभ का शुभारंभ भव्य और दिव्यता के साथ किया जाएगा. कुंभ स्थल क्षेत्र पर नगर निगम और तीर्थ विकास परिषद द्वारा काम कराए जा रहे हैं. कुंभ क्षेत्र में जमीन को समतल किया जा रहा है. दूसरी ओर बिजली विभाग द्वारा खंभों पर लाइट की व्यवस्था की जा रही है. 28 मार्च को मिनी कुंभ का समापन किया जाएगा.
सीएम का आदेश
प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक में जिस प्रकार से दिव्यता के साथ कुंभ का आयोजन किया जाता है, उसी तरह वृंदावन में भी भव्य और दिव्य मिनी कुंभ का आगाज होगा. मिनी कुंभ की तैयारियों को लेकर समय-समय पर अधिकारी कुंभ स्थल पर जायजा लेने पहुंच रहे हैं. वहीं प्रदेश ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा भी प्रत्येक शनिवार को कुंभ तैयारी को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक करते नजर आते हैं.
हरिद्वार कुंभ से पहले बैठक
हरिद्वार कुंभ से पहले साधु संतों की बड़ी बैठक धर्म की नगरी वृंदावन यमुना नदी के किनारे होती है, जिसे मिनी कुंभ के नाम से जाना जाता है. इस बैठक में देश भर के हजारों साधु-संत शिरकत करते हैं और यमुना नदी में शाही स्नान साधु संतों द्वारा किया जाता है.
संत भगवती शरण दास महाराज ने बताया कि हरिद्वार कुंभ से पहले साधु-संतों की बड़ी बैठक होती है. इस संत समागम को मिनी कुंभ के नाम से जाना जाता है. यमुना नदी पानी घाट के पास 16 फरवरी से मिनी कुंभ की शुरुआत होगी. बड़ी संख्या में साधु-संत यहां एकजुट होंगे और यमुना नदी में स्नान करेंगे. कुंभ स्थल क्षेत्र पर काम तेज गति से किया जा रहा है. यमुना नदी के किनारे पांच घाटों का निर्माण हो रहा है. इस बार योगी की सरकार में कुंभ को विशाल रूप दिया गया है.