मथुराः विश्व प्रसिद्ध लठ्ठामार होली को लेकर ब्रज मे तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. ब्रज में होली के हुड़दंग को लेकर रंगों की महक उड़ने लगी है. इस बार 8 मार्च को होली मनायी जाएगी. वैसे तो हिंदुस्तान के अलग-अलग हिस्सों में होली धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन बरसाने की होली का एक अपना अलग ही महत्व है. होली में रंगोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होता है. इसी को लेकर फैक्ट्रियों में रंग बिरंगे गुलाल तैयार किए जाने लगे हैं. यहां बने गुलाल की सप्लाई उत्तर प्रदेश ही नहीं अन्य प्रांतों में भी की जाती है.
होली के लिए रंग-गुलाल तैयार
आगरा दिल्ली राज्य मार्ग पर स्थित प्राइवेट फैक्ट्रीयो में रंग-बिरंगे गुलाल तैयार करने में कारीगर जुटे हैं. हर रोज बारह से अधिक कारीगर पांच टन से ज्यादा गुलाल तैयार कर लेते हैं. ब्रज में होली विभिन्न रंगों के साथ खेली जाती है. भगवान के मंदिर, साधु संतों के आश्रम और आम जनमानस होली का अद्भुत आनंद लेते हैं. देश के अनेक कोने से श्रद्धालु, पर्यटक, भक्तगण और विदेशों से भी विदेशी सैलानी यहां होली खेलने के लिए पहुंचते हैं.
कई राज्यो में गुलाल की होती है सप्लाई
मथुरा के बने हुए गुलाल की सप्लाई यूपी, हरियाणा राजस्थान, दिल्ली और पंजाब में की जाती है. होली के दिन नजदीक आते ही गुलाल और रंग तैयार करने के आर्डर मिल रहे हैं. इस बार भी फैक्ट्रियों को बसंत पंचमी से पहले ही गुलाल और रंगों का आर्डर मिलना शुरू हो चुका था. उनकी डिमांड पूरा करने के लिए मजदूर काम करने में जुटे हुए हैं.
ब्रज में चालीस दिनों तक खेली जाती है होली
बसंत पंचमी के दिन 26 जनवरी से बृज में होली महोत्सव का आगाज हो जाता है. मथुरा, वृंदावन, बरसाना नंदगांव, दाऊजी और गोवर्धन में बसंत पंचमी के दिन से ही मंदिरों में ठाकुर जी गुलाल से होली खेलते हैं. 3 मार्च रंगभरी एकादशी को ब्रज में रंगों की होली शुरू होती है.
- 24 फरवरी को भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थली गोकुल के रमन रेती गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में होली येसु के फूलों से रंग बनाकर होली खेली जाएगी.
- 26 जनवरी को बसंत पंचमी के दिन से ही बांके बिहारी मंदिर सहित सभी मंदिरों मे गुलाल ठाकुर जी को लगाया गया.
- 27 फरवरी को बरसाना के राधा रानी मंदिर में लड्डू मार होली खेली जाएगी.
- 28 फरवरी को बरसाना में लठ्ठमार होली खेली जाएगी.
- 1 मार्च को नंद गांव में लठ्ठमार होली खेली जाएगी.
- 3 मार्च को श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर परिसर में लठ्ठमार होली, शहर की द्वारकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में रंगों की होली.
- 4 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली.
- 7 मार्च को होलिका दहन और फालेन गांव की होली.
- 7 मार्च को प्राचीन परंपरा चतुर्वेदी समाज का डोला.
- 8 मार्च को देशभर में होली खेली जाएगी.
- 9 मार्च को ब्रज के राजा दाऊजी का हुरंगा
- 15 मार्च को श्री रंग जी मंदिर में होली.
फैक्ट्री के सुपरवाइजर शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि होली को लेकर रंग-बिरंगे गुलाल तैयार किए जा रहे हैं. फैक्ट्री में बसंत पंचमी से पहले ही लोगों की डिमांड और आर्डर मिलना शुरू हो गए थे. अनेक प्रकार के रंग-बिरंगे गुलाल कुंतल की तादाद में तैयार किए जा रहे हैं. खासकर रंग बनाते समय हम लोग विशेष ध्यान रखते हैं कि रंग लगाते समय शरीर पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट न हो, इसलिए हम शुद्ध अरारोट में कलर्स डालकर रंग बना रहे हैं. जनपद में बना हुआ रंग और गुलाल देश के अनेक प्रांतों में सप्लाई किया जाता है.
पढ़ेंः मथुरा में विश्व प्रसिद्ध लठमार होली की तैयारियां शुरू, जानें क्या हैं इंतजाम