मथुरा: पीएफआई (PFI) के पांच सदस्यों की देशद्रोह मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एडीजे प्रथम कोर्ट में पेशी की गई. अधिवक्ताओं द्वारा पेश किए जाने के बाद मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी. लखनऊ एसटीएफ के अधिकारियों ने कुछ अहम दस्तावेज न्यायालय के समक्ष पेश किए. इसमें पिछले दिनों लखनऊ में पकड़े गए पीएफआई के दो सदस्य केरल छात्र विंग संगठन रउफ शरीफ से नजदीकी बताई जा रही है. पिछले साल 5 अक्टूबर को पुलिस ने पीएफआई के इन पांचों सदस्यों को गिरफ्तार किया था. इन पर देशद्रोह जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है.
एडीजे प्रथम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी
पीएफआई के सदस्य अतीकुर्रहमान, आलम, मसूद, सिद्दीकी और छात्र विंग संगठन के महासचिव रऊफ शरीफ की एडीजे प्रथम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशद्रोह के मामले में पेशी हुई. ये सभी राजद्रोह, सांप्रदायिक हिंसा और विदेशों से फंडिंग के मामले में जिला कारागार में बंद हैं. इस संगीन मामले में लखनऊ एसटीएफ की टीम जांच कर रही है.
4 मार्च को कोर्ट में पेश होंगे दो आरोपी
केरल निवासी सिद्दीकी कप्पन और छात्र विंग संगठन महासचिव रउफ शरीफ के हैंडराइटिंग और हस्ताक्षर वेरीफाई करने के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा. एसटीएफ अधिकारियों द्वारा प्रार्थना पत्र दिए जाने के बाद न्यायालय ने दो आरोपियों को 4 मार्च कोर्ट के समक्ष पेश होना है जो फिलहाल जनपद के जिला कारागार में बंद है.
छात्र विंग संगठन महासचिव से है नजदीकी
लखनऊ में स्पेशल टास्क फोर्स ने 16 फरवरी को पीएफआई के दो सदस्य फिरोज खान और अंसद बदरुद्दीन निवासी केरल विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया था. ये दोनों पीएफआई छात्र विंग संगठन रउफ शरीफ के नजदीकी बताए जा रहे हैं. इसको लेकर कुछ अहम दस्तावेज एसटीएफ की टीम ने न्यायालय के समक्ष पेश किए हैं.
जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया पीएफआई के पांच सदस्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी की गई. मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी. वहीं दो आरोपी सिद्दीकी कप्पन और रावत शरीफ के हैंडराइटिंग और हस्ताक्षर के लिए न्यायालय के समक्ष 4 मार्च को पेश होना है.
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बहुचर्चित हाथरस कांड से जुड़ा है मामला
दरअसल, चंदपा कोतवाली क्षेत्र में हुए गैंगरेप और पीड़िता की मौत के बाद देश भर में हंगामा हुआ था. इसी बीच मथुरा पुलिस ने पीएफआई संगठन के चार सदस्यों को मांट क्षेत्र से पकड़ा गया था. पूछताछ के दौरान यह पता चला कि इन सदस्यों की हाथरस में जतीय दंगा कराने की साजिश थी. पुलिस को मनी फंडिंग के कुछ सुबूत भी मिले थे. चारों सदस्यों के पास से जस्टिस फॉर हाथरस पंपलेट लैपटॉप मोबाइल सामग्री बरामद की गई थी, जोकि हाथरस में जाकर संप्रदाय हिंसा फैलाना चाहते थे. इसी आधार पर चंदपा पुलिस ने इन सभी पीएफआई सदस्यों पर देशद्रोह जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.
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प्रकाश में आया मास्टरमाइंड का नाम
मांट टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किए गए पीएफआई के चार सदस्यों से एसटीएफ की टीम ने सघनता से पूछताछ की तो रऊफ शरीफ का नाम प्रकाश में आया था, जोकि विदेशों से फंडिंग कराता था. फिलहाल रऊफ शरीफ को एडीजे प्रथम कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला कारागार में भेज दिया है. आज लखनऊ एसटीएफ की टीम पीएफआई सदस्यों के खिलाफ अहम दस्तावेज न्यायालय में पेश कर सकती है. दोपहर बाद एडीजे प्रथम की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएफआई के पांचों सदस्यों की पेशी होगी.