मथुरा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा श्री कृष्ण जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किए जाने के बाद भी क्षेत्र में अवैध मांस बिक्री और गोकशी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन क्षेत्र से अवैध मांस बिक्री और गोकशी की घटनाएं प्रकाश में आ रही है. ऐसा ही एक मामला शुक्रवार की सुबह देखने को मिला जहां गोविंद नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मनोहरपुरा मेवाती मोहल्ला के एक घर से गौ रक्षक दल के कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस प्रशासन के सहयोग से भारी मात्रा में गौमांस और गोकशी के औजार बरामद किए गए. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए युवक को हिरासत में ले लिया. वहीं, पुलिस फरार आरोपियों की भी तलाश में जुटी हुई है.
ये है मामला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा श्री कृष्ण जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किए जाने के बाद भी क्षेत्र में गोकशी का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन गोकशी की घटनाएं क्षेत्र से प्रकाश में आ रही है. ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को जनपद मथुरा के गोविंद नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत मनोहरपुरा स्थित मेवाती मोहल्ला में देखने को मिला. जहां गौ रक्षक दल के कार्यकर्ताओं और इलाका पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए एक घर से भारी मात्रा में गौ मांस और गोकशी करने के लिए औजार बरामद किए. वहीं पुलिस ने मौके से गोकशी कर रहे एक आरोपी शरुन नामक युवक को भी हिरासत में ले लिया. वहीं पुलिस फरार आरोपियों की भी तलाश में जुटी हुई है.
गौ रक्षक दल के कार्यकर्ताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र में तीर्थ स्थल घोषित होने के बाद भी गोकशी की घटनाएं प्रकाश में आ रही है. पुलिस को इस ओर ध्यान देना चाहिए. अगर पुलिस इस ओर कोई ध्यान नहीं देती तो गौ रक्षक दल का एक-एक कार्यकर्ता अपने आप में सक्षम है वह इस ओर कदम उठाएंगे.
जानकारी देते हुए रौनक ठाकुर अध्यक्ष काऊ केयर एंड कंट्रोल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किए जाने के बाद भी क्षेत्र से अवैध मांस बिक्री और गोकशी की घटनाएं लगातार प्रकाश में आ रही है. पुलिस प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए. मेवाती मोहल्ला के एक घर से भारी मात्रा में गोमांस और गोकशी करने के औजार बरामद किए गए हैं .अगर जल्द ही इस प्रकार की घटनाएं नहीं थमती तो हर एक गौ रक्षक अपने आप में सक्षम है हमारे द्वारा इस ओर कठोर कदम उठाया जाएगा. पुलिस प्रशासन को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा से सामने न आए और ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगे.
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