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ये हैं मथुरा के शराब प्रतिबंधित इलाके, पीते हुए पकड़े गए तो हो सकती है कार्रवाई - मथुरा लेटेस्ट न्यूज

साल 2017 में सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने मथुरा के तीर्थस्थलों में शराबबंदी की घोषणा की थी. इस प्रस्ताव पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने के शराबबंदी लागू कर दी गई थी. फिलहाल सरकार की नीतियों में कोई बदलाव न होने के चलते यथास्थिति बनी हुई है.

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मथुरा में शराब प्रतिबंधित
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Published : Jun 6, 2022, 6:07 PM IST

मथुरा: साल 2017 में सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने मथुरा के तीर्थस्थलों में शराबबंदी की घोषणा की थी. इस प्रस्ताव पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मथुरा के वृंदावन, बरसाना, गोकुल, गोवर्धन, नंद गांव, राधा कुंड और बलदेव में शराबबंदी लागू कर दी गई थी. आबकारी विभाग के मुताबिक सरकार की नीतियों में कोई बदलाव न होने के चलते वर्तमान में भी यथास्थिति बनी हुई है.

आबकारी विभाग के मुताबिक साल 2017 में बरसाना में शराब की दुकानों को हटाना बाकी रह गया था. लेकिन 5 जून 2018 को कैबिनेट से शराबबंदी के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद यहां स्थित शराब की दुकानों को भी अन्य इलाकों में स्थानांतरित कर दिया गया था. अब मथुरा के तीर्थस्थलों में कोई भी ऐसी दुकान नहीं है, जहां किसी भी प्रकार की शराब बिक्री होती हो. यह इलाके पूरी तरह से शराब निषिद्ध इलाके हैं. कहीं और से लाकर भी यहां शराब के सेवन में भी मनाही है.

जानकारी देते हुए जिला आबकारी अधिकारी प्रभात कुमार

यह भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि के आसपास 10 वर्ग किलोमीटर में शराब और भांग बिक्री पर लगा प्रतिबंध

जिला आबकारी अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि जिन इलाकों में मद्य निषेध विस्तारित किया गया था. वहां से साल 2018 में शराब की दुकानें हटा दी गई थीं. इनमें मथुरा के वृंदावन, बरसाना, गोकुल, गोवर्धन, नंद गांव, राधा कुंड और बलदेव शामिल हैं. वर्तमान में यथास्थिति बनी हुई है. किसी भी इलाके में शराब की कोई भी नई दुकान न ही खुली है और न ही भविष्य में खुलेगी, जब तक सरकार की नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं होता है. सरकार या शासन की तरफ से कोई अन्य कोई आदेश नहीं मिला है.

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मथुरा: साल 2017 में सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने मथुरा के तीर्थस्थलों में शराबबंदी की घोषणा की थी. इस प्रस्ताव पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मथुरा के वृंदावन, बरसाना, गोकुल, गोवर्धन, नंद गांव, राधा कुंड और बलदेव में शराबबंदी लागू कर दी गई थी. आबकारी विभाग के मुताबिक सरकार की नीतियों में कोई बदलाव न होने के चलते वर्तमान में भी यथास्थिति बनी हुई है.

आबकारी विभाग के मुताबिक साल 2017 में बरसाना में शराब की दुकानों को हटाना बाकी रह गया था. लेकिन 5 जून 2018 को कैबिनेट से शराबबंदी के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद यहां स्थित शराब की दुकानों को भी अन्य इलाकों में स्थानांतरित कर दिया गया था. अब मथुरा के तीर्थस्थलों में कोई भी ऐसी दुकान नहीं है, जहां किसी भी प्रकार की शराब बिक्री होती हो. यह इलाके पूरी तरह से शराब निषिद्ध इलाके हैं. कहीं और से लाकर भी यहां शराब के सेवन में भी मनाही है.

जानकारी देते हुए जिला आबकारी अधिकारी प्रभात कुमार

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जिला आबकारी अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि जिन इलाकों में मद्य निषेध विस्तारित किया गया था. वहां से साल 2018 में शराब की दुकानें हटा दी गई थीं. इनमें मथुरा के वृंदावन, बरसाना, गोकुल, गोवर्धन, नंद गांव, राधा कुंड और बलदेव शामिल हैं. वर्तमान में यथास्थिति बनी हुई है. किसी भी इलाके में शराब की कोई भी नई दुकान न ही खुली है और न ही भविष्य में खुलेगी, जब तक सरकार की नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं होता है. सरकार या शासन की तरफ से कोई अन्य कोई आदेश नहीं मिला है.

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