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छात्रवृत्ति घोटाले में बड़ी कार्रवाई, मथुरा के समाज कल्याण अधिकारी निलंबित

उत्तर प्रदेश शासन ने छात्रवृत्ति घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए, इस मामले में आरोपी मथुरा के समाज कल्याण अधिकारी को निलंबित कर दिया है. साथ ही शासन ने इस मामले की जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

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Published : Dec 23, 2020, 10:18 PM IST

निलंबित समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी
निलंबित समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी

मथुरा: जनपद में हुए करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले में शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई की गई है. इस मामले में शासन के आदेश के बाद जनपद के समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही इस मामले में दोषी कर्मचारियों-अधिकारियों और संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. फर्जी कॉलेजों के नाम से संस्था बनाई गई और करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति का घोटाला किया गया.

जिला समाज कल्याण अधिकारी निलंबित
बुधवार देर शाम को शासन ने जनपद के जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही शासन ने जनपद में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों, कर्मचारियों और संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं.

तीन सदस्यीय जांच टीम ने माना दोषी
इस मामले की जांच के दौरान तीन सदस्यीय जांच समिति के सामने 11 मान्यता विहीन शिक्षा संस्थान में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में करोड़ों रुपए के गोलमाल करने की बात सामने आयी थी. इसके साथ आरटीआई में खुलासा हुआ कि, 23 कॉलेज के 5 हजार से अधिक छात्रों को कोर्स पूरा नहीं कराया गया और करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति की अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट कर ली गई.


अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ घोटाले का आरोप
आरोप है कि, अधिकारियों की मिलीभगत से छात्रों के फर्जी प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र बनाकर, मान्यता विहीन शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों के फर्जी हस्ताक्षर करके करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति बैंकों से निकाली गई थी. बुधवार की देर शाम को मुख्यमंत्री के आदेश पर जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को निलंबित करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही दोषी कर्मचारी अधिकारियों पर एफआईआर करने के आदेश जारी होने के बाद जनपद में हड़कंप मचा हुआ है.

मथुरा: जनपद में हुए करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले में शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई की गई है. इस मामले में शासन के आदेश के बाद जनपद के समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही इस मामले में दोषी कर्मचारियों-अधिकारियों और संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. फर्जी कॉलेजों के नाम से संस्था बनाई गई और करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति का घोटाला किया गया.

जिला समाज कल्याण अधिकारी निलंबित
बुधवार देर शाम को शासन ने जनपद के जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही शासन ने जनपद में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों, कर्मचारियों और संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं.

तीन सदस्यीय जांच टीम ने माना दोषी
इस मामले की जांच के दौरान तीन सदस्यीय जांच समिति के सामने 11 मान्यता विहीन शिक्षा संस्थान में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में करोड़ों रुपए के गोलमाल करने की बात सामने आयी थी. इसके साथ आरटीआई में खुलासा हुआ कि, 23 कॉलेज के 5 हजार से अधिक छात्रों को कोर्स पूरा नहीं कराया गया और करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति की अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट कर ली गई.


अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ घोटाले का आरोप
आरोप है कि, अधिकारियों की मिलीभगत से छात्रों के फर्जी प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र बनाकर, मान्यता विहीन शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों के फर्जी हस्ताक्षर करके करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति बैंकों से निकाली गई थी. बुधवार की देर शाम को मुख्यमंत्री के आदेश पर जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को निलंबित करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही दोषी कर्मचारी अधिकारियों पर एफआईआर करने के आदेश जारी होने के बाद जनपद में हड़कंप मचा हुआ है.

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