मथुरा: 27 नवंबर 2019 को लूट के मामले में संजय कालिया जिला कारागार में बंद हुआ था, जिसकी मौत 14 दिसंबर 2019 को उपचार के दौरान लखनऊ में हो गई थी. इसके बाद जैसे ही संजय कालिया का शव 15 दिसंबर को परिजनों को सौंपा गया तो परिजनों ने जिला कारागार के अधिकारियों पर आरोप लगाया.
परिवारों का कहना है कि संजय कालिया के साथ पुलिस द्वारा मारपीट की गई है, जिसके चलते उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इस कड़ी में जेल अधीक्षक ने बताया कि संजय कालिया नशे का आदी था जो लंबे समय से बीमार था, जिसके कारण उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
जिला कारागार में बंदी की मौत
- जिला कारागार में लूट के मामले में विगत 27 नवंबर से बंद संजय कालिया थाना रिफाइनरी की 14 दिसंबर को उपचार के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी.
- परिजनों को जब इस बात की सूचना मिली तो परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि संजय के साथ जिला कारागार में मारपीट हुई है, जिसके कारण उपचार उसकी मौत हो गई.
- इस दौरान जेल अधीक्षक ने बताया कि बंदी जेल में आया था तभी से लगातार बीमार चल रहा था.
- बंदी का उपचार भी कारागार प्रशासन के अस्पताल द्वारा किया जा रहा था.
- कुछ दिनों पूर्व तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके कारण आरोपी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मथुरा रेफर किया गया, जहां से हालत गंभीर होने के चलते आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया.
- हालात गंभीर होने के कारण एसएन मेडिकल कॉलेज से संजय को लखनऊ रेफर कर दिया गया, जहां पर इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
- संजय के परिजन कारागार प्रशासन पर उसकी मौत का आरोप लगा रहे हैं.
- इस मामले में जब वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्री से बात की तो उन्होंने बताया कि संजय जिस दिन जेल में आया था तभी से लगातार बीमार चल रहा था.
- बंदी को कुछ गंभीर बीमारियां थीं, जिनका इलाज कारागार प्रशासन द्वारा कराया जा रहा था.
- हालत खराब होने पर इसको जेल प्रशासन द्वारा अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसने लखनऊ में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
- मृतक बंदी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिसमें किसी भी तरह की कोई भी चोट के निशान या अन्य किसी तरह के निशान तक बंदी के शरीर पर नहीं पाए गए हैं.
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