मथुरा: उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को सदन में अनुपूरक बजट में उत्तर प्रदेश में बंद पड़ी मथुरा की छाता शुगर मिल सहित छह मिलों को शुरू करने के लिए 5 हजार करोड़ का बजट का प्रधान रखा है. इसके बावजूद भी मथुरा के किसान सरकार से संतुष्ट नहीं है. किसानों का कहना है कि किसान अभी संतुष्ट नहीं है वह समझ नहीं पा रहा है कि यह जुमलेबाजी है या हकीकत है .पहले भी बजट पास होते रहे हैं आश्वासन मिलता रहा है. लेकिन फिर बजट रुक भी जाता है. जब तक मिल चालू नहीं हो जाती जब तक किसानों को संतुष्टि नहीं होगी ,उसके बाद ही किसान गन्ना बुवाई का कार्य शुरू करेगा.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार छाता में स्थित शुगर मिल की शुरुआत वर्ष 1978 में क्षेत्रीय विधायक बाबू तेजपाल द्वारा कराई गई थी. यह मिल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 5 मिलों में से आगरा मंडल की इकलौती मील थी, जिसकी कुल क्षमता 1250 टीसीडी थी, जिसे तत्कालीन मायावती सरकार ने 2008 में बंद करा दिया था. जिसकी वजह से क्षेत्र के गन्ना किसानों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई थी.
किसान नेता पहलाद चौधरी ने जानकारी दी
जानकारी देते हुए किसान नेता पहलाद चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने जो बजट दिया हुआ है उससे हम पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं. अगर यह बजट पास करके मिल का काम चालू करवा दिया जाए, इतनी जबरदस्त ठंड पड़ रही है 22 से 23 दिन इस धरने को चलते हुए रात दिन हो गए हैं, यहां के किसान इतने परेशान हैं हर चीज से ठंड से बचाव के लिए इनके पास कोई उपाय भी नहीं है, कपड़े के टेंट के नीचे अपनी रातें किसान गुजार रहे हैं और किसान जितना आज के समय में परेशान है उतना कोई भी परेशान नहीं है. किसान नेता ने कहा कि यह धरना यहां से तभी खत्म होगा जब गन्ना मिल के अंदर कोई काम शुरू हो जाए तभी किसान संतुष्ट होगा, उसके बाद ही हमारा धरना खत्म होगा. वरना यह धरना चलता रहेगा.
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