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जन्मभूमि के मालिकाना हक का मामला: 'श्रीकृष्ण विराजमान' की याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई

श्रीकृष्ण विराजमान मालिकाना हक को लेकर जिला न्यायालय कोर्ट ने 29 सितंबर को फिर से सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है. बता दें कि भगवान 'श्रीकृष्ण विराजमान' की ओर 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक के लिए कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने जिला जज मथुरा की अदालत में अपील की थी.

जन्मभूमि के मालिकाना हक का मामला
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Published : Sep 20, 2021, 6:40 PM IST

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ( shri krishna janmabhoomi) के मालिकाना हक मामले में सोमवार को मथुरा जनपद कोर्ट में सुनवाई हुई. एक घंटे चली बहस के बाद मामले की अगली सुनवाई को 29 सितंबर तक बढ़ा दिया गया. मुस्लिम पक्ष प्रतिवादी अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह अपील सुनने लायक नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए. लेकिन, न्यायालय ने वादी पक्ष की अपील सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई 29 सितंबर तय कर दी.

श्रीकृष्ण विराजमान 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर 25 सितंबर 2020 को याचिका दाखिल की गई थी. कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका को जिला जज साधना रानी ठाकुर ने स्वीकार कर लिया था. याचिका में पक्षकार बनाए यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मेनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश न्यायालय ने दिया था. तभी से मथुरा जनपद कोर्ट मामले की सुनवाई चल रही है.

सोमवार को कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका पर सुनवाई के लिए जिला न्यायालय कोर्ट दोपहर दो बजे वादी और प्रतिवादी पक्ष को बुलाया था. दोनों ओर के अधिवक्ताओं ने मामले में बहस की. मुस्लिम पक्षकार ने एतराज जताते हुए जन्मभूमि मामले को खारिज करने की कोर्ट से अपील की. लेकिन, वादी पक्ष को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई 29 सितंबर मुकर्रर कर दी. अब सभी को 29 सितंबर का इंतजार है.

श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक का है मामला

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. मंदिर पक्षकारों का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है, लिहाजा, पूरी जमीन कृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री सहित पांच अधिवक्ताओं ने 25 सितंबर 2020 को मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर जिला न्यायालय में याचिका डाली थी. मामले में चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए. शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. जन्मभूमि मामले को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है. श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में 6 मामले और जिला जज की कोर्ट में एक मामला अभी विचाराधीन है. मंदिर सेवायत कृष्ण भक्त भगवान श्री कृष्ण के वंशज मनीष यादव की याचिका भी विचाराधीन है. जन्मभूमि मामले के सुनवाई के लिए समय-समय पर तारीख के पड़ रही है.


अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट में बहस के दौरान मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने एतराज उठाते हुए अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा जन्मभूमि मामला सुनवाई के लायक नहीं है. इसलिए यह दावा खारिज कर दिया जाए. जज ने कहा कि मस्जिद को लेकर हिंदुओं को 52 साल बाद इसकी याद क्यों आई. इस पर हमने जज साहब से कहा करोड़ों हिंदुओं की आस्था भगवान कृष्ण में बसी हुई है. मुस्लिम शासक द्वारा मंदिर तोड़ कर अवैध मस्जिद का निर्माण कराया गया. भगवान श्री कृष्ण की संपत्ति को लेकर जो समझौता हुआ था वो अवैध था. इसलिए समझौता रद करके पूरी संपत्ति भगवान श्री कृष्ण जन्म भूमि को दी जाए.

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ( shri krishna janmabhoomi) के मालिकाना हक मामले में सोमवार को मथुरा जनपद कोर्ट में सुनवाई हुई. एक घंटे चली बहस के बाद मामले की अगली सुनवाई को 29 सितंबर तक बढ़ा दिया गया. मुस्लिम पक्ष प्रतिवादी अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह अपील सुनने लायक नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए. लेकिन, न्यायालय ने वादी पक्ष की अपील सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई 29 सितंबर तय कर दी.

श्रीकृष्ण विराजमान 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर 25 सितंबर 2020 को याचिका दाखिल की गई थी. कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका को जिला जज साधना रानी ठाकुर ने स्वीकार कर लिया था. याचिका में पक्षकार बनाए यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मेनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश न्यायालय ने दिया था. तभी से मथुरा जनपद कोर्ट मामले की सुनवाई चल रही है.

सोमवार को कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका पर सुनवाई के लिए जिला न्यायालय कोर्ट दोपहर दो बजे वादी और प्रतिवादी पक्ष को बुलाया था. दोनों ओर के अधिवक्ताओं ने मामले में बहस की. मुस्लिम पक्षकार ने एतराज जताते हुए जन्मभूमि मामले को खारिज करने की कोर्ट से अपील की. लेकिन, वादी पक्ष को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई 29 सितंबर मुकर्रर कर दी. अब सभी को 29 सितंबर का इंतजार है.

श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक का है मामला

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. मंदिर पक्षकारों का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है, लिहाजा, पूरी जमीन कृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री सहित पांच अधिवक्ताओं ने 25 सितंबर 2020 को मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर जिला न्यायालय में याचिका डाली थी. मामले में चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए. शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. जन्मभूमि मामले को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है. श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में 6 मामले और जिला जज की कोर्ट में एक मामला अभी विचाराधीन है. मंदिर सेवायत कृष्ण भक्त भगवान श्री कृष्ण के वंशज मनीष यादव की याचिका भी विचाराधीन है. जन्मभूमि मामले के सुनवाई के लिए समय-समय पर तारीख के पड़ रही है.


अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट में बहस के दौरान मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने एतराज उठाते हुए अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा जन्मभूमि मामला सुनवाई के लायक नहीं है. इसलिए यह दावा खारिज कर दिया जाए. जज ने कहा कि मस्जिद को लेकर हिंदुओं को 52 साल बाद इसकी याद क्यों आई. इस पर हमने जज साहब से कहा करोड़ों हिंदुओं की आस्था भगवान कृष्ण में बसी हुई है. मुस्लिम शासक द्वारा मंदिर तोड़ कर अवैध मस्जिद का निर्माण कराया गया. भगवान श्री कृष्ण की संपत्ति को लेकर जो समझौता हुआ था वो अवैध था. इसलिए समझौता रद करके पूरी संपत्ति भगवान श्री कृष्ण जन्म भूमि को दी जाए.

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