मथुरा: वेटरनरी विश्वविद्यालय में बनी औषधि वाटिका में विभिन्न औषधियों के पौधे लगे हुए हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों में काम आते हैं. यह पौधे मनुष्य की बीमारियों के साथ-साथ पशुओं की बीमारी के लिए भी प्रयोग में लाए जाते हैं. इसके लिए विश्वविद्यालय में निरंतर शोध कार्य चल रहा है. वहीं इस औषधि वाटिका की मुख्य बात यह भी है कि यहां अधिकतर पौधे मुख्यमंत्री से लेकर बड़े-बड़े मंत्रियों, अधिकारियों के साथ कुलपति आदि के द्वारा रोपण किए गए हैं.
वेटरनरी विश्वविद्यालय मथुरा में साल 2016 में औषधि वाटिका की स्थापना की गई थी. इस वाटिका में सभी पौधे औषधियों के हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों में लाभप्रद हैं. औषधि वाटिका के प्रभारी डॉ. बृजेश चंद्र उपाध्याय ने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य यह है कि जो औषधियां मनुष्य के काम आती हैं, उनको अधिक मात्रा में लेकर के उनके भार के हिसाब से उनको पशुओं की बीमारी के लिए भी तैयाक करना है. उनसे हमारे पशुओं को भी लाभ मिलेगा. इस तरह की शोध हमारे विश्वविद्यालय द्वारा निरंतर की जा रही है.
औषधि वाटिका में हैं डेढ़ सौ प्रजातियां
औषधि वाटिका में लगभग डेढ़ सौ प्रजातियों के पौधे हैं. जैसे एलोवेरा, सुदर्शन, तुलसी, खस और सारे मेडिसन प्लांट जिनका मनुष्य की बीमारियों में प्रयोग किया जा सकता है.
हर अतिथि को देते हैं पौधे
विश्वविद्यालय में जितने भी विशिष्ट अतिथि आते हैं, चाहे वह किसी विश्वविद्यालय के कुलपति हों, चाहे प्रदेश के मुख्यमंत्री हों या राज्यपाल हों. सबको प्रांगण में लगे औषधि पौधे स्मृति के रूप में दिए जाते हैं.