मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण के मुख्य पक्षकार मनीष यादव ने शुक्रवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में एक नई पिटीशन दाखिल की. जिसमें उन्होंने जून माह में 30 अवकाश के दौरान विवादित स्थल से सुबूत मिटाने की आशंका जाहिर की है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि यथास्थिति बनाए रखने को स्टे आर्डर पारित किया जाए और शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में कोर्ट कमिश्नर की ओर से सर्वे कराई जाए. वहीं, प्रार्थना पत्र पर बहस होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होने की बात कही गई है.
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में एक वाद दाखिल करते हुए कहा कि आगरा के लाल किले के पास बेगम साहिबा मस्जिद में भगवान श्रीकृष्ण का मूल विग्रह मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया गया है. जब लोग उन सीढ़ियों से उतरते व चढ़ते थे तो हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचता था, जो मुगल शासक औरंगजेब का मकसद था.
साथ ही न्यायालय से दरखास्त की गई है कि उस विग्रह को वहां से मंगाया जाए और श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में पुनः स्थापित की जाए. वहीं, न्यायालय ने अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह के प्रार्थना पत्र का आदेश रिजर्व में रख लिया है.
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