मथुरा: यूं तो कान्हा की नगरी कृष्ण लीलाओं के लिए जानी जाती है, लेकिन कान्हा की नगरी मथुरा में भगवान शिव(Lord Shiv) का एक ऐसा मंदिर है जहां मान्यता है कि यह मंदिर द्वापर कालीन है. रंगेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. रंगेश्वर महादेव मंदिर(Rangeshwar Mahadev Temple) को दक्षिण का कोतवाल के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में 40 दिन तक दीपक जलाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार कंस के वध के बाद भगवान श्री कृष्ण और बलराम के बीच इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया कि आखिर कंस को किसने मारा है. दोनों का झगड़ा देख भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि तुम दोनों भाइयों ने ही कंस का वध किया है. शिव जी ने कृष्ण से कहा कि तुम छलिया हो तुमने छल से कंस का वध किया है, तो वहीं बलराम से कहा कि तुम बलिया हो तुमने बल से कंस का वध किया है. यह कहकर भगवान शिव वहां से जाने लगे तभी श्री कृष्ण और बलराम ने भगवान शिव के सामने हाथ जोड़कर कहा कि प्रभु आपने जिस प्रकार हम दोनों भाइयों का न्याय किया है इसी प्रकार आपको रंगेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाएगा. इसी समय से महादेव की पूजा इस मंदिर में रंगेश्वर महादेव के रूप में की जाती है.
कैसे पहुंचें
मथुरा में स्थित रंगेश्वर मंदिर क्वालिटी तिराहा-होली गेट मार्ग स्थित गली में स्थित हैं. इस मंदिर में जाने के लिए दूसरा रास्ता अंतापाड़ा से भी है. पुराने स्टैंड से पैदल भी रंगेश्वर महादेव के मंदिर जाया जा सकता है.