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भगवान शिव ने यहां कृष्ण और बलराम का झगड़ा कराया था शांत, जानें क्या है रंगेश्वर महादेव की मान्यता

भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में एक ऐसा मंदिर स्थापित है जहां भगवान शिव ने कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम का झगड़ा शांत कराया था. जो रंगेश्वर महादेव(Rangeshwar Mahadev) के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर में दर्शन पूजन से सभी मनोकामना पूरी होती है.

स्पेशल रिपोर्ट
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Published : Aug 6, 2021, 6:37 AM IST

मथुरा: यूं तो कान्हा की नगरी कृष्ण लीलाओं के लिए जानी जाती है, लेकिन कान्हा की नगरी मथुरा में भगवान शिव(Lord Shiv) का एक ऐसा मंदिर है जहां मान्यता है कि यह मंदिर द्वापर कालीन है. रंगेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. रंगेश्वर महादेव मंदिर(Rangeshwar Mahadev Temple) को दक्षिण का कोतवाल के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में 40 दिन तक दीपक जलाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार कंस के वध के बाद भगवान श्री कृष्ण और बलराम के बीच इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया कि आखिर कंस को किसने मारा है. दोनों का झगड़ा देख भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि तुम दोनों भाइयों ने ही कंस का वध किया है. शिव जी ने कृष्ण से कहा कि तुम छलिया हो तुमने छल से कंस का वध किया है, तो वहीं बलराम से कहा कि तुम बलिया हो तुमने बल से कंस का वध किया है. यह कहकर भगवान शिव वहां से जाने लगे तभी श्री कृष्ण और बलराम ने भगवान शिव के सामने हाथ जोड़कर कहा कि प्रभु आपने जिस प्रकार हम दोनों भाइयों का न्याय किया है इसी प्रकार आपको रंगेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाएगा. इसी समय से महादेव की पूजा इस मंदिर में रंगेश्वर महादेव के रूप में की जाती है.

स्पेशल रिपोर्ट
जनपद मथुरा के हृदय स्थल कहे जाने वाले होली गेट के नजदीक रंगेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. ऐसा कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों को भगवान कभी निराश नहीं करते. यहां जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान के समक्ष अपनी मनोकामना रखता है, भगवान उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. ब्रज वासियों के साथ साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी इस मंदिर में अपनी गहरी आस्था रखते हैं. सावन के समय यहां भक्तों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिलती है. सुबह शाम भगवान की पूजा और श्रृंगार के दर्शन से भक्त यहां खिंचे चले आते हैं.

इसे भी पढ़ें-बाबा विश्वनाथ ने यहां मां अन्नपूर्णा से मांगी थी भिक्षा, जानिए...क्या है पौराणिक मान्यता


कैसे पहुंचें

मथुरा में स्थित रंगेश्वर मंदिर क्वालिटी तिराहा-होली गेट मार्ग स्थित गली में स्थित हैं. इस मंदिर में जाने के लिए दूसरा रास्ता अंतापाड़ा से भी है. पुराने स्टैंड से पैदल भी रंगेश्वर महादेव के मंदिर जाया जा सकता है.

मथुरा: यूं तो कान्हा की नगरी कृष्ण लीलाओं के लिए जानी जाती है, लेकिन कान्हा की नगरी मथुरा में भगवान शिव(Lord Shiv) का एक ऐसा मंदिर है जहां मान्यता है कि यह मंदिर द्वापर कालीन है. रंगेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. रंगेश्वर महादेव मंदिर(Rangeshwar Mahadev Temple) को दक्षिण का कोतवाल के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में 40 दिन तक दीपक जलाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार कंस के वध के बाद भगवान श्री कृष्ण और बलराम के बीच इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया कि आखिर कंस को किसने मारा है. दोनों का झगड़ा देख भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि तुम दोनों भाइयों ने ही कंस का वध किया है. शिव जी ने कृष्ण से कहा कि तुम छलिया हो तुमने छल से कंस का वध किया है, तो वहीं बलराम से कहा कि तुम बलिया हो तुमने बल से कंस का वध किया है. यह कहकर भगवान शिव वहां से जाने लगे तभी श्री कृष्ण और बलराम ने भगवान शिव के सामने हाथ जोड़कर कहा कि प्रभु आपने जिस प्रकार हम दोनों भाइयों का न्याय किया है इसी प्रकार आपको रंगेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाएगा. इसी समय से महादेव की पूजा इस मंदिर में रंगेश्वर महादेव के रूप में की जाती है.

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जनपद मथुरा के हृदय स्थल कहे जाने वाले होली गेट के नजदीक रंगेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. ऐसा कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों को भगवान कभी निराश नहीं करते. यहां जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान के समक्ष अपनी मनोकामना रखता है, भगवान उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. ब्रज वासियों के साथ साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी इस मंदिर में अपनी गहरी आस्था रखते हैं. सावन के समय यहां भक्तों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिलती है. सुबह शाम भगवान की पूजा और श्रृंगार के दर्शन से भक्त यहां खिंचे चले आते हैं.

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कैसे पहुंचें

मथुरा में स्थित रंगेश्वर मंदिर क्वालिटी तिराहा-होली गेट मार्ग स्थित गली में स्थित हैं. इस मंदिर में जाने के लिए दूसरा रास्ता अंतापाड़ा से भी है. पुराने स्टैंड से पैदल भी रंगेश्वर महादेव के मंदिर जाया जा सकता है.

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